बिहार से बीएड लेकर राज्य में नौकरी लगने वाले शिक्षकों की नौकरी पर अब खतरा
मंडराना शुरू हो गया। है। इन डिग्रियों के आधार पर सरकारी स्कूलों में
नौकरी कर चुके या वर्तमान में सेवा दे रहे शिक्षकों की बीएड डिग्रियों की
मान्यता रद्द करने के आदेश जारी हुए है।
प्रारंभिक शिक्षा के डीईओ ने सोमवार को न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए जिलेभर के समस्त बीईईओ से बिहार के विश्वविद्यालयों से बीएड पास कर नौकरी लगने वाले शिक्षकों की सूची मांगी है। इसमें अभी कार्यरत शिक्षकों और पूर्व में कार्यरत रहे शिक्षकों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में भरकर 1 जून तक भिजवाना होगा। साथ ही संबंधित संस्थापन कार्मिक के साथ संलग्न प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश में डीईओ ने बताया कि यह सूचना राज्य सरकार और न्यायालय को तत्काल पेश करनी है। इसलिए सूचना निर्धारित समय में पूर्ण रिकॉर्ड और मिलान के साथ पेश करें। किसी भी स्तर पर शिथिलता एवं अपूर्ण सूचना देने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। गौरतलब है कि विधि प्रकोष्ठ विभाग जयपुर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा 2001 में बिहार से बीएड पास कर शिक्षक सेवा में चयनित अभ्यर्थियों की डिग्रियों की मान्यता रद्द के आदेश के खिलाफ एक याचिका उच्च न्यायालय, डीबी अपील और उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की गई थी। न्यायालय ने 10 मई 2015 को निर्णय पारित कर विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार के निर्देश पर डीईओ ने यह आदेश जारी किए हैं।
प्रारंभिक शिक्षा के डीईओ ने सोमवार को न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए जिलेभर के समस्त बीईईओ से बिहार के विश्वविद्यालयों से बीएड पास कर नौकरी लगने वाले शिक्षकों की सूची मांगी है। इसमें अभी कार्यरत शिक्षकों और पूर्व में कार्यरत रहे शिक्षकों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में भरकर 1 जून तक भिजवाना होगा। साथ ही संबंधित संस्थापन कार्मिक के साथ संलग्न प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश में डीईओ ने बताया कि यह सूचना राज्य सरकार और न्यायालय को तत्काल पेश करनी है। इसलिए सूचना निर्धारित समय में पूर्ण रिकॉर्ड और मिलान के साथ पेश करें। किसी भी स्तर पर शिथिलता एवं अपूर्ण सूचना देने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी। गौरतलब है कि विधि प्रकोष्ठ विभाग जयपुर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा 2001 में बिहार से बीएड पास कर शिक्षक सेवा में चयनित अभ्यर्थियों की डिग्रियों की मान्यता रद्द के आदेश के खिलाफ एक याचिका उच्च न्यायालय, डीबी अपील और उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की गई थी। न्यायालय ने 10 मई 2015 को निर्णय पारित कर विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार के निर्देश पर डीईओ ने यह आदेश जारी किए हैं।
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