जैसलमेर | राजस्थान सरकार शिक्षा को लेकर लगातार
विभिन्न तरह के अभियान चलाकर आम लोगों व बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के
भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन पोकरण स्थित राउप्रावि केकेबास में 1
प्रधानाध्यापक व 1 शारीरिक शिक्षक के भरोसे विधार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे
लेकिन शिक्षा विभाग मौन नजर आ रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा पोकरण ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो आए दिन सामने आती रहती है, लेकिन पोकरण शहर में जहां ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय है और हर समय उसकी निगरानी रहती है वहां पर विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। इस विद्यालय में 8 कक्षाओं में कुल 350 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है।
पोकरण शहर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुम्हारवास में लम्बे समय से शिक्षकों की कमी चल रही है। जिसके कारण अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में पूर्व में कई बार स्थानीय लोगों ने बीईईओ कार्यालय में जाकर अधिकारियों को सूचित किया गया था। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में विभाग के प्रति रोष व्याप्त है।
के.के. वास में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में आठवीं तक कक्षाएं है और मात्र 2 शिक्षक ही नियुक्त है। ऐसे में न तो शिक्षण कार्य समय पर हो पाता है और न ही विद्यार्थियों को अनुशासित किया जा रहा है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में हाल ही में मात्र दो शिक्षक शिक्षण व्यवस्था को सुचारू करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे विधार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा पोकरण ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो आए दिन सामने आती रहती है, लेकिन पोकरण शहर में जहां ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय है और हर समय उसकी निगरानी रहती है वहां पर विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। इस विद्यालय में 8 कक्षाओं में कुल 350 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है।
पोकरण शहर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुम्हारवास में लम्बे समय से शिक्षकों की कमी चल रही है। जिसके कारण अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में पूर्व में कई बार स्थानीय लोगों ने बीईईओ कार्यालय में जाकर अधिकारियों को सूचित किया गया था। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में विभाग के प्रति रोष व्याप्त है।
के.के. वास में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में आठवीं तक कक्षाएं है और मात्र 2 शिक्षक ही नियुक्त है। ऐसे में न तो शिक्षण कार्य समय पर हो पाता है और न ही विद्यार्थियों को अनुशासित किया जा रहा है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में हाल ही में मात्र दो शिक्षक शिक्षण व्यवस्था को सुचारू करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे विधार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
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