कोटा| मल्टीपरपजस्कूल में संभाग स्तरीय सैकंड ग्रेड साइंस टीचर काउंसलिंग
में महिलाओं को स्कूल चयन में विशेष तरजीह मिली। इसके चलते शिक्षिकाओं को
मेरिट के आधार पर शहर आसपास के स्कूल आवंटित किए गए। वहीं, पुरुष शिक्षकों
को दूरदराज के स्कूल मिलने से वे खफा नजर आए।
181 शिक्षकों की काउंसलिंग में 110 महिलाएं और 59 पुरुषों ने हिस्सा लिया। वहीं 12 टीचर्स अनुपस्थित रहे। काउंसलिंग में शामिल शिक्षकों की राय जानने के लिए अधिकारियों ने रजिस्टर रखवाया गया। अधिकांश शिक्षिकाओं ने इस सिस्टम की तारीफ तो कुछ शिक्षकों ने महिलाओं को प्रॉयरिटी देने पर नाराजगी बताई। सहायक उपनिदेशक अजीत लुहाड़िया ने बताया कि काउंसलिंग में पूरी तरह से पारदर्शिता थी। महिलाओं को नियमानुसार स्थान दिया गयाहै।
मंत्रियोंके चक्कर नहीं लगाए
अध्यापिकाकल्पना ओझा ने लिखा है कि इस सिस्टम से अनावश्यक परेशानियों से बचे हैं। मंत्रियों के चक्कर नहीं लगाने पड़े हैं। वहीं अल्प समय में पोस्टिंग हो गई है। मोनिका लड्ढा ने लिखा कि पारदर्शितापूर्ण, राजनीतिक दखल से दूर यह शानदार प्रणाली है।
पुरुषहोना अभिशाप नहीं
खफाअध्यापकों ने इस सिस्टम को लेकर नकारात्मक कमेंट्स लिखे हैं। एक शिक्षक ने लिखा है कि काउंसलिंग प्रकिया अच्छी है। लेकिन, सामान्य महिलाओं को वरीयता देना सही नहीं है। सभी महिलाओं को वरीयता देना तर्क संगत नहीं है। एक शिक्षक ने लिखा सूची बनने के बाद दुबारा महिलाओं को वरीयता देना अधिकारों का हनन है। समानता के आधार पर पदस्थापन किया जाना चाहिए। यह समानता के अनुसार पदस्थापन नहीं है। पदस्थापन केवल वरिष्ठता के अनुसार करना चाहिए, लिंग भेद करना ठीक नहीं है। वहीं, एक शिक्षक ने लिखा काउंसलिंग प्रक्रिया ठीक है, लेकिन महिलाओं को प्रॉयरिटी देना ठीक नहीं है।
181 शिक्षकों की काउंसलिंग में 110 महिलाएं और 59 पुरुषों ने हिस्सा लिया। वहीं 12 टीचर्स अनुपस्थित रहे। काउंसलिंग में शामिल शिक्षकों की राय जानने के लिए अधिकारियों ने रजिस्टर रखवाया गया। अधिकांश शिक्षिकाओं ने इस सिस्टम की तारीफ तो कुछ शिक्षकों ने महिलाओं को प्रॉयरिटी देने पर नाराजगी बताई। सहायक उपनिदेशक अजीत लुहाड़िया ने बताया कि काउंसलिंग में पूरी तरह से पारदर्शिता थी। महिलाओं को नियमानुसार स्थान दिया गयाहै।
मंत्रियोंके चक्कर नहीं लगाए
अध्यापिकाकल्पना ओझा ने लिखा है कि इस सिस्टम से अनावश्यक परेशानियों से बचे हैं। मंत्रियों के चक्कर नहीं लगाने पड़े हैं। वहीं अल्प समय में पोस्टिंग हो गई है। मोनिका लड्ढा ने लिखा कि पारदर्शितापूर्ण, राजनीतिक दखल से दूर यह शानदार प्रणाली है।
पुरुषहोना अभिशाप नहीं
खफाअध्यापकों ने इस सिस्टम को लेकर नकारात्मक कमेंट्स लिखे हैं। एक शिक्षक ने लिखा है कि काउंसलिंग प्रकिया अच्छी है। लेकिन, सामान्य महिलाओं को वरीयता देना सही नहीं है। सभी महिलाओं को वरीयता देना तर्क संगत नहीं है। एक शिक्षक ने लिखा सूची बनने के बाद दुबारा महिलाओं को वरीयता देना अधिकारों का हनन है। समानता के आधार पर पदस्थापन किया जाना चाहिए। यह समानता के अनुसार पदस्थापन नहीं है। पदस्थापन केवल वरिष्ठता के अनुसार करना चाहिए, लिंग भेद करना ठीक नहीं है। वहीं, एक शिक्षक ने लिखा काउंसलिंग प्रक्रिया ठीक है, लेकिन महिलाओं को प्रॉयरिटी देना ठीक नहीं है।