कुछ अध्यापकों के खाता संख्या कार्यालय को उपलब्ध नहीं होने के कारण एनपीआर
मानदेय की राशि कार्मिकों के खाते में ट्रांसफर नहीं हो सकी है शीघ्र ही
खाता संख्या लेकर मानदेय राशि का खातों में भुगतान कराया जाएगा।
मुनेन्द्रशर्मा,कार्यवाहक तहसीलदार डीग।
डीग। एनपीआर जनगणना फार्म अपडेट के कार्य का करीब पांच लाख रुपये से अधिक का शिक्षकों को किये जाने वाला भुगतान सब रजिस्ट्रार कार्यालय ने रोक दिया है। जिसकी वजह इस कार्य में लगे शिक्षक सहित अन्य कार्मिकों का सब रजिस्ट्रार कार्यालय में खाता संख्या उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है। पूर्व में भी इसी प्रकार की लापरवाही के कारण प्रशिक्षण कार्य करने वाले कार्मिकों का करीब डेढ़ लाख रुपये का भुगतान लैप्स हो गया था। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के मंडल अध्यक्ष मुन्नालाल ने बताया कि सरकार की ओर से गत वर्ष दिसम्बर माह में एनपीआर जनगणना फार्म अपडेट कार्य कराया था। इसमें डीग उपखंड में 117 शिक्षकों सहित अन्य कार्मिकों ने एनपीआर कार्य किया था, जिसमें एक कार्मिक को एक ब्लॉक में कार्य करने पर 1500 रुपए मानदेय राशि मिलनी थी। जिसमें एक कार्मिक ने कई-कई ब्लाॅकों पर एनपीआर का कार्य किया। इस कार्य में लगे कार्मिकों का पांच लाख से अधिक की राशि का भुगतान सब रजिस्ट्रार कार्यालय को कार्मिकों के खाते में करना था, लेकिन करीब एक साल पूरा होने के बाद भी अभी तक सब रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से कार्मिकों के खाते में भुगतान नहीं किया गया है। जिसको लेकर कार्मिकों का प्रतिनिधि मंडल कई बार अधिकारियों से मिल कर भुगतान दिलवाने की मांग कर चुका है। मुन्नालाल के अनुसार सब रजिस्ट्रार कार्यालय के लिए कई माह पूर्व जिला कार्यालय ने मानदेय की राशि को भेज दिया है।
डीग। एनपीआर जनगणना फार्म अपडेट के कार्य का करीब पांच लाख रुपये से अधिक का शिक्षकों को किये जाने वाला भुगतान सब रजिस्ट्रार कार्यालय ने रोक दिया है। जिसकी वजह इस कार्य में लगे शिक्षक सहित अन्य कार्मिकों का सब रजिस्ट्रार कार्यालय में खाता संख्या उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है। पूर्व में भी इसी प्रकार की लापरवाही के कारण प्रशिक्षण कार्य करने वाले कार्मिकों का करीब डेढ़ लाख रुपये का भुगतान लैप्स हो गया था। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के मंडल अध्यक्ष मुन्नालाल ने बताया कि सरकार की ओर से गत वर्ष दिसम्बर माह में एनपीआर जनगणना फार्म अपडेट कार्य कराया था। इसमें डीग उपखंड में 117 शिक्षकों सहित अन्य कार्मिकों ने एनपीआर कार्य किया था, जिसमें एक कार्मिक को एक ब्लॉक में कार्य करने पर 1500 रुपए मानदेय राशि मिलनी थी। जिसमें एक कार्मिक ने कई-कई ब्लाॅकों पर एनपीआर का कार्य किया। इस कार्य में लगे कार्मिकों का पांच लाख से अधिक की राशि का भुगतान सब रजिस्ट्रार कार्यालय को कार्मिकों के खाते में करना था, लेकिन करीब एक साल पूरा होने के बाद भी अभी तक सब रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से कार्मिकों के खाते में भुगतान नहीं किया गया है। जिसको लेकर कार्मिकों का प्रतिनिधि मंडल कई बार अधिकारियों से मिल कर भुगतान दिलवाने की मांग कर चुका है। मुन्नालाल के अनुसार सब रजिस्ट्रार कार्यालय के लिए कई माह पूर्व जिला कार्यालय ने मानदेय की राशि को भेज दिया है।