जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में पीएच.डी कोर्स के लिए टेस्ट देना
अनिवार्य होगा। इससे पहले विश्वविद्यालय में नेट-सलेट और जेआरएफ किए हुए
विद्यार्थियों को 40 फीसदी सीटों पर सीधा प्रवेश दिया जाता था, लेकिन अब
ऐसा नहीं होगा। इसको लेकर आरयू ने एकेडमिक काउंसिल की बैठक में निर्णय
लिया।
अब लेनी होगी अनुमति
आरयू से मान्यता प्राप्त सरकार और प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षकों को अब नए विद्यार्थियों को पीएच.डी करवाने के लिए रिसर्च एफिलेशन लेनी होगी। इसके बाद ही वह विद्यार्थियों को पीएच.डी करवा सकेंगे। एफिलेशन के लिए कॉलेजों में रिसर्च से संबंधित सुविधाओं का जायजा आरयू प्रशासन लेगा। इसमें रिसर्च लैब, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब सहित अन्य व्यवस्थाओं होने पर ही रिसर्च एफिलेशन की मान्यता मिलेगी। आरयू प्रशासन ने टीचर रिसर्च फेले (टीआरएफ) को बदल दिए है।
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी सिंघल ने बताया कि एक प्रोफेसर 8 विद्यार्थियों को, असोसिएट प्रोफेसर 6, असिस्टेट प्रोफेसर और कॉलेजों के शिक्षक चार स्टूडेंट्स को ही पीएचडी करवा सकेंगे। इससे पहले गाइड कम से कम 8 विद्यार्थियों को पीएचडी करवा सकता था। सरकारी कॉलेजों के टीचर, नेट-सलेट और जेआरएफ सहित सभी विद्यार्थियों को पीएच.डी. कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही होगी।
आरयू शोध विभाग के निदेशक डॉ. एससी बरड़िया के मुताबिक सरकारी और निजी कॉलेजों के शिक्षकों को पीएचडी में गाइड बनने के लिए नए विद्यार्थी तब ही मिलेंगे, जब वे विश्वविद्यालय से रिसर्च एफिलेशन लेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अब लेनी होगी अनुमति
आरयू से मान्यता प्राप्त सरकार और प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षकों को अब नए विद्यार्थियों को पीएच.डी करवाने के लिए रिसर्च एफिलेशन लेनी होगी। इसके बाद ही वह विद्यार्थियों को पीएच.डी करवा सकेंगे। एफिलेशन के लिए कॉलेजों में रिसर्च से संबंधित सुविधाओं का जायजा आरयू प्रशासन लेगा। इसमें रिसर्च लैब, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब सहित अन्य व्यवस्थाओं होने पर ही रिसर्च एफिलेशन की मान्यता मिलेगी। आरयू प्रशासन ने टीचर रिसर्च फेले (टीआरएफ) को बदल दिए है।
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी सिंघल ने बताया कि एक प्रोफेसर 8 विद्यार्थियों को, असोसिएट प्रोफेसर 6, असिस्टेट प्रोफेसर और कॉलेजों के शिक्षक चार स्टूडेंट्स को ही पीएचडी करवा सकेंगे। इससे पहले गाइड कम से कम 8 विद्यार्थियों को पीएचडी करवा सकता था। सरकारी कॉलेजों के टीचर, नेट-सलेट और जेआरएफ सहित सभी विद्यार्थियों को पीएच.डी. कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही होगी।
आरयू शोध विभाग के निदेशक डॉ. एससी बरड़िया के मुताबिक सरकारी और निजी कॉलेजों के शिक्षकों को पीएचडी में गाइड बनने के लिए नए विद्यार्थी तब ही मिलेंगे, जब वे विश्वविद्यालय से रिसर्च एफिलेशन लेंगे।
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