उदयपुर। मोहनलाल सुखाडया विष्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. एस.बी.लाल ने कहा कि जिस प्रकार हम किसी भी संस्था द्वारा वर्ष पर्यन्त किये जाने वाले कार्यो का सलाना ऑडिट करवायी जाती है
ठीक उसी प्रकार शिक्षा का स्तर पर सुधारनें के लिए शिक्षकों द्वारा छात्रों को कराये जाने वाले अध्ययन के लिए एकेडमिक ऑडिट सिस्टम को लागू किया जाना चाहिये, जो आज तक देष में लागू नहीं हुआ है।
वे लायन्स क्लब अरावली द्वारा देवाली स्थित लायन्स भवन में आयोजित षैक्षिक प्रतिभाओं के सम्मान समारोह एवं रिजन चेयरमेन की अधिकारिक यात्रा के अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर विशिश्ठ अतिथि बोल रहे थे। उन्हने कहा कि एकेडमिक ऑडिट सिस्टम के लागू होने से शिक्षा की गुणवत्ता का अंाकलन हो सकेगा। स्वयं को अज्ञानी मानते हुए ज्ञान की सीमा तक पंहुचने का प्रयास करना हर शिक्षक का कर्तव्य होना चाहिये। आज भी हम उन पंाच प्रष्नों क्या पढाया जाएं, क्यों पढाया जाएं,कब पढाया जाएं,कैसे पढाया जाएं ओर कौन पढाएगा,के उत्तर ढूढंने का प्रयास कर रहे है लेकिन इनके जवाब नहीं मिल रहे है।
डॉ. लाल ने कहा कि शोध में भी कट-पेस्ट की प्रवृत्ति से नॉन परफोर्मर्स आगे आ रहे है। पूर्व में शिक्षा का राजनीतिकरण हुआ, फिर अपराधीकरण ओर अब शिक्षा के अपराध का राजनीतिकरण हो रहा है। जिस प्रकार से हम शिक्षा में छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे है क्या उससे मुन्ना भाई एमबीबीएस को नहीं ला रहे है। इस पर गहन मंथन की आवष्यकता है। उन्हने कहा कि क्यों हम अलगाववादियों की सुरक्षा पर सालाना १०० करोड रूपयें खर्च कर रहे,जो दे को तोडने में लगे हुए है।
समारोह के मुख्य अतिथि एमपीयूटी के कुलपति प्रो. डॉ. उमाषंकर शर्मा ने कहा कि गिरते शिक्षा के स्तर को उंचा उठानें की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की ही है।
ये प्रतिभाएं हुई सम्मानित- समारोह में डॉ. श्रीकृश्ण जंगनू,श्रीमती मीनाक्षी शर्मा,कल्पना बापना,नीमषंकर लेखावत,रीतू शर्मा, मनोहरसिंह चौहान,मोनिका जोषी, मनोहरलाल भोई,बीना नाहर, एवं किषनलाल सालवी को उपरना एवं षॉल ओढाकर, श्रीफल एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ.जुगनू ने कहा कि देष के पाठ्यक्रमों, ग्रन्थों एवं पाण्डुलिपियों को या तो जला दिया गया या नश्ट कर दिया गया लेकिन उन्हने देष की इस अमूल्य धरोहर को कण-कण के रूप में पुनः एकत्रित कर इसे संजोनें का प्रयास किया। आज उन्हंी के प्रयासों से वास्तु जैसे विशय पर विष्वविद्यालयों में व्याख्याता के पद सृजित हुए है।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष बंषीलाल कुम्हार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब ने वर्शो से चल रही आ रही षैक्षिक प्रतिभाओं को सामनें लाने की परम्परा का निर्वहन किया है। इस अवसर पर सचिव आषा गुप्ता ने सचिवीय प्रतिवेदन पढा। कार्यक्रम म रिजन चेयरमेन करूणा खमेसरा क्लब की अधिकारिक यात्रा के अवसर पर कहा कि बालिका शिक्षा से राश्ट्र का निर्माण संभव होता है क्येांकि यह एक ऐसी कडी है जिससे व केवल घर,समाज, राज्य वरन् राश्ट्र की उन्नति का मार्ग खुलता है। षैक्षिक प्रतिभा कार्यक्रम का संचालन करत एस.एन.गुप्ता ने किया। अंत में सचिव आषा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में कोशाध्यक्ष नरेष सरणोत, केबिनेट पदाध्किारी पारस हिंगड, के.एस.भण्डारी, राजेष शर्मा, परमजीतसिंह अरोडा सहित अनेक पदधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पुश्पा मेहता ने किया। ध्वज वंदना अनुराधा मेहता ने प्रस्तुत की।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ठीक उसी प्रकार शिक्षा का स्तर पर सुधारनें के लिए शिक्षकों द्वारा छात्रों को कराये जाने वाले अध्ययन के लिए एकेडमिक ऑडिट सिस्टम को लागू किया जाना चाहिये, जो आज तक देष में लागू नहीं हुआ है।
वे लायन्स क्लब अरावली द्वारा देवाली स्थित लायन्स भवन में आयोजित षैक्षिक प्रतिभाओं के सम्मान समारोह एवं रिजन चेयरमेन की अधिकारिक यात्रा के अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर विशिश्ठ अतिथि बोल रहे थे। उन्हने कहा कि एकेडमिक ऑडिट सिस्टम के लागू होने से शिक्षा की गुणवत्ता का अंाकलन हो सकेगा। स्वयं को अज्ञानी मानते हुए ज्ञान की सीमा तक पंहुचने का प्रयास करना हर शिक्षक का कर्तव्य होना चाहिये। आज भी हम उन पंाच प्रष्नों क्या पढाया जाएं, क्यों पढाया जाएं,कब पढाया जाएं,कैसे पढाया जाएं ओर कौन पढाएगा,के उत्तर ढूढंने का प्रयास कर रहे है लेकिन इनके जवाब नहीं मिल रहे है।
डॉ. लाल ने कहा कि शोध में भी कट-पेस्ट की प्रवृत्ति से नॉन परफोर्मर्स आगे आ रहे है। पूर्व में शिक्षा का राजनीतिकरण हुआ, फिर अपराधीकरण ओर अब शिक्षा के अपराध का राजनीतिकरण हो रहा है। जिस प्रकार से हम शिक्षा में छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे है क्या उससे मुन्ना भाई एमबीबीएस को नहीं ला रहे है। इस पर गहन मंथन की आवष्यकता है। उन्हने कहा कि क्यों हम अलगाववादियों की सुरक्षा पर सालाना १०० करोड रूपयें खर्च कर रहे,जो दे को तोडने में लगे हुए है।
समारोह के मुख्य अतिथि एमपीयूटी के कुलपति प्रो. डॉ. उमाषंकर शर्मा ने कहा कि गिरते शिक्षा के स्तर को उंचा उठानें की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की ही है।
ये प्रतिभाएं हुई सम्मानित- समारोह में डॉ. श्रीकृश्ण जंगनू,श्रीमती मीनाक्षी शर्मा,कल्पना बापना,नीमषंकर लेखावत,रीतू शर्मा, मनोहरसिंह चौहान,मोनिका जोषी, मनोहरलाल भोई,बीना नाहर, एवं किषनलाल सालवी को उपरना एवं षॉल ओढाकर, श्रीफल एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ.जुगनू ने कहा कि देष के पाठ्यक्रमों, ग्रन्थों एवं पाण्डुलिपियों को या तो जला दिया गया या नश्ट कर दिया गया लेकिन उन्हने देष की इस अमूल्य धरोहर को कण-कण के रूप में पुनः एकत्रित कर इसे संजोनें का प्रयास किया। आज उन्हंी के प्रयासों से वास्तु जैसे विशय पर विष्वविद्यालयों में व्याख्याता के पद सृजित हुए है।
प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष बंषीलाल कुम्हार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब ने वर्शो से चल रही आ रही षैक्षिक प्रतिभाओं को सामनें लाने की परम्परा का निर्वहन किया है। इस अवसर पर सचिव आषा गुप्ता ने सचिवीय प्रतिवेदन पढा। कार्यक्रम म रिजन चेयरमेन करूणा खमेसरा क्लब की अधिकारिक यात्रा के अवसर पर कहा कि बालिका शिक्षा से राश्ट्र का निर्माण संभव होता है क्येांकि यह एक ऐसी कडी है जिससे व केवल घर,समाज, राज्य वरन् राश्ट्र की उन्नति का मार्ग खुलता है। षैक्षिक प्रतिभा कार्यक्रम का संचालन करत एस.एन.गुप्ता ने किया। अंत में सचिव आषा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में कोशाध्यक्ष नरेष सरणोत, केबिनेट पदाध्किारी पारस हिंगड, के.एस.भण्डारी, राजेष शर्मा, परमजीतसिंह अरोडा सहित अनेक पदधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पुश्पा मेहता ने किया। ध्वज वंदना अनुराधा मेहता ने प्रस्तुत की।
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