जयपुर। शिक्षाविभाग में 598 शिक्षाधिकारियों की पदोन्नति पर संकट खड़ा
हो गया है। विभागीय स्तर पर प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति की तैयारियां
शुरू हो गई है लेकिन विभाग को अभी तक पता नहीं चला है कि पदोन्नत होने वाले
521 व्याख्याता और 77 हैडमास्टर वर्तमान में कहां कार्यरत है।
पदस्थापन स्थान का समय पर पता नहीं चलने पर यह शिक्षाधिकारी प्रमोट होने से वंचित भी रह सकते हैं। शिक्षा विभाग ने चयन वर्ष 2017-18 की डीपीसी के लिए फरवरी माह में अस्थाई पात्रता सूची जारी की थी। संबंधित कार्मिकों से उनकी आपत्तियां और वर्तमान पदस्थापन स्थान की जानकारी चाही गई थी लेकिन विभाग को अभी तक इन 598 शिक्षाधिकारियों की वर्तमान पोस्टिंग के बारे में सूचना प्राप्त नहीं हुई है। यह हालात भी तब है जब शिक्षा विभाग में स्कूलों और शिक्षकों के सारे रिकॉर्ड शाला दर्पण और शाला दर्शन पर ऑनलाइन करने का दावा किया जा रहा है। रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के कारण विभाग को इन शिक्षकों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। उधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक बी एल स्वर्णकार ने एक परिपत्र जारी कर ऐसे शिक्षकों से 14 अप्रैल तक वर्तमान पद और पदस्थापन स्थान की सूचना मांगी है। यदि निर्धारित तिथि तक इन शिक्षकों के बारे में सूचना प्राप्त नहीं हुई तो अस्थाई पात्रता सूची से इनके नाम विलोपित कर दिए जाएंगे और यह पदोन्नत होने से वंचित रह सकते हैं।
शिक्षा विभाग में वरिष्ठ शिक्षकों का रिकॉर्ड अपडेट करने का काम उपनिदेशक कार्यालयों और संस्थापन शाखा का है। शिक्षा विभाग में अनेक ऐसे शिक्षक है जिन्होंने प्रमोट होने के बाद व्याख्याता और हैडमास्टर पदोन्नति पर कार्य ग्रहण नहीं किया है, मगर पदोन्नति आदेशों से वरिष्ठता में उनके नाम अंकित है। कारणए डीईओ और डीडी कार्यालय से ज्वॉइनिंग और फोर गो की स्पष्ट सूचना शिक्षा निदेशालय नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि संबंधित शिक्षक कहां से कहा गया।
पदस्थापन स्थान का समय पर पता नहीं चलने पर यह शिक्षाधिकारी प्रमोट होने से वंचित भी रह सकते हैं। शिक्षा विभाग ने चयन वर्ष 2017-18 की डीपीसी के लिए फरवरी माह में अस्थाई पात्रता सूची जारी की थी। संबंधित कार्मिकों से उनकी आपत्तियां और वर्तमान पदस्थापन स्थान की जानकारी चाही गई थी लेकिन विभाग को अभी तक इन 598 शिक्षाधिकारियों की वर्तमान पोस्टिंग के बारे में सूचना प्राप्त नहीं हुई है। यह हालात भी तब है जब शिक्षा विभाग में स्कूलों और शिक्षकों के सारे रिकॉर्ड शाला दर्पण और शाला दर्शन पर ऑनलाइन करने का दावा किया जा रहा है। रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के कारण विभाग को इन शिक्षकों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। उधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक बी एल स्वर्णकार ने एक परिपत्र जारी कर ऐसे शिक्षकों से 14 अप्रैल तक वर्तमान पद और पदस्थापन स्थान की सूचना मांगी है। यदि निर्धारित तिथि तक इन शिक्षकों के बारे में सूचना प्राप्त नहीं हुई तो अस्थाई पात्रता सूची से इनके नाम विलोपित कर दिए जाएंगे और यह पदोन्नत होने से वंचित रह सकते हैं।
शिक्षा विभाग में वरिष्ठ शिक्षकों का रिकॉर्ड अपडेट करने का काम उपनिदेशक कार्यालयों और संस्थापन शाखा का है। शिक्षा विभाग में अनेक ऐसे शिक्षक है जिन्होंने प्रमोट होने के बाद व्याख्याता और हैडमास्टर पदोन्नति पर कार्य ग्रहण नहीं किया है, मगर पदोन्नति आदेशों से वरिष्ठता में उनके नाम अंकित है। कारणए डीईओ और डीडी कार्यालय से ज्वॉइनिंग और फोर गो की स्पष्ट सूचना शिक्षा निदेशालय नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि संबंधित शिक्षक कहां से कहा गया।
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