राजस्थान के बेरोज़गार एक बार फिर सरकार को घेरने के लिए
राजधानी में डेरा डालने की तैयारी में हैं। राजधानी जयपुर में 'शक्ति-
प्रदर्शन' करने के लिए प्रदेश भर से ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को
एकजुट किये जाने की कवायद की जा रही है।
राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत
महासंघ के बैनर तले ये प्रदर्शन 1 मार्च को होना तय हुआ है।
इस बार की रैली को 'सत्याग्रह
रैली' का नाम दिया गया है। विभिन्न मांग मनवाने के
लिए इस बार बेरोज़गार सरकार से आर-पर की लड़ाई के
मूड में है। दरअसल, आंदोलन के तहत इस तरह का प्रदर्शन
पहले कई बार किया गया है, लेकिन आश्वासन के बाद
भी कोई कदम नहीं उठाये जाने से बेरोज़गारों
में सरकार के प्रति नाराज़गी बढ़ने लगी है।
ये हैं प्रमुख मांगें:
(1) 2013 के 7 हज़ार चयनित बेरोज़गारों को जल्द से जल्द
नियुक्ती दी जाएं
- सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए 4 महीने
से ज़्यादा बीत गया लेकिन अभी तक
नियुक्ती प्रकिया शुरु नहीं हुई।
(2) रीट 2016 के चयनित बेरोज़गारों को जल्द से
जल्द नियुक्ती दी जाएं
- हाईकोर्ट से 1 नवम्बर को फैसला आ गया, लेकिन
अभी तक नियुक्तियां नहीं दी
गई।
(3) 2012 के 40 हजार अध्यापकों का स्थाईकरण किया जाए,
बकाया एरियर तुरन्त दिया जाए।
(4) धरने प्रर्दशन के दौरान बेरोज़गारों पर लगे मुकदमे वापस लिए
जाएं।
'21 जनवरी को सीएम सचिव और
पंचायतराज विभाग के अफसरों ने हमारी मांगों को लेकर
सरकार की तरफ से वार्ता की
थी और हमसे एक महीने का समय लिया
था। लेकिन एक महीना से भी ज़्यादा का
समय हो गया, सरकार ने एक भी मांग पूरी
नहीं की। सरकार की इस
वादाखिलाफी के खिलाफ 1 मार्च को हज़ारों
की संख्या में बेरोज़गार विधानसभा का घेराव करेगें। '
- उपेन यादव, राजस्थान बेरोजगार एकीक्रत
महासंघ
राजधानी में डेरा डालने की तैयारी में हैं। राजधानी जयपुर में 'शक्ति-
प्रदर्शन' करने के लिए प्रदेश भर से ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को
एकजुट किये जाने की कवायद की जा रही है।
राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत
महासंघ के बैनर तले ये प्रदर्शन 1 मार्च को होना तय हुआ है।
इस बार की रैली को 'सत्याग्रह
रैली' का नाम दिया गया है। विभिन्न मांग मनवाने के
लिए इस बार बेरोज़गार सरकार से आर-पर की लड़ाई के
मूड में है। दरअसल, आंदोलन के तहत इस तरह का प्रदर्शन
पहले कई बार किया गया है, लेकिन आश्वासन के बाद
भी कोई कदम नहीं उठाये जाने से बेरोज़गारों
में सरकार के प्रति नाराज़गी बढ़ने लगी है।
ये हैं प्रमुख मांगें:
(1) 2013 के 7 हज़ार चयनित बेरोज़गारों को जल्द से जल्द
नियुक्ती दी जाएं
- सुप्रीम कोर्ट से फैसला आए 4 महीने
से ज़्यादा बीत गया लेकिन अभी तक
नियुक्ती प्रकिया शुरु नहीं हुई।
(2) रीट 2016 के चयनित बेरोज़गारों को जल्द से
जल्द नियुक्ती दी जाएं
- हाईकोर्ट से 1 नवम्बर को फैसला आ गया, लेकिन
अभी तक नियुक्तियां नहीं दी
गई।
(3) 2012 के 40 हजार अध्यापकों का स्थाईकरण किया जाए,
बकाया एरियर तुरन्त दिया जाए।
(4) धरने प्रर्दशन के दौरान बेरोज़गारों पर लगे मुकदमे वापस लिए
जाएं।
'21 जनवरी को सीएम सचिव और
पंचायतराज विभाग के अफसरों ने हमारी मांगों को लेकर
सरकार की तरफ से वार्ता की
थी और हमसे एक महीने का समय लिया
था। लेकिन एक महीना से भी ज़्यादा का
समय हो गया, सरकार ने एक भी मांग पूरी
नहीं की। सरकार की इस
वादाखिलाफी के खिलाफ 1 मार्च को हज़ारों
की संख्या में बेरोज़गार विधानसभा का घेराव करेगें। '
- उपेन यादव, राजस्थान बेरोजगार एकीक्रत
महासंघ
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