जयपुर । राजस्थान के सरकारी कर्मचारी भले ही
अभी यह सोच रहे है कि केंद्र के समान सातवां वेतनमान उन्हें कब मिलेगा,
लेकिन अभी तक कई विभागों के सरकारी कर्मचारी पांचवें और छठे वेतनमान की
विसंगतियों को दूर करने की गुहार राज्य सरकार से लगा रहे है।
साथ ही सातवां वेतनमान लागू करने की मांग कर रहे है। बुधवार को शासन सचिवालय में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ(एकीकृत) से जुड़े 20 संगठनों ने राज्य सरकार की तरफ से गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति के सामने अपनी मांगें दोहराई। बैठक में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ नहीं थे, सिर्फ सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान और संबंधित विभागों के आलाधिकारियों के सामने एक-एक करके संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों का पुलिंदा राज्य सरकार के समक्ष रखा। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की मुख्य मांगों में छठे वेतनमान और इससे पहले के वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने, अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रामीण भत्ता और मकान किराये में वृद्धि करने, राज्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए कर्मचारी कल्याण परिषद और उच्च स्तरीय उप समिति का गठन करना शामिल है। बैठक में शामिल होने के बाद महासंघ के प्रदेश महामंत्री संतोष विजय ने बताया कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने सातवां वेतनमान जल्द लागू करवाने का आश्वासन दिया है। साथ ही विद्यार्थी मित्रों और कम्प्यूटर शिक्षकों को भी सरकारी सेवा में समायोजित करने का आश्वासन दिया है। बैठक में वार्ता के लिए आमंत्रित संगठनों में राजस्थान प्रबोधक शिक्षक संघ, पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ, लेब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ, अधीनस्थ कर्मचारी संघ (मुद्रण विभाग), राजस्थान राज्य स्टेनोग्राफर्स संघ, सीसीडीयू, राज्य कर्मचारी मंत्रालयिक संघ (एकीकृत), शिक्षक संघ (एकीकृत). शिक्षक संघ (सियाराम), प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षक संघ (राधाकृष्णन), पैराटीचर शिक्षाकर्मी संघर्ष समिति, मंत्रालयिक कर्मचारी संघ (रीमा संगठन), राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स, राजस्थान प्रेरक संघ, राजस्थान महिला पर्यवेक्षक कर्मचारी संघ, महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ, राजस्थान सूचना तकनीकी कर्मचारी संघ, राजस्थान ड्रिलिंग एवं हैण्डपंप कर्मचारी संघ, राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन शामिल रहे।
साथ ही सातवां वेतनमान लागू करने की मांग कर रहे है। बुधवार को शासन सचिवालय में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ(एकीकृत) से जुड़े 20 संगठनों ने राज्य सरकार की तरफ से गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति के सामने अपनी मांगें दोहराई। बैठक में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ नहीं थे, सिर्फ सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान और संबंधित विभागों के आलाधिकारियों के सामने एक-एक करके संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों का पुलिंदा राज्य सरकार के समक्ष रखा। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की मुख्य मांगों में छठे वेतनमान और इससे पहले के वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने, अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रामीण भत्ता और मकान किराये में वृद्धि करने, राज्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए कर्मचारी कल्याण परिषद और उच्च स्तरीय उप समिति का गठन करना शामिल है। बैठक में शामिल होने के बाद महासंघ के प्रदेश महामंत्री संतोष विजय ने बताया कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने सातवां वेतनमान जल्द लागू करवाने का आश्वासन दिया है। साथ ही विद्यार्थी मित्रों और कम्प्यूटर शिक्षकों को भी सरकारी सेवा में समायोजित करने का आश्वासन दिया है। बैठक में वार्ता के लिए आमंत्रित संगठनों में राजस्थान प्रबोधक शिक्षक संघ, पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ, लेब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ, अधीनस्थ कर्मचारी संघ (मुद्रण विभाग), राजस्थान राज्य स्टेनोग्राफर्स संघ, सीसीडीयू, राज्य कर्मचारी मंत्रालयिक संघ (एकीकृत), शिक्षक संघ (एकीकृत). शिक्षक संघ (सियाराम), प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षक संघ (राधाकृष्णन), पैराटीचर शिक्षाकर्मी संघर्ष समिति, मंत्रालयिक कर्मचारी संघ (रीमा संगठन), राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स, राजस्थान प्रेरक संघ, राजस्थान महिला पर्यवेक्षक कर्मचारी संघ, महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ, राजस्थान सूचना तकनीकी कर्मचारी संघ, राजस्थान ड्रिलिंग एवं हैण्डपंप कर्मचारी संघ, राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन शामिल रहे।
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