NRC, SC/ST सहित बिहार नियोजित शिक्षक मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई - The Rajasthan Teachers Blog - राजस्थान - शिक्षकों का ब्लॉग

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Wednesday 15 August 2018

NRC, SC/ST सहित बिहार नियोजित शिक्षक मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली : असम के एनआरसी, SC/ST कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण देने और बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
इन तीनों मामले में से एक मामला SC/ST कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई करेगी.संविधान पीठ इस मसले पर सुनवाई कर रही है कि क्या 2006 के नागराज फैसले में पुनर्विचार करने की आवश्यकता है या नहीं.

क्या है असम एनआरसी मामला
इसके अलावा असम के NRC मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि उसने NRC के ड्राफ्ट में जगह न पा सके लोगों के दावे और आपत्तियों के निपटारे की प्रक्रिया बना ली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे रजिस्ट्री में जमा करवा दें. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NRC के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि आपको महज ड्राफ्ट तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी थी, लेकिन आपने मीडिया में गैरजिम्मेदाराना बयान दिए. आपका काम ड्राफ्ट तैयार करना है, मीडिया को ब्रीफ करना नहीं.आप कौन होते है, मीडिया में बयान देने वाले कि 'किसी खास दस्तावेज' को नागरिकता के दावे की पुष्टि के लिए सही माना जायेगा या नहीं या फिर नए दस्तावेज दे.कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को भी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि आपने जो किया, वो अदालत की अवमानना के दायरे में आता है, क्या आपको जेल भेज दे. प्रतीक हजेला ने माफी मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को सख्त हिदायत दी थी.
SC/ST कर्मचारियों को आरक्षण मामले में होगी सुनवाई
SC/ST कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने गुरुवार को सुनवाई शुरु करेगी. सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ सुनवाई करेगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2006 में नागराज मामले में आया फैसला ST/SC कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने में बाधा डाल रहा है,लिहाजा इस फैसले पर फिर से विचार की ज़रूरत है.
अटॉनी जनरल ने कहा था कि इस फैसले में आरक्षण दिए जाने के लिए दी गई शर्तो पर हर केस के लिए अमल करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है. केंद्र सरकार ने कहा था कि 2006 में आए इस फैसले में कहा गया था कि प्रमोशन में रिजर्वेशन देने से पहले ये साबित करना होगा कि सेवा में SC/ST का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके लिए डेटा देना हो. केंद्र सरकार की ओर से अर्टनी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि SC/ST समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा रहा है और SC/ST में पिछड़ेपन को साबित करने की ज़रूरत नहीं है. अर्टनी जनरल ने कहा था कि 1000 साल से SC/ST जो भुगत रहे है, उसे संतुलित करने के लिए SC/ST को आरक्षण दिया है, ये लोग आज भी उत्पीड़न के शिकार हो रहे है.

बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षक मामले पर भी होगी सुनवाई
बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बिहार सरकार के उस हलफनामे को गलत बताया था, जिसमें कहा गया था कि अगर पटना हाईकोर्ट के बढ़े वेतन के आदेश को लागू किया जाए तो राज्य सरकार पर करीब 28 हजार करोड़ का आर्थिक भार आएगा.सिब्बल ने कहा था कि राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में कहा था कि 10 हजार करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक भारआएगा जबकि सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में 18 हजार करोड़ के अतिरिक्त आर्थिक भार का जिक्र किया गया, ऐसे में राज्य सरकार के दोनों हलफनामा में अंतर है और राज्य सरकार अदालत को गुमराह कर रही है. मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.

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