भीलवाड़ा। विशिष्ट
न्यायाधीश (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम मामलात) रमेशचन्द्र
मीणा ने स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसका अवैध रूप से गर्भपात कराने
के मामले में गुरुवार को दुष्कर्मी शिक्षक आसींद निवासी भुवनेश्वरसिंह तोमर
को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार 14 दिसम्बर 2013 को आसींद में शिशु ज्ञान केन्द्र स्कूल के निकट तीन-चार माह का भू्रण मिला। आसींद थाना पुलिस ने भू्रण का पोस्टमार्टम करवा कर उसे दफनाया दिया। इस बीच 17 दिसम्बर 2013 को एक व्यक्ति ने थाने में मामला दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया कि भू्रण उसकी सोलह वर्षीय पुत्री का था। शिशु ज्ञान केन्द्र स्कूल में पढ़ती है।
स्कूल संचालिका सुनीता तोमर के पुत्र बबलू उर्फ भुवनेश्वरसिंह ने छात्रा के साथ दुष्कर्म कर अवैध गर्भपात कराया। भुवनेश्वरसिंह कांवलास सरकारी विद्यालय में गणित का शिक्षक था और मां की स्कूल में भी पढ़ाता था। जांच में सामने आया कि भुवनेश्वरसिंह ने सितम्बर-2013 में पीडि़ता को फेल करने की धमकी देकर उसके साथ पांच बार दुष्कर्म किया। इससे छात्रा गर्भवती हो गई।
मां व पत्नी के साथ मिलकर कराया जबरन गर्भपात
आरोपित ने मां सुनीता तोमर, पत्नी उमा देवी, मौसी मनोरमा तथा विद्यालय में ही चपरासी आसींद निवासी सीता कीर के साथ मिलकर छात्रा को पहले गोलियां खिलाई और 14 दिसम्बर 2013 को उसका गर्भपात करा दिया। इससे छात्रा की हालत बिगड़ गई। उसे स्कूल में ही कमरे में बंद कर दिया गया।
पांच के खिलाफ किया पुलिस ने चालान पेश
आसींद पुलिस ने जांच के बाद शिक्षक समेत उसकी मां, पत्नी, मौसी और महिला चपरासी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। पॉक्सो अधिनियम में शिक्षक के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय और जबकि सभी महिलाओं के खिलाफ महिला उत्पीडऩ न्यायालय में चालान पेश किया। महिला उत्पीडऩ न्यायालय में मामला विचाराधीन चल रहा है। लोक अभियोजक राजकुमार शर्मा और पीडि़ता छात्रा के पिता की ओर से अधिवक्ता हिम्मतसिंह सोलंकी ने पैरवी करते हुए 31 गवाह और 65 दस्तावेज विशिष्ट न्यायालय में पेश किए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रकरण के अनुसार 14 दिसम्बर 2013 को आसींद में शिशु ज्ञान केन्द्र स्कूल के निकट तीन-चार माह का भू्रण मिला। आसींद थाना पुलिस ने भू्रण का पोस्टमार्टम करवा कर उसे दफनाया दिया। इस बीच 17 दिसम्बर 2013 को एक व्यक्ति ने थाने में मामला दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया कि भू्रण उसकी सोलह वर्षीय पुत्री का था। शिशु ज्ञान केन्द्र स्कूल में पढ़ती है।
स्कूल संचालिका सुनीता तोमर के पुत्र बबलू उर्फ भुवनेश्वरसिंह ने छात्रा के साथ दुष्कर्म कर अवैध गर्भपात कराया। भुवनेश्वरसिंह कांवलास सरकारी विद्यालय में गणित का शिक्षक था और मां की स्कूल में भी पढ़ाता था। जांच में सामने आया कि भुवनेश्वरसिंह ने सितम्बर-2013 में पीडि़ता को फेल करने की धमकी देकर उसके साथ पांच बार दुष्कर्म किया। इससे छात्रा गर्भवती हो गई।
मां व पत्नी के साथ मिलकर कराया जबरन गर्भपात
आरोपित ने मां सुनीता तोमर, पत्नी उमा देवी, मौसी मनोरमा तथा विद्यालय में ही चपरासी आसींद निवासी सीता कीर के साथ मिलकर छात्रा को पहले गोलियां खिलाई और 14 दिसम्बर 2013 को उसका गर्भपात करा दिया। इससे छात्रा की हालत बिगड़ गई। उसे स्कूल में ही कमरे में बंद कर दिया गया।
पांच के खिलाफ किया पुलिस ने चालान पेश
आसींद पुलिस ने जांच के बाद शिक्षक समेत उसकी मां, पत्नी, मौसी और महिला चपरासी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। पॉक्सो अधिनियम में शिक्षक के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय और जबकि सभी महिलाओं के खिलाफ महिला उत्पीडऩ न्यायालय में चालान पेश किया। महिला उत्पीडऩ न्यायालय में मामला विचाराधीन चल रहा है। लोक अभियोजक राजकुमार शर्मा और पीडि़ता छात्रा के पिता की ओर से अधिवक्ता हिम्मतसिंह सोलंकी ने पैरवी करते हुए 31 गवाह और 65 दस्तावेज विशिष्ट न्यायालय में पेश किए।
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