जोधपुर| एकसप्ताह पूर्व कॉमर्स के शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान अविवाहित
शिक्षिका सुखी बिदौया ने खुद को काउंसलिंग से बाहर रखने के लिए शिक्षा
राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी से गुहार लगाई थी। मंत्री ने कहा था कि क्या
भरोसा कि वह शादी नहीं करेगी।
इस पर बिदौया ने उन्हें लिखित में दिया कि वह अाजीवन विवाह नहीं करेगी। साथ ही बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है, उनके वृद्ध होने के कारण उसे ही देखभाल करनी होती है। इसके बावजूद सुखी बिदौया को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सजाड़ा से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांई शेरगढ़ में लगा दिया गया। सोमवार को स्कूल से घर लौटते हुए सुखी की बाइक सामने से रही मोटरसाइकिल से भिड़ गई। इससे वे घायल हो गईं, उनका एमडीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मांनेत्रहीन, पिता 94 वर्ष के| सुखीबिदौया के पिता 94 साल के हैं और मां नेत्रहीन हैं। सुखी ने इस संबंध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ महिला विंग की ओर से शिक्षा राज्य मंत्री को बताया था, लेकिन उनको इस बात का भरोसा नहीं हुआ।
इस पर बिदौया ने उन्हें लिखित में दिया कि वह अाजीवन विवाह नहीं करेगी। साथ ही बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है, उनके वृद्ध होने के कारण उसे ही देखभाल करनी होती है। इसके बावजूद सुखी बिदौया को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सजाड़ा से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांई शेरगढ़ में लगा दिया गया। सोमवार को स्कूल से घर लौटते हुए सुखी की बाइक सामने से रही मोटरसाइकिल से भिड़ गई। इससे वे घायल हो गईं, उनका एमडीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मांनेत्रहीन, पिता 94 वर्ष के| सुखीबिदौया के पिता 94 साल के हैं और मां नेत्रहीन हैं। सुखी ने इस संबंध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ महिला विंग की ओर से शिक्षा राज्य मंत्री को बताया था, लेकिन उनको इस बात का भरोसा नहीं हुआ।
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