एजुकेशन रिपोर्टर. जयपुर।
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पासबुक्स के जरिए विद्यार्थियों को
पढ़ाने पर रोक लगा दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और राज्य परियोजना निदेशक
की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल समय में किसी शिक्षक या
विद्यार्थी के पास बुक्स पाई जाती है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
अमल में लाई जाएगी।
आदेश निकालने के पीछे असली वजह तो सामने नहीं आ रही है, लेकिन अधिकारियों
का दावा है कि शिक्षा विभाग गुणवत्ता पढ़ाने एवं विद्यार्थियों में विषय के
प्रति समझ विकसित करने के प्रति कटिबद्ध है। विभाग का प्रयास है कि
विद्यार्थी रटंत प्रणाली को छोड़कर विभिन्न विषयों की मूल अवधारणा और
संकल्पना को समझे। ताकि परीक्षाओं में बेहतर परिणाम हासिल किया जा सके। पास
बुक्स का प्रयोग शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में बाधक है। शिक्षक
पाठ्यपुस्तक में पढ़ाए जाने वाली विषयवस्तु से संबंधित स्वरचित सवालों से
ही अभ्यास कराए। विभाग ने अपने आदेश में केवल पास बुक्स शब्द का ही प्रयोग
किया है। ऐसे में बाजार में बिकने वाले रिफ्रेशर, मॉडल पेपर, प्रश्न बैक और
वन वीक सीरिज का स्कूलों में उपयोग किया जा सकेगा या नहीं। इस बारे में
आदेश में कुछ नहीं कहा गया है।
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