निजीस्कूलों को मनमर्जी से मान्यता देने और अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने
में अनियमितता के आरोप से घिरे प्रारंभिक शिक्षा विभाग के डीईओ- प्रथम सतीश
कुमार गुप्ता अब शिक्षक संघ के निशाने पर हैं। राजस्थान शिक्षक संघ
(प्रगतिशील) के जिलाध्यक्ष पुरखाराम चौधरी ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति
जारी कर गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि सतीश कुमार गुप्ता ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग में डीईओ के पद पर 2015 में कार्यभार संभाला था। इन दो साल में उन्होंने पद का दुरुपयोग, अनियमितता और मनमर्जी की। चौधरी का आरोप है कि डीईओ गुप्ता अपने चहेतों का स्थानांतरण होने पर भी कार्यमुक्त नहीं करते हैं। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान के एडीपीसी पद पर भी अपने गृह जिले (भरतपुर) से गोपालराम मीणा को लाकर लगाया है। ताकि वे मनमर्जी कर सकें। उन्होंने सतीश कुमार गुप्ता को पद से हटाकर अनियमितताओं की जांच करवाने की भी मांग की है। इस मामले में भास्कर ने डीईओ गुप्ता से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। उल्लेखनीय है कि आरटीई एपीसी अर्जुनसिंह छाबा को एसीबी ने पिछले दिनों स्कूल को मान्यता देने के नाम पर 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही डीईओ गुप्ता पर भी कई आरोप लगे हैं। निजी स्कूलों को नियमों की अनदेखी कर मान्यता देना, बिना दस्तावेजों के सत्यापन के अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने जैसे कई गंभीर मामलों का भास्कर ने भी खुलासा किया है।
इधर,रिकाॅर्डिंग में डीईओ का नाम, एसीबी चुप
एपीसीअर्जुनराम छाबा को 20 हजार रुपए की रिश्वत देकर रंगे हाथों गिरफ्तार करवाने वाले निजी स्कूल संचालक धर्मेंद्र प्रजापति ने एक बार फिर बड़ा खुलासा किया है। धर्मेंद्र प्रजापति ने बयान में कहा कि एपीसी अर्जुनराम छाबा ने निजी स्कूल को मान्यता देने के नाम पर 30 हजार रुपए की जो रिश्वत मांगी थी। उस दौरान एपीसी छाबा ने यह भी कहा था कि वह डीईओ से लेकर कमेटी के अन्य सदस्यों को भी हिस्सा देता है। परिवादी प्रजापति का कहना है कि उसने यह रिकार्डिंग एसीबी को सौंप दी है। इस संबंध में एसीबी अधिकारियों से बात की तो उन्होंने जांच का हवाला देकर इति श्री कर ली।
उनका कहना है कि सतीश कुमार गुप्ता ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग में डीईओ के पद पर 2015 में कार्यभार संभाला था। इन दो साल में उन्होंने पद का दुरुपयोग, अनियमितता और मनमर्जी की। चौधरी का आरोप है कि डीईओ गुप्ता अपने चहेतों का स्थानांतरण होने पर भी कार्यमुक्त नहीं करते हैं। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान के एडीपीसी पद पर भी अपने गृह जिले (भरतपुर) से गोपालराम मीणा को लाकर लगाया है। ताकि वे मनमर्जी कर सकें। उन्होंने सतीश कुमार गुप्ता को पद से हटाकर अनियमितताओं की जांच करवाने की भी मांग की है। इस मामले में भास्कर ने डीईओ गुप्ता से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। उल्लेखनीय है कि आरटीई एपीसी अर्जुनसिंह छाबा को एसीबी ने पिछले दिनों स्कूल को मान्यता देने के नाम पर 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही डीईओ गुप्ता पर भी कई आरोप लगे हैं। निजी स्कूलों को नियमों की अनदेखी कर मान्यता देना, बिना दस्तावेजों के सत्यापन के अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने जैसे कई गंभीर मामलों का भास्कर ने भी खुलासा किया है।
इधर,रिकाॅर्डिंग में डीईओ का नाम, एसीबी चुप
एपीसीअर्जुनराम छाबा को 20 हजार रुपए की रिश्वत देकर रंगे हाथों गिरफ्तार करवाने वाले निजी स्कूल संचालक धर्मेंद्र प्रजापति ने एक बार फिर बड़ा खुलासा किया है। धर्मेंद्र प्रजापति ने बयान में कहा कि एपीसी अर्जुनराम छाबा ने निजी स्कूल को मान्यता देने के नाम पर 30 हजार रुपए की जो रिश्वत मांगी थी। उस दौरान एपीसी छाबा ने यह भी कहा था कि वह डीईओ से लेकर कमेटी के अन्य सदस्यों को भी हिस्सा देता है। परिवादी प्रजापति का कहना है कि उसने यह रिकार्डिंग एसीबी को सौंप दी है। इस संबंध में एसीबी अधिकारियों से बात की तो उन्होंने जांच का हवाला देकर इति श्री कर ली।
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