उदयपुर. जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण विद्यालयों में पिछले पांच माह से विद्यार्थियों को पोषाहार उधारी पर दिए जा रहे हैं। इससे संबंधित फाइल डीईओ और कलेक्टर ऑफिस में महीनों से लंबित है।
हालांकि राज्य सरकार ने जुलाई से दिसम्बर तक की राशि जून में ही दे दी है लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण सात माह से पोषाहार व कुक कम हेल्पर का पैसा फाइलों में ही अटका पड़ा है। फाइलें पास नहीं होने के कारण शिक्षकों की उधारी और कुकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। उधर पांच माह पहले पास कर देने के बावजूद फाइल कहां तक पहुंची, डीईओ को इस बारे कोई जानकारी नहीं है।
शिक्षकों की बढ़ी उधारी, पोषाहार बनाने वालों की दिवाली हो रही फीकी : जिला शिक्षा अधिकारी के पास 1 लाख रुपए के बजट से ज्यादा पास करने का अधिकार नहीं होने के कारण, उन्होंने जिला कलेक्टर को फाइल भेजी लेकिन वहां से फाइल आगे नहीं बढ़ पाई है। जिस कारण स्कूलों में पोषाहार के साथ अन्य सुविधाओं को लेकर शिक्षक तो परेशानी हैं ही, पोषाहार बनाने वालों को भी पैसे नहीं मिल पाए हैं।
पोषाहार की गुणवत्ता में गिरावट: शिक्षकों का कहना है कि पांच माह से पोषाहार की राशि नहीं आने के कारण विद्यालयों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है। शिक्षक खुद जेब से पैसे लगाकर बच्चों को पोषाहार खिलाने के प्रयास कर रहे हैं। पैसे कम होने कारण कई बार खाद्य पदार्थों की मात्रा भी कम कर दी जाती है।
चेक पास कर दिए गए हैं। बुधवार तक सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के खाते में पैसे डाल दिए जाएंगे।पैसे आते ही फाइल चला दी थी, कहां अटकी है इसकी जानकारी नहीं। नारायण प्रजापत, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
हालांकि राज्य सरकार ने जुलाई से दिसम्बर तक की राशि जून में ही दे दी है लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण सात माह से पोषाहार व कुक कम हेल्पर का पैसा फाइलों में ही अटका पड़ा है। फाइलें पास नहीं होने के कारण शिक्षकों की उधारी और कुकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। उधर पांच माह पहले पास कर देने के बावजूद फाइल कहां तक पहुंची, डीईओ को इस बारे कोई जानकारी नहीं है।
शिक्षकों की बढ़ी उधारी, पोषाहार बनाने वालों की दिवाली हो रही फीकी : जिला शिक्षा अधिकारी के पास 1 लाख रुपए के बजट से ज्यादा पास करने का अधिकार नहीं होने के कारण, उन्होंने जिला कलेक्टर को फाइल भेजी लेकिन वहां से फाइल आगे नहीं बढ़ पाई है। जिस कारण स्कूलों में पोषाहार के साथ अन्य सुविधाओं को लेकर शिक्षक तो परेशानी हैं ही, पोषाहार बनाने वालों को भी पैसे नहीं मिल पाए हैं।
पोषाहार की गुणवत्ता में गिरावट: शिक्षकों का कहना है कि पांच माह से पोषाहार की राशि नहीं आने के कारण विद्यालयों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है। शिक्षक खुद जेब से पैसे लगाकर बच्चों को पोषाहार खिलाने के प्रयास कर रहे हैं। पैसे कम होने कारण कई बार खाद्य पदार्थों की मात्रा भी कम कर दी जाती है।
चेक पास कर दिए गए हैं। बुधवार तक सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के खाते में पैसे डाल दिए जाएंगे।पैसे आते ही फाइल चला दी थी, कहां अटकी है इसकी जानकारी नहीं। नारायण प्रजापत, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
No comments:
Post a Comment