अजमेर.राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आरएएस मुख्य परीक्षा 2016 के सिलेबस में किए गए बदलाव और राजस्थानी विषय को हटाने को लेकर फुल कमीशन से मंजूरी ली गई है या नहीं, इस पर विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं। हालांकि आयोग सचिव गिरिराज सिंह कुशवाहा का दावा है कि कमीशन के आदेश पर ही यह बदलाव किया गया है।
इसके विपरीत आरएएस परीक्षा 2016 के समन्वयक व सदस्य डॉ. शिवसिंह राठौड़ का कहना है कि आयोग अध्यक्ष डॉ. ललित के. पंवार द्वारा गठित सिलेबस कमेटी ने इसको फाइनल किया है। फुल कमीशन में यह सिलेबस पास हुआ या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है।
आयोग के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आरएएस मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव विशेषकर राजस्थानी भाषा के 20 नंबर के पाठ्यक्रम को हटाने के बारे में आयोग के फुल कमीशन में चर्चा ही नहीं हुई है, जबकि इतना बड़ा निर्णय बिना फुल कमीशन की नॉलेज में लाए कैसे किया जा सकता है। आरएएस आरपीएससी की फ्लैगशिप परीक्षा है। यह कोई व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित की जाने वाली परीक्षा नहीं है। आरएएस परीक्षा का नया सिलेबस जब तैयार हो रहा था, उस समय भी राजस्थानी को बाहर किए जाने की बात सामने आई थी।
सचिव कुशवाहा से बातचीत
सवाल- क्या आरएएस 2016 का नया सिलेबस फुल कमीशन में तय हुआ है?
जवाब- जो भी कुछ होता है, फुल कमीशन ही करता है।
सवाल- सिलेबस में बदलाव को लेकर फुल कमीशन कब बुलाया गया?
जवाब- मुझे ध्यान नहीं कब हुई बैठक।
सवाल- बैठक तो हुई होगी?
जवाब- हर चीज के लिए बैठक नहीं होती, चेयरमैन साहब को इसके बारे में जानकारी होगी।
समन्वयक डॉ. शिव सिंह राठौड़ से बातचीत
सवाल- आरएएस 2016 के सिलेबस को लेकर फुल कमीशन कब बैठा?
जवाब- चेयरमैन साहब ने सिलेबस कमेटी का गठन किया था। इसमें विषय विशेषज्ञ थे।
सवाल- कमेटी ने कितने दिन में सिलेबस में बदलाव किए?
जवाब- 5 से 7 दिन में यह सिलेबस में बदलाव कर दिए गए थे।
सवाल- क्या सिलेबस कमेटी द्वारा तैयार सिलेबस या बदलाव फुल कमीशन में नहीं आते?
- पिछली बार भी कमेटी ही बनाई गई थी।
सवाल - क्या सिलेबस कमेटी के बाद फुल कमीशन की मंजूरी की आवश्यकता नहीं रहती क्या?
जवाब- कोई जवाब नहीं।
सवाल - सिलेबस चेंज से क्या फायदा होगा?
जवाब - पहले और तीसरे पेपर में मामूली विसंगति थी। उसे दूर किया गया है। अब पहले पेपर में इतिहास, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, प्रबंधन एवं व्यावसायिक प्रशासन को शामिल किया गया है। दूसरे पेपर में तार्किक दक्षता, मानसिक योग्यता एवं आधारभूत संख्यनन, सामान्य विज्ञान एवं तकनीकी, पृथ्वी विज्ञान, तीसरे पेपर में भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले, लोक प्रशासन, प्रशासकीय नीतिशास्त्र, व्यवहार एवं विधि से संबंधित विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसके विपरीत आरएएस परीक्षा 2016 के समन्वयक व सदस्य डॉ. शिवसिंह राठौड़ का कहना है कि आयोग अध्यक्ष डॉ. ललित के. पंवार द्वारा गठित सिलेबस कमेटी ने इसको फाइनल किया है। फुल कमीशन में यह सिलेबस पास हुआ या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है।
आयोग के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आरएएस मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव विशेषकर राजस्थानी भाषा के 20 नंबर के पाठ्यक्रम को हटाने के बारे में आयोग के फुल कमीशन में चर्चा ही नहीं हुई है, जबकि इतना बड़ा निर्णय बिना फुल कमीशन की नॉलेज में लाए कैसे किया जा सकता है। आरएएस आरपीएससी की फ्लैगशिप परीक्षा है। यह कोई व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित की जाने वाली परीक्षा नहीं है। आरएएस परीक्षा का नया सिलेबस जब तैयार हो रहा था, उस समय भी राजस्थानी को बाहर किए जाने की बात सामने आई थी।
सचिव कुशवाहा से बातचीत
सवाल- क्या आरएएस 2016 का नया सिलेबस फुल कमीशन में तय हुआ है?
जवाब- जो भी कुछ होता है, फुल कमीशन ही करता है।
सवाल- सिलेबस में बदलाव को लेकर फुल कमीशन कब बुलाया गया?
जवाब- मुझे ध्यान नहीं कब हुई बैठक।
सवाल- बैठक तो हुई होगी?
जवाब- हर चीज के लिए बैठक नहीं होती, चेयरमैन साहब को इसके बारे में जानकारी होगी।
समन्वयक डॉ. शिव सिंह राठौड़ से बातचीत
सवाल- आरएएस 2016 के सिलेबस को लेकर फुल कमीशन कब बैठा?
जवाब- चेयरमैन साहब ने सिलेबस कमेटी का गठन किया था। इसमें विषय विशेषज्ञ थे।
सवाल- कमेटी ने कितने दिन में सिलेबस में बदलाव किए?
जवाब- 5 से 7 दिन में यह सिलेबस में बदलाव कर दिए गए थे।
सवाल- क्या सिलेबस कमेटी द्वारा तैयार सिलेबस या बदलाव फुल कमीशन में नहीं आते?
- पिछली बार भी कमेटी ही बनाई गई थी।
सवाल - क्या सिलेबस कमेटी के बाद फुल कमीशन की मंजूरी की आवश्यकता नहीं रहती क्या?
जवाब- कोई जवाब नहीं।
सवाल - सिलेबस चेंज से क्या फायदा होगा?
जवाब - पहले और तीसरे पेपर में मामूली विसंगति थी। उसे दूर किया गया है। अब पहले पेपर में इतिहास, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, प्रबंधन एवं व्यावसायिक प्रशासन को शामिल किया गया है। दूसरे पेपर में तार्किक दक्षता, मानसिक योग्यता एवं आधारभूत संख्यनन, सामान्य विज्ञान एवं तकनीकी, पृथ्वी विज्ञान, तीसरे पेपर में भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले, लोक प्रशासन, प्रशासकीय नीतिशास्त्र, व्यवहार एवं विधि से संबंधित विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
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