विश्वविद्यालयअनुदानआयोग यूजीसी की ओर से यूनिवर्सिटी कॉलेज शिक्षकों के
लिए जारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों की अधिसूचना जारी होने के साथ ही
शिक्षकों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है।
अधिसूचना की खामियों को लेकर दिल्ली में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन एआईफुक्टो की राष्ट्रीय बैठक होगी। आयोग ने अपनी सिफारिशों में पीएचडी एमफिल को दी जाने वाले पांच तीन इंक्रीमेंट को खत्म करने की बात को लिखा है। इतना ही नहीं 7वें वेतन आयोग में 10 हजार से कम ग्रेड पे वाले शिक्षकों के बेसिक वेतन का 2.67 गुणा और 10 हजार से अधिक ग्रेड पे वाले शिक्षकों को 2.72 गुणा के हिसाब से वेतन बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव रखा है। जबकि शिक्षक 10 हजार से कम ग्रेड पे वाले शिक्षकों को भी 2.72 गुणा के हिसाब से वेतन दिलाने की मांग कर रहे थे। केयू शिक्षक संघ कुटा एवं हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन एचफुक्टो प्रधान डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि यूजीसी ने अपनी सिफारिशों में केंद्र सरकार को तीन साल तीन महीने के लिए ही बढ़ाए वेतन का बोझ 50 प्रतिशत देने की बात कही है। यह पूरी तरह से गलत है।
65साल उम्र को भी करवाए लागू : कुटाउपप्रधान डॉ. दीपक राय बब्बर और कुटा सचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि यूजीसी को पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करवाने को भी लागू करवाना चाहिए। ताकि पूरे देश के शिक्षण संस्थानों में एकरूपता आए।
खामियों को दूर करे यूजीसी
कुटाके पूर्व प्रधान डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि यूजीसी को शोध के इंक्रीमेंट खत्म करने संबंधी, 50 प्रतिशत से बढ़ाकर आर्थिक बोझ को पहले की तरह 80 प्रतिशत पांच साल के लिए करने और 10 हजार ग्रेड पे से कम वाले शिक्षकों को भी बेसिक वेतन का 2.72 गुणा वेतन बढ़ोतरी का लाभ देना चाहिए। वहीं डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर यूनिवर्सिटी के लिए बोझ उठाना संभव नहीं होगा। इसलिए केंद्र सरकार को पूरे पांच साल के लिए वेतन बढ़ोतरी के खर्च के 80 प्रतिशत से अधिक का भुगतान करना चाहिए। इसके अलावा यूजी कॉलेज के प्राचार्यों को एसोसिएट प्रोफेसर और पीजी कॉलेज के प्राचार्यों को प्रोफेसर के हिसाब से वेतन बढ़ोतरी देने का प्रस्ताव भी पूरी तरह से गलत है। दोनों प्राचार्य हैं, इसलिए दोनों को प्रोफेसर के अनुसार ही वेतन बढ़ोतरी मिलनी चाहिए।
अधिसूचना की खामियों को लेकर दिल्ली में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन एआईफुक्टो की राष्ट्रीय बैठक होगी। आयोग ने अपनी सिफारिशों में पीएचडी एमफिल को दी जाने वाले पांच तीन इंक्रीमेंट को खत्म करने की बात को लिखा है। इतना ही नहीं 7वें वेतन आयोग में 10 हजार से कम ग्रेड पे वाले शिक्षकों के बेसिक वेतन का 2.67 गुणा और 10 हजार से अधिक ग्रेड पे वाले शिक्षकों को 2.72 गुणा के हिसाब से वेतन बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव रखा है। जबकि शिक्षक 10 हजार से कम ग्रेड पे वाले शिक्षकों को भी 2.72 गुणा के हिसाब से वेतन दिलाने की मांग कर रहे थे। केयू शिक्षक संघ कुटा एवं हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन एचफुक्टो प्रधान डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि यूजीसी ने अपनी सिफारिशों में केंद्र सरकार को तीन साल तीन महीने के लिए ही बढ़ाए वेतन का बोझ 50 प्रतिशत देने की बात कही है। यह पूरी तरह से गलत है।
65साल उम्र को भी करवाए लागू : कुटाउपप्रधान डॉ. दीपक राय बब्बर और कुटा सचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि यूजीसी को पूरे देश में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करवाने को भी लागू करवाना चाहिए। ताकि पूरे देश के शिक्षण संस्थानों में एकरूपता आए।
खामियों को दूर करे यूजीसी
कुटाके पूर्व प्रधान डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि यूजीसी को शोध के इंक्रीमेंट खत्म करने संबंधी, 50 प्रतिशत से बढ़ाकर आर्थिक बोझ को पहले की तरह 80 प्रतिशत पांच साल के लिए करने और 10 हजार ग्रेड पे से कम वाले शिक्षकों को भी बेसिक वेतन का 2.72 गुणा वेतन बढ़ोतरी का लाभ देना चाहिए। वहीं डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर यूनिवर्सिटी के लिए बोझ उठाना संभव नहीं होगा। इसलिए केंद्र सरकार को पूरे पांच साल के लिए वेतन बढ़ोतरी के खर्च के 80 प्रतिशत से अधिक का भुगतान करना चाहिए। इसके अलावा यूजी कॉलेज के प्राचार्यों को एसोसिएट प्रोफेसर और पीजी कॉलेज के प्राचार्यों को प्रोफेसर के हिसाब से वेतन बढ़ोतरी देने का प्रस्ताव भी पूरी तरह से गलत है। दोनों प्राचार्य हैं, इसलिए दोनों को प्रोफेसर के अनुसार ही वेतन बढ़ोतरी मिलनी चाहिए।
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