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समय के साथ शिक्षकों को भी बदलने की जरूरत : डॉ. मिश्र

शाहजहांपुर : शिक्षा सामाजिक बदलाव का साधन है। देश विकास को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए देश की भावी पीढ़ी को शैक्षिक कौशल से परिपूर्ण बनाने की आवश्यकता है।यह आवश्यकता हमारे देश के महान शिक्षक पूरी कर सकते हैं।
यह विचार एसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्र ने व्यक्त किए। डॉ. मिश्र एसएस कॉलेज में एनआईओएस द्वारा संचालित सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापकों के लिए द्विवर्षीय डीएलएड पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा की महान परंपरा रही है लेकिन बदलते हुए समय के साथ शिक्षकों को बदलने की आवश्यकता है। ज्ञान के नवीन क्षेत्रों और शिक्षण की नवीन तकनीकों के साथ शिक्षकों को सामंजस्य बिठा कर अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा तभी कक्षाओं में भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण हो पाएगा। डॉ. राधाकृष्णन शोध अध्ययन पीठ की निदेशक और शिक्षा विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीना शर्मा ने कहा कि मनुष्य अन्य जीवों से इस लिए भिन्न है क्योंकि उसने अपने विकास के क्रम में शिक्षा, धर्म, संस्कृति और भाषा का विकास किया है इसीलिए वह सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है। मनुष्य ही इस बात में सक्षम है कि वह अपनी जीवन स्थितियों में लगातार सुधार कर सके। डॉ. प्रभात शुक्ल ने प्रतिभागियों को 15 दिवसीय व्यक्तिगत संपर्क सत्र पीसीपी के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों, सत्रीय कार्यों एवं इस दौरान प्रतिभागियों के दायित्वों से उन्हें परिचित कराया। इस मौके पर डॉ. अमीर ¨सह, डॉ. प्रशांत अग्निहोत्री, विद्या देवी, डॉ. अर¨वद शुक्ल, डॉ. अरुण गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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