स्वायत्तशासन विभाग द्वारा छह माह पहले की गई 1947 पदों की भर्ती परीक्षा
के परिणाम को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं। लेकिन स्थानीय निकाय निदेशालय ने
सवालों के साथ ही अभ्यर्थियों को जवाब देने के लिए गली निकाल ली है। इसी
माह जारी परिणाम में पहले केवल पदों की संख्या के बराबर चयनित अभ्यर्थियों
के ही परसेंटाइल जारी किए और उनको चयनित घोषित किया गया।
अब डीएलबी ने फैसला किया है कि जितने भी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, उनके प्राप्तांक और मैरिट ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। जिससे कोई परिणामों पर सवाल खड़े नहीं कर सके। डीएलबी ने परीक्षा संचालन करने वाली बैंगलोर की कंपनी को पाबंद किया है कि जल्द से जल्द सभी 2.4 लाख परीक्षार्थियों के प्राप्तांक और परिणाम जारी किए जाए। ऑनलाइन परीक्षा के बावजूद पांच माह परिणाम रोकने और उसमें भी एक समूह के पदों को अलग कर परिणाम जारी किए जाने से कई सवाल उठ रहे थे।
हम एक एक परीक्षार्थी को बता देंगे, क्या रहा परिणाम
^मैंनेआज ही रिक्रूटमेंट सेल की सेक्रेटरी अल्का मीणा को निर्देश दिए हैं कि सभी 2.4 लाख परीक्षार्थियों के प्राप्तांक और मेरिट ऑनलाइन जारी किए जाए। पहले केवल चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट पोस्ट के अनुसार जारी की गई। लेकिन अब एक एक अभ्यर्थी को उसके प्राप्तांक बताने के निर्देश बैंगलोर की कंपनी मेरी ट्रैक को दिए गए हैं। इसके अलावा पांच पोस्ट के 292 पदों के परिणाम हमने आरएएस की तर्ज पर ही वरीयता तय कर जारी किए हैं। किसी को इसमें संदेह है तो परिणाम देख सकते हैं। -पुरुषोत्तमबियाणी, निदेशक, डीएलबी
डीएलबी ने अप्रैल माह में अलग अलग तिथि को विभिन्न 15 श्रेणी के 1947 पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की। लेकिन परीक्षा के बाद भर्ती के नियम बदले जाने के आरोप लगे। इसके अलावा आरएएस परीक्षा की तरह शीर्ष पांच पदों अधिशासी अधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक ठोस कचरा प्रबंधक के 292 पदों के लिए एक ही प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जानी थी। इन पांचों पोस्ट के लिए वरीयता क्रम में परिणाम जारी किया जाना था। लेकिन आरोप है कि पांचों पोस्ट की अलग अलग परीक्षा ली गई और परिणाम भी एक समूह के पांचों पोस्ट के लिए अलग अलग जारी किए गए। इससे आरएएस की तरह घटते क्रम में वरीयता का निर्धारण नहीं हुआ। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राजस्व अधिकारी के 20 पदों का अलग मेरिट बनाकर परिणाम जारी करने से पांचों पोस्ट की एक साथ मैरिट नहीं बनी, इससे परीक्षा से पहले डीएलबी की तरफ से जारी नियमों का उल्लंघन हुआ। हजारों पात्र केंडिडेट अलग अलग मेरिट से चयनित होने से वंचित रह गए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अब डीएलबी ने फैसला किया है कि जितने भी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, उनके प्राप्तांक और मैरिट ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। जिससे कोई परिणामों पर सवाल खड़े नहीं कर सके। डीएलबी ने परीक्षा संचालन करने वाली बैंगलोर की कंपनी को पाबंद किया है कि जल्द से जल्द सभी 2.4 लाख परीक्षार्थियों के प्राप्तांक और परिणाम जारी किए जाए। ऑनलाइन परीक्षा के बावजूद पांच माह परिणाम रोकने और उसमें भी एक समूह के पदों को अलग कर परिणाम जारी किए जाने से कई सवाल उठ रहे थे।
हम एक एक परीक्षार्थी को बता देंगे, क्या रहा परिणाम
^मैंनेआज ही रिक्रूटमेंट सेल की सेक्रेटरी अल्का मीणा को निर्देश दिए हैं कि सभी 2.4 लाख परीक्षार्थियों के प्राप्तांक और मेरिट ऑनलाइन जारी किए जाए। पहले केवल चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट पोस्ट के अनुसार जारी की गई। लेकिन अब एक एक अभ्यर्थी को उसके प्राप्तांक बताने के निर्देश बैंगलोर की कंपनी मेरी ट्रैक को दिए गए हैं। इसके अलावा पांच पोस्ट के 292 पदों के परिणाम हमने आरएएस की तर्ज पर ही वरीयता तय कर जारी किए हैं। किसी को इसमें संदेह है तो परिणाम देख सकते हैं। -पुरुषोत्तमबियाणी, निदेशक, डीएलबी
डीएलबी ने अप्रैल माह में अलग अलग तिथि को विभिन्न 15 श्रेणी के 1947 पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की। लेकिन परीक्षा के बाद भर्ती के नियम बदले जाने के आरोप लगे। इसके अलावा आरएएस परीक्षा की तरह शीर्ष पांच पदों अधिशासी अधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, सहायक राजस्व निरीक्षक ठोस कचरा प्रबंधक के 292 पदों के लिए एक ही प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जानी थी। इन पांचों पोस्ट के लिए वरीयता क्रम में परिणाम जारी किया जाना था। लेकिन आरोप है कि पांचों पोस्ट की अलग अलग परीक्षा ली गई और परिणाम भी एक समूह के पांचों पोस्ट के लिए अलग अलग जारी किए गए। इससे आरएएस की तरह घटते क्रम में वरीयता का निर्धारण नहीं हुआ। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राजस्व अधिकारी के 20 पदों का अलग मेरिट बनाकर परिणाम जारी करने से पांचों पोस्ट की एक साथ मैरिट नहीं बनी, इससे परीक्षा से पहले डीएलबी की तरफ से जारी नियमों का उल्लंघन हुआ। हजारों पात्र केंडिडेट अलग अलग मेरिट से चयनित होने से वंचित रह गए।
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