सवाईमाधोपुर. शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते परीक्षा परिणाम न्यून रहने
व नामांकन कम रहने वाले शिक्षकों को दिए गए 17 सीसीए के नोटिसों का आठ माह
गुजरने के बाद भी निस्तारण नहीं किया गया है।
विभाग की ओर से नोटिस देने के सात माह बाद सुनवाई कर खानापूर्ति तो कर ली गई, लेकिन उसके करीब एक माह बाद भी प्रकरणों का निस्तारण करने में ढिलाई बरती जा रही है। इससे शिक्षकों में रोष है। इस संबंध में शिक्षकों ने बीईईओ से लेकर जिला कलक्टर तक गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गौरतलब है कि मण्डल स्तर की तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी अध्यापक पद पर विषयवार पदोन्नति हो चुकी है, लेकिन प्रकरणों का निस्तारण किए बिना ही मौखिक आदेश से उन्हें नवपद स्थापन स्थान के लिए कार्यमुक्त कर दिया।
स्थाईकरण व नियमितीकरण रुका
शिक्षा अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी के चलते विभागीय आरोप पत्रों को लम्बित रखकर शिक्षकों को एक साल तक परेशान रखा। वर्ष 2013 व 2015 में नियुक्त शिक्षकों का वेतन नियमितीकरण व स्थाईकरण रोक दिया गया। उनके 9, 18 व 27 के आश्वासित कैरियर प्रगति के लाभ रोके गए। कई शिक्षकों की सेवानिवृत्ति बाद पेंशन तक की फाइल अटक गई। इतन ही नहीं और अब पदोन्नत शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण किए बिना ही उन्हें पदोन्नत कर कार्य ग्रहण के लिए पदोन्नत स्थान के लिए कार्य मुक्त कर दिया गया, लेकिन अब भी कोई अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है। और इस मामले में सबसे गंभीर अनियमितता यह है कि सीसीए नियम 17 के जिन आरोप-पत्रों के कारण शिक्षकों के यह सब लाभ रोके गए, उनको जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय ने बिना दर्ज, डिस्पेच किए केवल उनकी फोटो कॉपी कर उन पर संबंधित शिक्षकों के नाम लिखकर जारी कर दिए थे।
सूचना भेजने के दौरान छोड़ी कमी
शिक्षकों ने बताया कि 25 सितम्बर को शिक्षा निदेशक माध्यमिक नथमल डिडेल की अध्यक्षता में 2017 वर्ष की द्वितीय श्रेणी में विषयवार पदोन्नति के लिए अजमेर आरपीएससी में मण्डल उपनिदेशक को भेजी गई सूचना में भी सवाईमाधोपुर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पात्रता सूची में जानबूझकर कालम संख्या 16, जिसमें विभागीय जांच आरोप पत्र की सूचना देनी थी, लेकिन उसे खाली छोड़ा गया। अब जब गलत सूचना से पदोन्नति हो गई तब भी 12 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई के बाद इनका निस्तारण करने के आदेश जारी नहीं किए गए।
1100 शिक्षकों का अटका निस्तारण
शिक्षकों ने बताया कि गत 8 माह से प्रारंभिक शिक्षा विभाग से शिक्षा अधिकारियों ने कराीब 1100 शिक्षकों को सीसीए नियम 17 के तहत आरोप पत्र थमा रखे थे। बार-बार शिक्षक संगठनों द्वारा शिकायत करने के बाद इनका निस्तारण नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में न्यून परिणाम व संस्थाप्रधान को न्यून नामांकन के चलते उन्हें नोटिस दिए थे। लेकिन विभागीय परिपत्र 14 अप्रेल 2016 के अनुसार इनका अंतिम निस्तारण 15 अक्टूबर 2016 में ही करना था। लेकिन आरोप पत्र मार्च 2017 में दिए थे। उस पर भी अब तक कोई सुनवाई नहीं की गई।
आखिर कब होंगे आदेशों पर डीईईओ के हस्ताक्षर
शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा अधिकारी पिछले एक माह से प्रकरणों का निस्तारण कर डीईओ के हस्ताक्षर करने की बात कह रहे है। लेकिन करीब एक माह से अभी तक आदेशों पर डीईईओ के हस्ताक्षर नहीं होने से निस्तारण कार्य अटका हुआ है।
आदेश करने ही बाकी है
शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण व सुनवाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। निस्तारित प्रकरणों पर आदेश करने बाकी है। एक दो दिन में हस्ताक्षर कर आदेश निकाल देंगे।
महेशकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, सवाईमाधोपुर।
विभाग की ओर से नोटिस देने के सात माह बाद सुनवाई कर खानापूर्ति तो कर ली गई, लेकिन उसके करीब एक माह बाद भी प्रकरणों का निस्तारण करने में ढिलाई बरती जा रही है। इससे शिक्षकों में रोष है। इस संबंध में शिक्षकों ने बीईईओ से लेकर जिला कलक्टर तक गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गौरतलब है कि मण्डल स्तर की तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी अध्यापक पद पर विषयवार पदोन्नति हो चुकी है, लेकिन प्रकरणों का निस्तारण किए बिना ही मौखिक आदेश से उन्हें नवपद स्थापन स्थान के लिए कार्यमुक्त कर दिया।
स्थाईकरण व नियमितीकरण रुका
शिक्षा अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी के चलते विभागीय आरोप पत्रों को लम्बित रखकर शिक्षकों को एक साल तक परेशान रखा। वर्ष 2013 व 2015 में नियुक्त शिक्षकों का वेतन नियमितीकरण व स्थाईकरण रोक दिया गया। उनके 9, 18 व 27 के आश्वासित कैरियर प्रगति के लाभ रोके गए। कई शिक्षकों की सेवानिवृत्ति बाद पेंशन तक की फाइल अटक गई। इतन ही नहीं और अब पदोन्नत शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण किए बिना ही उन्हें पदोन्नत कर कार्य ग्रहण के लिए पदोन्नत स्थान के लिए कार्य मुक्त कर दिया गया, लेकिन अब भी कोई अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है। और इस मामले में सबसे गंभीर अनियमितता यह है कि सीसीए नियम 17 के जिन आरोप-पत्रों के कारण शिक्षकों के यह सब लाभ रोके गए, उनको जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय ने बिना दर्ज, डिस्पेच किए केवल उनकी फोटो कॉपी कर उन पर संबंधित शिक्षकों के नाम लिखकर जारी कर दिए थे।
सूचना भेजने के दौरान छोड़ी कमी
शिक्षकों ने बताया कि 25 सितम्बर को शिक्षा निदेशक माध्यमिक नथमल डिडेल की अध्यक्षता में 2017 वर्ष की द्वितीय श्रेणी में विषयवार पदोन्नति के लिए अजमेर आरपीएससी में मण्डल उपनिदेशक को भेजी गई सूचना में भी सवाईमाधोपुर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पात्रता सूची में जानबूझकर कालम संख्या 16, जिसमें विभागीय जांच आरोप पत्र की सूचना देनी थी, लेकिन उसे खाली छोड़ा गया। अब जब गलत सूचना से पदोन्नति हो गई तब भी 12 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई के बाद इनका निस्तारण करने के आदेश जारी नहीं किए गए।
1100 शिक्षकों का अटका निस्तारण
शिक्षकों ने बताया कि गत 8 माह से प्रारंभिक शिक्षा विभाग से शिक्षा अधिकारियों ने कराीब 1100 शिक्षकों को सीसीए नियम 17 के तहत आरोप पत्र थमा रखे थे। बार-बार शिक्षक संगठनों द्वारा शिकायत करने के बाद इनका निस्तारण नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में न्यून परिणाम व संस्थाप्रधान को न्यून नामांकन के चलते उन्हें नोटिस दिए थे। लेकिन विभागीय परिपत्र 14 अप्रेल 2016 के अनुसार इनका अंतिम निस्तारण 15 अक्टूबर 2016 में ही करना था। लेकिन आरोप पत्र मार्च 2017 में दिए थे। उस पर भी अब तक कोई सुनवाई नहीं की गई।
आखिर कब होंगे आदेशों पर डीईईओ के हस्ताक्षर
शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा अधिकारी पिछले एक माह से प्रकरणों का निस्तारण कर डीईओ के हस्ताक्षर करने की बात कह रहे है। लेकिन करीब एक माह से अभी तक आदेशों पर डीईईओ के हस्ताक्षर नहीं होने से निस्तारण कार्य अटका हुआ है।
आदेश करने ही बाकी है
शिक्षकों के प्रकरणों का निस्तारण व सुनवाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। निस्तारित प्रकरणों पर आदेश करने बाकी है। एक दो दिन में हस्ताक्षर कर आदेश निकाल देंगे।
महेशकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, सवाईमाधोपुर।
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