राज्य सरकार की ढिलाई के चलते गुस्साए शिक्षकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय पर धरना देकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से शिक्षक बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय के आगे एकत्रित हुए।
राजस्थान शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित हुए शिक्षकों ने वंचित रहे शिक्षकों का शीघ्र स्थायीकरण करने की मांग की। शिक्षक नेताओं ने बताया वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने 40 हजार शिक्षकों को नियुक्त प्रदान की थी। दो साल का प्रोबेशन काल पूरा होने के बाद मार्च, 2016 में वेतन नियमितीकरण किया गया। जबकि संशोधित परिणाम में चयन सूची से बाहर हुए प्रदेश के सात हजार सेवारत शिक्षकों का अभी तक स्थायीकरण नहीं हुआ है। जबकि उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों को समस्त परिलाभ देते हुए सेवा में स्थाई करने के आदेश दिए है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ढिलाई कर रहा है। दोपहर बाद शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से मिला। अतिरिक्त निदेशक ने शीघ्र ही शिक्षकों को एरियर भुगतान का आश्वासन दिया। लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने से शिक्षक शाम तक शिक्षा निदेशालय में भी डटे रहे। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल उपनिदेशक पंचायती राज से भी मिला। प्रतिनिधि मंडल ने वंचित शिक्षकों का शीध्र स्थायीकरण करने की मांग रखी। उपनिदेशक की ओर से सकारात्मक कार्यवाई का आश्वासन देने पर समिति पदाधिकारियों ने धरना समाप्ति की घोषणा की। धरने को कार्यक्रम संयोजक जयपाल सोनी, समिति के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु गुर्जर, हुकमचंद चौधरी, महावीर धतरवाल, जयदीप कस्वां आदि ने संबोधित किया।
शिक्षा निदेशालय के सामने धरने पर बैठे प्रदेश भर से पहुंचे थर्ड ग्रेड टीचर।
^स्थायीकरण के आदेश फरवरी में जारी कर दिए गए है। वहीं जिनका स्थायीकरण हुआ है उनको एरियर भुगतान के लिए भी संबंधित डीईओ को निर्देश दिए जा चुके हैं। असलममेहर, अतिरिक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा
^सांकेतिक धरना देकर शिक्षकों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। यदि शिक्षा विभाग ने 15 दिन में मांगों का निस्तारण नहीं किया तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। जयपालसोनी, कार्यक्रम संयोजक, राजस्थान शिक्षक संघर्ष समिति
इनका रहा समर्थन
शिक्षकसंघ शेखावत के प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित, शिक्षक संघ आंबेडकर के जिलाध्यक्ष मोडाराम कडेला, शिक्षक संघ भगत सिंह के जिलाध्यक्ष अनिल जोशी, शिक्षक संघ प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष आनंद पारीक, कम्प्यूटर संघ के मुकुल आचार्य आदि ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन प्रदान किया।
राजस्थान शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित हुए शिक्षकों ने वंचित रहे शिक्षकों का शीघ्र स्थायीकरण करने की मांग की। शिक्षक नेताओं ने बताया वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने 40 हजार शिक्षकों को नियुक्त प्रदान की थी। दो साल का प्रोबेशन काल पूरा होने के बाद मार्च, 2016 में वेतन नियमितीकरण किया गया। जबकि संशोधित परिणाम में चयन सूची से बाहर हुए प्रदेश के सात हजार सेवारत शिक्षकों का अभी तक स्थायीकरण नहीं हुआ है। जबकि उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों को समस्त परिलाभ देते हुए सेवा में स्थाई करने के आदेश दिए है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ढिलाई कर रहा है। दोपहर बाद शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से मिला। अतिरिक्त निदेशक ने शीघ्र ही शिक्षकों को एरियर भुगतान का आश्वासन दिया। लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने से शिक्षक शाम तक शिक्षा निदेशालय में भी डटे रहे। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल उपनिदेशक पंचायती राज से भी मिला। प्रतिनिधि मंडल ने वंचित शिक्षकों का शीध्र स्थायीकरण करने की मांग रखी। उपनिदेशक की ओर से सकारात्मक कार्यवाई का आश्वासन देने पर समिति पदाधिकारियों ने धरना समाप्ति की घोषणा की। धरने को कार्यक्रम संयोजक जयपाल सोनी, समिति के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु गुर्जर, हुकमचंद चौधरी, महावीर धतरवाल, जयदीप कस्वां आदि ने संबोधित किया।
शिक्षा निदेशालय के सामने धरने पर बैठे प्रदेश भर से पहुंचे थर्ड ग्रेड टीचर।
^स्थायीकरण के आदेश फरवरी में जारी कर दिए गए है। वहीं जिनका स्थायीकरण हुआ है उनको एरियर भुगतान के लिए भी संबंधित डीईओ को निर्देश दिए जा चुके हैं। असलममेहर, अतिरिक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा
^सांकेतिक धरना देकर शिक्षकों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। यदि शिक्षा विभाग ने 15 दिन में मांगों का निस्तारण नहीं किया तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। जयपालसोनी, कार्यक्रम संयोजक, राजस्थान शिक्षक संघर्ष समिति
इनका रहा समर्थन
शिक्षकसंघ शेखावत के प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित, शिक्षक संघ आंबेडकर के जिलाध्यक्ष मोडाराम कडेला, शिक्षक संघ भगत सिंह के जिलाध्यक्ष अनिल जोशी, शिक्षक संघ प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष आनंद पारीक, कम्प्यूटर संघ के मुकुल आचार्य आदि ने धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन प्रदान किया।
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