राजस्थान के बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थियों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को शिक्षा विभाग द्वारा पीएम कार्यालय को भेजी गलत
रिपोर्ट दिखाई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में माध्यमिक स्तर तक
चित्रकला संगीत विषय अनिवार्य नहीं है।
जबकि सूचना के अधिकार पाठ्य पुस्तकों में साफ है कि यह विषय राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि इस रिपोर्ट पर शिक्षा राज्यमंत्री के हस्ताक्षर भी हैं।
कला आंदोलन सचिव महेश गुर्जर के नेतृत्व में दिल्ली स्थित मंत्री जावड़ेकर के कार्यालय में कला शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मिला और मंत्री जावड़ेकर को जानकारी दी कि शिक्षा विभाग राजस्थान ने अपनी रिपोर्ट में माध्यमिक स्तर तक राजस्थान में चित्रकला संगीत विषय अनिवार्य नहीं लिख कर भेजा है। गुर्जर ने कहा कि यह झूठी रिपोर्ट है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग से सूचना के अधिकार पाठ्यपुस्तक के आधार पर मिले तथ्यात्मक तथ्यों से स्पष्ट है कि चित्रकला संगीत प्रदेश में 1995 से वर्तमान तक कला शिक्षा में अनिवार्य विषय है। गुर्जर ने सूचना के अधिकार के तहत मिले तथ्यात्मक दस्तावेज माध्यमिक स्तर तक संचालित चित्रकला संगीत की पुस्तकें भी मंत्री जावड़ेकर को दिखाई। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा कला शिक्षा अनिवार्य विषय को लेकर प्रधानमंत्री एमएचआर डी मंत्रालय को प्रेषित की गई गलत झूठी रिपोर्ट की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने राजस्थान की कला शिक्षा और कला शिक्षकों की पीड़ा रखी।
पोर्ट्रेटकिशनगढ़ शैली की पेंटिंग भेंट की
इसअवसर महेश गुर्जर, परमेंद्र कुमार मीना, उमेश साहू, अंचल अरविंद, मुकेश कुमावत ने मंत्री को उनका पोर्ट्रेट राजस्थानी किशनगढ़ शैली की पेंटिंग भेंट की। इन कृतियों को देख कर मंत्री ने राजस्थान के चित्रकारों की प्रशंसा की और संगठन द्वारा दिए ज्ञापन पर कार्रवाई के निर्देश लिखे।
1992से कला शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई
गुर्जरने मंत्री को जानकारी दी कि प्रदेश में सन 1992 से कला शिक्षकों के द्वितीय तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती नहीं हुई। विभाग में कला शिक्षकों का पद सृजित है और कला शिक्षा मे व्यापक स्तर फर्जीवाड़ा जारी है। बच्चों को कला शिक्षा नहीं पढ़ाई जाती और ही बच्चों के पास पाठ्यक्रम है। बिना परीक्षा के ही फर्जी लिस्ट बनाकर बच्चों को फर्जी नंबर ग्रेडिंग दी जा रही है। पिछले 13 वर्षों से कलात्मक रूप से शान्तिपूर्वक प्रदर्शनों ज्ञापनों से बेरोजगार कला शिक्षक चित्रकला संगीत के अभ्यर्थी अपनी उचित मांग रखते रहे हैं।
जबकि सूचना के अधिकार पाठ्य पुस्तकों में साफ है कि यह विषय राजस्थान के स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि इस रिपोर्ट पर शिक्षा राज्यमंत्री के हस्ताक्षर भी हैं।
कला आंदोलन सचिव महेश गुर्जर के नेतृत्व में दिल्ली स्थित मंत्री जावड़ेकर के कार्यालय में कला शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मिला और मंत्री जावड़ेकर को जानकारी दी कि शिक्षा विभाग राजस्थान ने अपनी रिपोर्ट में माध्यमिक स्तर तक राजस्थान में चित्रकला संगीत विषय अनिवार्य नहीं लिख कर भेजा है। गुर्जर ने कहा कि यह झूठी रिपोर्ट है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग से सूचना के अधिकार पाठ्यपुस्तक के आधार पर मिले तथ्यात्मक तथ्यों से स्पष्ट है कि चित्रकला संगीत प्रदेश में 1995 से वर्तमान तक कला शिक्षा में अनिवार्य विषय है। गुर्जर ने सूचना के अधिकार के तहत मिले तथ्यात्मक दस्तावेज माध्यमिक स्तर तक संचालित चित्रकला संगीत की पुस्तकें भी मंत्री जावड़ेकर को दिखाई। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा कला शिक्षा अनिवार्य विषय को लेकर प्रधानमंत्री एमएचआर डी मंत्रालय को प्रेषित की गई गलत झूठी रिपोर्ट की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने राजस्थान की कला शिक्षा और कला शिक्षकों की पीड़ा रखी।
पोर्ट्रेटकिशनगढ़ शैली की पेंटिंग भेंट की
इसअवसर महेश गुर्जर, परमेंद्र कुमार मीना, उमेश साहू, अंचल अरविंद, मुकेश कुमावत ने मंत्री को उनका पोर्ट्रेट राजस्थानी किशनगढ़ शैली की पेंटिंग भेंट की। इन कृतियों को देख कर मंत्री ने राजस्थान के चित्रकारों की प्रशंसा की और संगठन द्वारा दिए ज्ञापन पर कार्रवाई के निर्देश लिखे।
1992से कला शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई
गुर्जरने मंत्री को जानकारी दी कि प्रदेश में सन 1992 से कला शिक्षकों के द्वितीय तृतीय श्रेणी के पदों की भर्ती नहीं हुई। विभाग में कला शिक्षकों का पद सृजित है और कला शिक्षा मे व्यापक स्तर फर्जीवाड़ा जारी है। बच्चों को कला शिक्षा नहीं पढ़ाई जाती और ही बच्चों के पास पाठ्यक्रम है। बिना परीक्षा के ही फर्जी लिस्ट बनाकर बच्चों को फर्जी नंबर ग्रेडिंग दी जा रही है। पिछले 13 वर्षों से कलात्मक रूप से शान्तिपूर्वक प्रदर्शनों ज्ञापनों से बेरोजगार कला शिक्षक चित्रकला संगीत के अभ्यर्थी अपनी उचित मांग रखते रहे हैं।
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