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नियामक आयोग का गठन ठंडे बस्ते में, कैसे लगेगी निजी विश्वविद्यालयों पर लगाम

जयपुर। निजी विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्रियां बांटने और फर्जीवाड़े की घटनाएं रोकने के लिए सरकार द्वारा गठित किया जाने वाला नियामक आयोग अब भी धरातल पर नहीं उतर पाया है।
प्रदेश सरकार ने करीब 1 साल पहले विधानसभा में विनियामक आयोग के गठन की घोषणा की थी।

उस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ थे। उन्होंने सदन में जल्द से जल्द इस आयोग के गठन की बात कही थी। हालांकि, सदन में की गई घोषणा को 1 साल से अधिक समय हो चुका है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं हो पाया है। अब उच्च शिक्षा विभाग की मौजूदा मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना है कि जिन प्रदेशों में इस ​तरह के नियामक आयोग का गठन किया गया है वहां ये आयोग कोर्ट और कानूनी अड़चनों में अटका हुआ है। इसलिए प्रदेश में इस आयोग के गठन में किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं की जा रही है।
माहेश्वरी के अनुसार हम इस मामले में पूरी तैयारी करके ही इसका गठन करेंगे ताकि कोई कानूनी दिक्कत न आए। आयोग के गठन से पहले हमने निजी विश्वविद्यालयों के लिए गाइड लाइन जारी की है जिससे यूनिवर्सिटीज में फर्जी डिग्रीयों के गोरखधंधे की पुनरावृति न हो।

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