प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही स्किल्ड इंडिया का सपना देख रहे हों,लेकिन सच्चाई यह है कि राज्यभर के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्सेज में पचास फीसदी से ज्यादा सीटें खाली हैं,यही हाल इंजीनियरिंग कॉलेजों का भी है।
ऐसे में स्किल्ड इंडिया कैसे बनेगा?बुधवार को राज्य सरकार के आदेशों पर आईटीआई आैर बारहवीं पास विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लेटरेल एंट्री(पार्श्व पद्धति)के लिए अंतिम काउंसलिंग “आेपन स्पेशल राउंड’ रखा गया। अजमेर के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में देर रात करीब 2 बजे तक राज्य स्तरीय काउंसलिंग चली,लेकिन आधी से ज्यादा सीटें फिर भी खाली रहीं। रिक्त सीटें कैसे भरी जाएंगी,इस बारे में फिलहाल राज्य सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।
काउंसलिंग के सह संयोजक शैलेश जोशी ने बताया कि राज्य के सरकारी आैर गैर सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में संचालित डिप्लोमा इंजीनियरिंग मैकेनिकल,सिविल,इलेक्ट्रानिक्स,ऑटोमोबाइल,प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी,इंस्ट्रूमेंटेशन,कंप्यूटर साइंस,इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी सहित अन्य 16 ब्रांचों में लेटरेल एंट्री के माध्यम से दाखिला दिया जा रहा है। इसमें आईटीआई(दो वर्षीय)आैर बारहवीं पास साइंस-मैथ्स के विद्यार्थियों को सीधे डिप्लोमा इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष में दाखिला दिया जा रहा है। राज्यभर के सरकारी आैर गैर सरकारी कॉलेजों में कुल 10581 सीटें रिक्त थीं,जिनमें से फर्स्ट राउंड में 834 सीटें भरी जा चुकी हैं। 9747 सीटें रिक्त थीं,इनमें से देर रात तक करीब 1500 सीटों पर एडमिशन हुए।
हां,प्राइवेट कॉलेजों में फीस ज्यादा होने के कारण रिक्त हैं सीटें
^प्रदेशके सरकारी आैर प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में “आेपन स्पेशल राउंड’ काउंसलिंग के लिए 2914 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। फर्स्ट काउंसलिंग में 834 सीटें भरी थीं,स्पेशल राउंड में रात 11.30 बजे तक 1263 सीटें ही भरी। काउंसलिंग देर रात तक जारी थी। पचास फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण प्राइवेट कॉलेजों द्वारा वसूली जाने वाली मनमानी फीस है। इन कॉलेजों में सरकारी कॉलेजों की तुलना में पांच गुना फीस वसूली जा रही है। ग्रामीण आैर आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार प्राइवेट कॉलेजों की यह फीस भरने में सक्षम नहीं होते,इस कारण इतनी संख्या में सीटें रिक्त हैं। देर रात करीब 2 बजे तक काउंसलिंग चली,लेकिन फिर भी काफी सीटें खाली हैं। रिक्त सीटें कैसे भरी जाएंगी,इस बारे में फिलहाल सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं।-अशोककुमार,प्राचार्य काउंसलिंग संयोजक,गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ऐसे में स्किल्ड इंडिया कैसे बनेगा?बुधवार को राज्य सरकार के आदेशों पर आईटीआई आैर बारहवीं पास विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लेटरेल एंट्री(पार्श्व पद्धति)के लिए अंतिम काउंसलिंग “आेपन स्पेशल राउंड’ रखा गया। अजमेर के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज में देर रात करीब 2 बजे तक राज्य स्तरीय काउंसलिंग चली,लेकिन आधी से ज्यादा सीटें फिर भी खाली रहीं। रिक्त सीटें कैसे भरी जाएंगी,इस बारे में फिलहाल राज्य सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।
काउंसलिंग के सह संयोजक शैलेश जोशी ने बताया कि राज्य के सरकारी आैर गैर सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में संचालित डिप्लोमा इंजीनियरिंग मैकेनिकल,सिविल,इलेक्ट्रानिक्स,ऑटोमोबाइल,प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी,इंस्ट्रूमेंटेशन,कंप्यूटर साइंस,इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी सहित अन्य 16 ब्रांचों में लेटरेल एंट्री के माध्यम से दाखिला दिया जा रहा है। इसमें आईटीआई(दो वर्षीय)आैर बारहवीं पास साइंस-मैथ्स के विद्यार्थियों को सीधे डिप्लोमा इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष में दाखिला दिया जा रहा है। राज्यभर के सरकारी आैर गैर सरकारी कॉलेजों में कुल 10581 सीटें रिक्त थीं,जिनमें से फर्स्ट राउंड में 834 सीटें भरी जा चुकी हैं। 9747 सीटें रिक्त थीं,इनमें से देर रात तक करीब 1500 सीटों पर एडमिशन हुए।
हां,प्राइवेट कॉलेजों में फीस ज्यादा होने के कारण रिक्त हैं सीटें
^प्रदेशके सरकारी आैर प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में “आेपन स्पेशल राउंड’ काउंसलिंग के लिए 2914 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। फर्स्ट काउंसलिंग में 834 सीटें भरी थीं,स्पेशल राउंड में रात 11.30 बजे तक 1263 सीटें ही भरी। काउंसलिंग देर रात तक जारी थी। पचास फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण प्राइवेट कॉलेजों द्वारा वसूली जाने वाली मनमानी फीस है। इन कॉलेजों में सरकारी कॉलेजों की तुलना में पांच गुना फीस वसूली जा रही है। ग्रामीण आैर आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार प्राइवेट कॉलेजों की यह फीस भरने में सक्षम नहीं होते,इस कारण इतनी संख्या में सीटें रिक्त हैं। देर रात करीब 2 बजे तक काउंसलिंग चली,लेकिन फिर भी काफी सीटें खाली हैं। रिक्त सीटें कैसे भरी जाएंगी,इस बारे में फिलहाल सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं।-अशोककुमार,प्राचार्य काउंसलिंग संयोजक,गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज
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