अजमेर। अगले वर्ष होने वाली राजस्थान अध्यापक भर्ती एवं पात्रता परीक्षा
(रीट) में शामिल नहीं होने के बावजूद भी लाखों अभ्यर्थी नई भर्ती के लिए
दावा पेश कर सकते हैं, लेकिन यह नियम उन्हीं पर लागू होगा जो इससे पूर्व
आयोजित हो चुकी आरटेट अथवा रीट उत्तीर्ण कर चुके हैं।
पूर्व में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अपने परिणाम प्रतिशत को बेहतर बनाने के लिए भी अगले साल रीट में शामिल हो सकते हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की आेर से रीट का आयोजन अगले वर्ष 11 फरवरी को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 6 नवम्म्बर से प्रारंभ होगी। रीट के माध्यम से इस बार 35 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
सात और तीन वर्ष है वैधता
राज्य में अध्यापक भर्ती के लिए आरटेट अथवा रीट देना अनिवार्य है। 2011 व 2012 में इस परीक्षा को आरटेट के रूप में आयोजित किया गया था। इसके बाद 2013 में आयोजित परीक्षा का नाम बदलकर रीट कर दिया गया। आरटेट के प्रमाण-पत्र की वैधता सात वर्ष और रीट के प्रमाण-पत्र की वैधता तीन वर्ष रखी गई है। इसके मायने यह हैं कि पूर्व में इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अगले वर्ष होने वाली 35 हजार अध्यापकों की भर्ती में भी दावेदार माने जाएंगे। इसके लिए उन्हें अगले साल होने वाली रीट में शामिल होना जरूरी नहीं है।
परिणाम सुधार के लिए दे सकते हैं रीट
पूर्व में आरटेट और रीट दे चुके एेसे अभ्यर्थी जो कट ऑफ माक्र्स में पिछड़कर अध्यापक बनने की सूची में जगह नहीं बना पाए थे वे अब अपने परिणाम प्रतिशत में सुधार के लिए अगले वर्ष होने वाली रीट परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके लिए उन्हें बाकायदा आवेदन करना होगा। प्रदेश में एेसे लाखों अभ्यर्थी हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद कट ऑफ माक्र्स में पिछड़ गए थे।
अधिकतम प्रतिशत से तय होगी नौकरी
पूर्व में आरटेट और रीट देने वाले अभ्यर्थी अगर अगले साल नई रीट परीक्षा में शामिल होंगे तो भर्ती के लिए जारी होने वाली कट ऑफ माक्र्स में जिस परीक्षा में उनके अधिकतम अंक होंगे वही मान्य होंगे। नई रीट में अगर किसी अभ्यर्थी के 70 प्रतिशत अंक आते हैं और पूर्व में उसका परिणाम प्रतिशत 65 फीसदी है तो भर्ती प्रक्रिया में उसके 70 प्रतिशत अंक मान्य होंगे। अगर नई रीट में अभ्यर्थी के 62 प्रतिशत अंक आते हैं तो उसका पुराना परिणाम 65 प्रतिशत बरकरार रहेगा। हालांकि नौकरी उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जो नई रीट परीक्षा के बाद अध्यापक भर्ती के लिए बनने वाली मेरिट की कट ऑफ माक्र्स के योग्य होंगे।
इनका कहना है...
नई अध्यापक भर्ती के लिए पुराने अभ्यर्थी भी दावेदार होंगे। बशर्ते कि नई मेरिट में उनका पुराना परिणाम कट ऑफ माक्र्स के योग्य हो। परिणाम सुधार के लिए पुराने अभ्यर्थी भी रीट दे सकते हैं। बेहतर परिणाम को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
- वासुदेव देवनानी, शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री
पूर्व में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अपने परिणाम प्रतिशत को बेहतर बनाने के लिए भी अगले साल रीट में शामिल हो सकते हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की आेर से रीट का आयोजन अगले वर्ष 11 फरवरी को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 6 नवम्म्बर से प्रारंभ होगी। रीट के माध्यम से इस बार 35 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
सात और तीन वर्ष है वैधता
राज्य में अध्यापक भर्ती के लिए आरटेट अथवा रीट देना अनिवार्य है। 2011 व 2012 में इस परीक्षा को आरटेट के रूप में आयोजित किया गया था। इसके बाद 2013 में आयोजित परीक्षा का नाम बदलकर रीट कर दिया गया। आरटेट के प्रमाण-पत्र की वैधता सात वर्ष और रीट के प्रमाण-पत्र की वैधता तीन वर्ष रखी गई है। इसके मायने यह हैं कि पूर्व में इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अगले वर्ष होने वाली 35 हजार अध्यापकों की भर्ती में भी दावेदार माने जाएंगे। इसके लिए उन्हें अगले साल होने वाली रीट में शामिल होना जरूरी नहीं है।
परिणाम सुधार के लिए दे सकते हैं रीट
पूर्व में आरटेट और रीट दे चुके एेसे अभ्यर्थी जो कट ऑफ माक्र्स में पिछड़कर अध्यापक बनने की सूची में जगह नहीं बना पाए थे वे अब अपने परिणाम प्रतिशत में सुधार के लिए अगले वर्ष होने वाली रीट परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके लिए उन्हें बाकायदा आवेदन करना होगा। प्रदेश में एेसे लाखों अभ्यर्थी हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद कट ऑफ माक्र्स में पिछड़ गए थे।
अधिकतम प्रतिशत से तय होगी नौकरी
पूर्व में आरटेट और रीट देने वाले अभ्यर्थी अगर अगले साल नई रीट परीक्षा में शामिल होंगे तो भर्ती के लिए जारी होने वाली कट ऑफ माक्र्स में जिस परीक्षा में उनके अधिकतम अंक होंगे वही मान्य होंगे। नई रीट में अगर किसी अभ्यर्थी के 70 प्रतिशत अंक आते हैं और पूर्व में उसका परिणाम प्रतिशत 65 फीसदी है तो भर्ती प्रक्रिया में उसके 70 प्रतिशत अंक मान्य होंगे। अगर नई रीट में अभ्यर्थी के 62 प्रतिशत अंक आते हैं तो उसका पुराना परिणाम 65 प्रतिशत बरकरार रहेगा। हालांकि नौकरी उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जो नई रीट परीक्षा के बाद अध्यापक भर्ती के लिए बनने वाली मेरिट की कट ऑफ माक्र्स के योग्य होंगे।
इनका कहना है...
नई अध्यापक भर्ती के लिए पुराने अभ्यर्थी भी दावेदार होंगे। बशर्ते कि नई मेरिट में उनका पुराना परिणाम कट ऑफ माक्र्स के योग्य हो। परिणाम सुधार के लिए पुराने अभ्यर्थी भी रीट दे सकते हैं। बेहतर परिणाम को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
- वासुदेव देवनानी, शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री
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