अजमेर.राजस्थान
में शिक्षा विभाग द्वारा कला शिक्षा की उपेक्षा किए जाने से खफा
अभ्यर्थियों ने विरोध का फिर नया तरीका निकाला है। कला शिक्षा की राज्य
सरकार द्वारा श्रद्धांजलि के चित्र बनाकर सुर्खियों में आए ये अभ्यर्थी अब
सीधे प्रधानमंत्री और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भेजने की
मुहिम शुरू कर चुके हैं। इसकी शुरुआत अजमेर के किशनगढ़ से की गई है।
प्रदेशभर से 500 लेटर भेजे जाएंगे।
अब
कला शिक्षा में डिग्री लेने वाले बेरोजगार अभ्यर्थी जिनमें महिला भी शामिल
हैं, स्वयं ही अपने हाथों से पत्र लिख रहे हैं और इन्हें डाक द्वारा पोस्ट
करने में जुट गए हैं। राजस्थान बेरोजगार चित्रकला अभ्यर्थी संगठन के
प्रदेश सचिव महेश गुर्जर ने इस अभियान के संदर्भ में बताया कि लंबे समय से
बेरोजगार कला अभ्यर्थी लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्य मांग यही है कि प्रदेश में
कला शिक्षा के ग्रेड सैकंड व थर्ड के पद सृजित किए जाएं। इससे न केवल
बेरोजगार अभ्यर्थियों का भला होगा, बल्कि प्रदेश के स्कूलों में कला शिक्षा
की तालीम पा रहे विद्यार्थियों को भी इस विधा का सही ज्ञान हो सकेगा।
राजस्थान में कला उत्सव केवल औपचारिक मात्र
प्रधानमंत्री ने गत वर्ष शिक्षक दिवस पर बच्चों के सृजनात्मक विकास के लिए सभी राज्यों के विद्यालयों में हर वर्ष कला उत्सव मनाने के लिए कहा था।
मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ने राजस्थान में कला उत्सव आयोजित करने की
जिम्मेदारी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद शिक्षा संकुल जयपुर को दी।
लेकिन कला उत्सव के नाम पर दो वर्षों से केवल औपचारिकता कर लाखों रुपए
सरकार के बर्बाद किए गए व किए जा रहे हैं, न कला उत्सव का प्रचार-प्रसार
किया जाता है और न ही इसे गंभीरता से लेने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा
प्रभावी आदेश जारी किया जाता है। यहां तक कि शिक्षा संकुल जयपुर विभाग के
अधिकारियों ने ऐसी कला दिखाई कि कागजों से दृश्य कला ( चित्रकला) गतिविधि
को ही गायब कर दिया ।
संगठन की मुख्य मांग
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राजकीय विद्यालयों में सन 1995 से माध्यमिक व प्रारंभिक स्तर पर कला
शिक्षा अनिवार्य विषय रूप में संचालित है, फिर भी राजकीय विद्यालयों में
माध्यमिक /प्रारंभिक स्तर पर कला शिक्षा विषय के लिए कला शिक्षक (अनुदेशक)
पद सृजित ही नहीं हैं।
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निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानानुसार 100
बच्चों के नामांकन पर कला शिक्षा अनिवार्य विषय के लिए 1 अंशकालिक कला
अनुदेशक लगाए जाने प्रावधान है। इसे लागू किया जाए।
- राजकीय स्कूलों में ग्रेड सैकंड व थर्ड के पद कला शिक्षकों के सृजित किए जाए। साथ ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
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