बीईईओ के अधिकार हुए कम, अब गांवों के स्कूलों की जिम्मेदारी पीईईओ पर -
शिक्षाके उन्नयन, गुणवत्तापूर्ण और उत्कृष्ट शिक्षा के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत पर सीनियर स्कूल के प्रधानाचार्य को अब पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) बनाया गया है। उनके अधिकार में अब ग्राम पंचायत में आने वाले सरकारी और निजी स्कूल होंगे।
गांवों के स्कूलों की जिम्मेदारी इन्हीं पर रहेगी। इसके साथ अब यह सर्व शिक्षा अभियान के संकुल केंद्र प्रभारी और संकुल संदर्भ केंद्र के रूप में भी कार्य करेंगे। इससे ग्राम पंचायत में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के अधिकार को सीमित कर दिया गया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अब पीईईओ के साथ समन्वय बैठाकर कार्य करना होगा।
अपनी ग्राम पंचायत में शिक्षकों के अवकाश, शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूल की भौतिक स्थिति, नामांकन वृद्धि, ड्रॉप आउट को खत्म करना, एसएमसी-पीटीए-एसडीएमसी कमेटियों के अधिकार भी अब उनके पास गए हैं। पीईईओ के पास प्रशासनिक और अकादमिक नेतृत्व का अधिकार भी मिल गया है।
राज्य के 9894 और जिले की 281 ग्राम पंचायत पर पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी बना दिए गए हैं।
{ पीईईओ को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए संदर्भ केंद्र और मार्गदर्शी स्कूल के रूप में कार्य करना होगा।
{ आदर्श और उत्कृष्ट स्कूलों को पीईईओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना होगा।
{ अपनी ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्कूल की पर्यवेक्षण (सुपरविजन) निगरानी की जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी।
{ उत्कृष्ट स्कूल में माह में कम से कम एक बार, शेष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल का दो माह में कम से कम एक बार अवलोकन कर कक्षागत शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता की जांच करनी होगी। इसे शाला दर्शन पोर्टल पर दिखाना होगा।
{ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के संस्थाप्रधान को प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस में पीईईओ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करनी होगी।
{ मासिक बैठक में एसआईक्यू, विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम की समीक्षा कर रही कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा। मीटिंग की डिटेल शाला दर्शन पोर्टल पर डाली जाएगी।
{ ग्राम पंचायत के प्रत्येक बच्चे का प्रवेश कराने, चिह्नीकरण और ड्रॉपआउट की रिपोर्ट रखनी होगी।
{ ग्राम पंचायत के सभी स्कूलों की आधारभूत संरचनाओं, सुविधाओं की कमी का आकलन और प्रस्ताव तैयार करने होंगे।
{ ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उपस्थिति देकर शिक्षण व्यवस्था की अपनी रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
{ स्कूलों की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव बनाकर एसएफजी, एफएफसी और मनरेगा से स्वीकृति दिलाने के प्रयास करेंगे।
{ ग्राम पंचायत के स्कूल से संबंधित शिकायत का निपटारा पीईईओ को करना होगा।
{ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक माह ब्लॉक स्तरीय शिक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें पीईईओ भी उपस्थित होकर शैक्षणिक उन्नयन पर सभी अधिकारी के साथ प्लानिंग बनाएंगे।
{ ग्राम पंचायत के शिक्षकों के अवकाश की आज्ञा अब पीईईओ से लेनी होगी।
{ सभी नोडल केंद्र और नोडल प्रभारी के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। वहीं अब पीईईओ व्यवस्था लागू रहेगी।
{ प्रत्येक पीईईओ अपने क्षेत्र के शिक्षकों का वॉट्सग्रुप बनाएंगे। इसमें सूचनाओं के आदान प्रदान और सतत संपर्क स्थापित करेंगे। इसमें एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
{ इन्हीं शिक्षकों में से शैक्षणिक गुणवत्ता के अच्छे कार्य करने वाले शिक्षक को ग्रुप लीडर बनाया जाएगा।
{ प्रत्येक पीईईओ का शाला दर्शन पोर्टल पर लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और ई-मेल आईडी जारी कर दिया गया है। अब प्रत्येक सूचना को इसी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
^पीईईओ व्यवस्था सरकार की ओर से पूर्ण लागू कर दी गई है। इसमें नोडल केंद्र व्यवस्था समाप्त कर दिया गया है। वहीं बीईईओ, एबीईईओ के अधिकार अब पीईईओ के पास रहेंगे। जल्द ही संस्थापन और वित्त अधिकार जारी किए जाएंगे। प्रकाशशर्मा, एडीईओ, माध्यमिक शिक्षा डूंगरपुर
{ पीईईओ को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए संदर्भ केंद्र और मार्गदर्शी स्कूल के रूप में कार्य करना होगा।
{ आदर्श और उत्कृष्ट स्कूलों को पीईईओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना होगा।
{ अपनी ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्कूल की पर्यवेक्षण (सुपरविजन) निगरानी की जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी।
{ उत्कृष्ट स्कूल में माह में कम से कम एक बार, शेष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल का दो माह में कम से कम एक बार अवलोकन कर कक्षागत शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता की जांच करनी होगी। इसे शाला दर्शन पोर्टल पर दिखाना होगा।
{ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के संस्थाप्रधान को प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस में पीईईओ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करनी होगी।
{ मासिक बैठक में एसआईक्यू, विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम की समीक्षा कर रही कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा। मीटिंग की डिटेल शाला दर्शन पोर्टल पर डाली जाएगी।
{ ग्राम पंचायत के प्रत्येक बच्चे का प्रवेश कराने, चिह्नीकरण और ड्रॉपआउट की रिपोर्ट रखनी होगी।
{ ग्राम पंचायत के सभी स्कूलों की आधारभूत संरचनाओं, सुविधाओं की कमी का आकलन और प्रस्ताव तैयार करने होंगे।
{ ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उपस्थिति देकर शिक्षण व्यवस्था की अपनी रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
{ स्कूलों की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव बनाकर एसएफजी, एफएफसी और मनरेगा से स्वीकृति दिलाने के प्रयास करेंगे।
{ ग्राम पंचायत के स्कूल से संबंधित शिकायत का निपटारा पीईईओ को करना होगा।
{ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक माह ब्लॉक स्तरीय शिक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें पीईईओ भी उपस्थित होकर शैक्षणिक उन्नयन पर सभी अधिकारी के साथ प्लानिंग बनाएंगे।
{ ग्राम पंचायत के शिक्षकों के अवकाश की आज्ञा अब पीईईओ से लेनी होगी।
{ सभी नोडल केंद्र और नोडल प्रभारी के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। वहीं अब पीईईओ व्यवस्था लागू रहेगी।
{ प्रत्येक पीईईओ अपने क्षेत्र के शिक्षकों का वॉट्सग्रुप बनाएंगे। इसमें सूचनाओं के आदान प्रदान और सतत संपर्क स्थापित करेंगे। इसमें एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
{ इन्हीं शिक्षकों में से शैक्षणिक गुणवत्ता के अच्छे कार्य करने वाले शिक्षक को ग्रुप लीडर बनाया जाएगा।
{ प्रत्येक पीईईओ का शाला दर्शन पोर्टल पर लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और ई-मेल आईडी जारी कर दिया गया है। अब प्रत्येक सूचना को इसी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
शिक्षाके उन्नयन, गुणवत्तापूर्ण और उत्कृष्ट शिक्षा के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत पर सीनियर स्कूल के प्रधानाचार्य को अब पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) बनाया गया है। उनके अधिकार में अब ग्राम पंचायत में आने वाले सरकारी और निजी स्कूल होंगे।
गांवों के स्कूलों की जिम्मेदारी इन्हीं पर रहेगी। इसके साथ अब यह सर्व शिक्षा अभियान के संकुल केंद्र प्रभारी और संकुल संदर्भ केंद्र के रूप में भी कार्य करेंगे। इससे ग्राम पंचायत में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के अधिकार को सीमित कर दिया गया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अब पीईईओ के साथ समन्वय बैठाकर कार्य करना होगा।
अपनी ग्राम पंचायत में शिक्षकों के अवकाश, शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूल की भौतिक स्थिति, नामांकन वृद्धि, ड्रॉप आउट को खत्म करना, एसएमसी-पीटीए-एसडीएमसी कमेटियों के अधिकार भी अब उनके पास गए हैं। पीईईओ के पास प्रशासनिक और अकादमिक नेतृत्व का अधिकार भी मिल गया है।
राज्य के 9894 और जिले की 281 ग्राम पंचायत पर पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी बना दिए गए हैं।
{ पीईईओ को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए संदर्भ केंद्र और मार्गदर्शी स्कूल के रूप में कार्य करना होगा।
{ आदर्श और उत्कृष्ट स्कूलों को पीईईओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना होगा।
{ अपनी ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्कूल की पर्यवेक्षण (सुपरविजन) निगरानी की जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी।
{ उत्कृष्ट स्कूल में माह में कम से कम एक बार, शेष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल का दो माह में कम से कम एक बार अवलोकन कर कक्षागत शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता की जांच करनी होगी। इसे शाला दर्शन पोर्टल पर दिखाना होगा।
{ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के संस्थाप्रधान को प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस में पीईईओ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करनी होगी।
{ मासिक बैठक में एसआईक्यू, विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम की समीक्षा कर रही कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा। मीटिंग की डिटेल शाला दर्शन पोर्टल पर डाली जाएगी।
{ ग्राम पंचायत के प्रत्येक बच्चे का प्रवेश कराने, चिह्नीकरण और ड्रॉपआउट की रिपोर्ट रखनी होगी।
{ ग्राम पंचायत के सभी स्कूलों की आधारभूत संरचनाओं, सुविधाओं की कमी का आकलन और प्रस्ताव तैयार करने होंगे।
{ ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उपस्थिति देकर शिक्षण व्यवस्था की अपनी रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
{ स्कूलों की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव बनाकर एसएफजी, एफएफसी और मनरेगा से स्वीकृति दिलाने के प्रयास करेंगे।
{ ग्राम पंचायत के स्कूल से संबंधित शिकायत का निपटारा पीईईओ को करना होगा।
{ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक माह ब्लॉक स्तरीय शिक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें पीईईओ भी उपस्थित होकर शैक्षणिक उन्नयन पर सभी अधिकारी के साथ प्लानिंग बनाएंगे।
{ ग्राम पंचायत के शिक्षकों के अवकाश की आज्ञा अब पीईईओ से लेनी होगी।
{ सभी नोडल केंद्र और नोडल प्रभारी के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। वहीं अब पीईईओ व्यवस्था लागू रहेगी।
{ प्रत्येक पीईईओ अपने क्षेत्र के शिक्षकों का वॉट्सग्रुप बनाएंगे। इसमें सूचनाओं के आदान प्रदान और सतत संपर्क स्थापित करेंगे। इसमें एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
{ इन्हीं शिक्षकों में से शैक्षणिक गुणवत्ता के अच्छे कार्य करने वाले शिक्षक को ग्रुप लीडर बनाया जाएगा।
{ प्रत्येक पीईईओ का शाला दर्शन पोर्टल पर लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और ई-मेल आईडी जारी कर दिया गया है। अब प्रत्येक सूचना को इसी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
^पीईईओ व्यवस्था सरकार की ओर से पूर्ण लागू कर दी गई है। इसमें नोडल केंद्र व्यवस्था समाप्त कर दिया गया है। वहीं बीईईओ, एबीईईओ के अधिकार अब पीईईओ के पास रहेंगे। जल्द ही संस्थापन और वित्त अधिकार जारी किए जाएंगे। प्रकाशशर्मा, एडीईओ, माध्यमिक शिक्षा डूंगरपुर
{ पीईईओ को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए संदर्भ केंद्र और मार्गदर्शी स्कूल के रूप में कार्य करना होगा।
{ आदर्श और उत्कृष्ट स्कूलों को पीईईओ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना होगा।
{ अपनी ग्राम पंचायत के प्रत्येक स्कूल की पर्यवेक्षण (सुपरविजन) निगरानी की जिम्मेदारी उन्हीं की रहेगी।
{ उत्कृष्ट स्कूल में माह में कम से कम एक बार, शेष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल का दो माह में कम से कम एक बार अवलोकन कर कक्षागत शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता की जांच करनी होगी। इसे शाला दर्शन पोर्टल पर दिखाना होगा।
{ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के संस्थाप्रधान को प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस में पीईईओ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करनी होगी।
{ मासिक बैठक में एसआईक्यू, विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम की समीक्षा कर रही कठिनाइयों का समाधान किया जाएगा। मीटिंग की डिटेल शाला दर्शन पोर्टल पर डाली जाएगी।
{ ग्राम पंचायत के प्रत्येक बच्चे का प्रवेश कराने, चिह्नीकरण और ड्रॉपआउट की रिपोर्ट रखनी होगी।
{ ग्राम पंचायत के सभी स्कूलों की आधारभूत संरचनाओं, सुविधाओं की कमी का आकलन और प्रस्ताव तैयार करने होंगे।
{ ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उपस्थिति देकर शिक्षण व्यवस्था की अपनी रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
{ स्कूलों की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव बनाकर एसएफजी, एफएफसी और मनरेगा से स्वीकृति दिलाने के प्रयास करेंगे।
{ ग्राम पंचायत के स्कूल से संबंधित शिकायत का निपटारा पीईईओ को करना होगा।
{ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक माह ब्लॉक स्तरीय शिक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें पीईईओ भी उपस्थित होकर शैक्षणिक उन्नयन पर सभी अधिकारी के साथ प्लानिंग बनाएंगे।
{ ग्राम पंचायत के शिक्षकों के अवकाश की आज्ञा अब पीईईओ से लेनी होगी।
{ सभी नोडल केंद्र और नोडल प्रभारी के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। वहीं अब पीईईओ व्यवस्था लागू रहेगी।
{ प्रत्येक पीईईओ अपने क्षेत्र के शिक्षकों का वॉट्सग्रुप बनाएंगे। इसमें सूचनाओं के आदान प्रदान और सतत संपर्क स्थापित करेंगे। इसमें एसएमसी अध्यक्ष और सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
{ इन्हीं शिक्षकों में से शैक्षणिक गुणवत्ता के अच्छे कार्य करने वाले शिक्षक को ग्रुप लीडर बनाया जाएगा।
{ प्रत्येक पीईईओ का शाला दर्शन पोर्टल पर लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और ई-मेल आईडी जारी कर दिया गया है। अब प्रत्येक सूचना को इसी के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
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