एजुकेशनरिपोर्टर | जयपुर शिक्षा विभाग ने जयपुर मंडल में वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए
18 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची जारी की
है। विभाग ने सूची को अपडेट किए बिना स्टाफिंग पैटर्न से पहले वाली सूची
जारी कर दी। इस कारण इस सूची में शामिल 10 हजार शिक्षकों के वर्तमान
पदस्थापन का नाम गलत हो गया।
कई शिक्षक ऐसे हैं जो पहले ही पदोन्नत हो चुके और कई शिक्षक आरपीएससी के जरिए सेकंड ग्रेड या व्याख्याता भर्ती में चयनित हो चुके हैं। लेकिन इनके नाम भी नहीं हटाए गए। विभाग ने अब इस सूची के प्रकाशन के सात दिन के भीतर आपत्तियां मांगी है।
विभाग ने बुधवार को विज्ञान के 1375, सामाजिक विज्ञान के 8675, संस्कृत के 1994, गणित के 695, हिंदी के 4049 और कॉमर्स विषय वाले 1650 सामान्य शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची जारी की थी। विभाग ने इन 18438 शिक्षकों की पुरानी अस्थायी पात्रता सूची जारी कर दी। शिक्षकों ने जब सूचियों को देखा तो हैरान रह गए कि उनकी वर्तमान पोस्टिंग जहां है, उसकी बजाय सूची में पिछली स्कूल का नाम लिखा है।
पिछले महीने प्रारंभिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न में अधिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग की गई थी। अस्थायी पात्रता सूची में करीब 10 हजार शिक्षक ऐसे हैं जिनकी पोस्टिंग का स्थान इस काउंसलिंग में बदल गया। विभाग ने सूची को अपडेट किए बिना ही जारी कर दी। कई स्कूल तो अब मर्ज हो चुके हैं, इसके बावजूद उन स्कूलों के नाम इस सूची में गए।
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि विभाग को अपडेट सूची जारी करनी चाहिए थी, ताकि आपत्तियां कम से कम आती। लेकिन उपनिदेशक कार्यालय के कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए पुरानी सूची ही जारी कर दी।
उन्हें शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल से सूचियों को अपडेट करना चाहिए था। लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सूची में नियुक्ति तिथि और जिले में कार्यग्रहण की तिथि में नहीं दर्शायी गई है। इस मामले पर जयपुर मंडल के उपनिदेशक विष्णुदत्त स्वामी का कहना है कि अस्थायी पात्रता सूची पर अगर किसी शिक्षक को आपत्ति हैं तो वह विभाग को अवगत करा सकता है। शिक्षकों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कई शिक्षक ऐसे हैं जो पहले ही पदोन्नत हो चुके और कई शिक्षक आरपीएससी के जरिए सेकंड ग्रेड या व्याख्याता भर्ती में चयनित हो चुके हैं। लेकिन इनके नाम भी नहीं हटाए गए। विभाग ने अब इस सूची के प्रकाशन के सात दिन के भीतर आपत्तियां मांगी है।
विभाग ने बुधवार को विज्ञान के 1375, सामाजिक विज्ञान के 8675, संस्कृत के 1994, गणित के 695, हिंदी के 4049 और कॉमर्स विषय वाले 1650 सामान्य शिक्षकों की अस्थायी पात्रता सूची जारी की थी। विभाग ने इन 18438 शिक्षकों की पुरानी अस्थायी पात्रता सूची जारी कर दी। शिक्षकों ने जब सूचियों को देखा तो हैरान रह गए कि उनकी वर्तमान पोस्टिंग जहां है, उसकी बजाय सूची में पिछली स्कूल का नाम लिखा है।
पिछले महीने प्रारंभिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न में अधिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग की गई थी। अस्थायी पात्रता सूची में करीब 10 हजार शिक्षक ऐसे हैं जिनकी पोस्टिंग का स्थान इस काउंसलिंग में बदल गया। विभाग ने सूची को अपडेट किए बिना ही जारी कर दी। कई स्कूल तो अब मर्ज हो चुके हैं, इसके बावजूद उन स्कूलों के नाम इस सूची में गए।
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि विभाग को अपडेट सूची जारी करनी चाहिए थी, ताकि आपत्तियां कम से कम आती। लेकिन उपनिदेशक कार्यालय के कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए पुरानी सूची ही जारी कर दी।
उन्हें शाला दर्पण और शाला दर्शन पोर्टल से सूचियों को अपडेट करना चाहिए था। लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सूची में नियुक्ति तिथि और जिले में कार्यग्रहण की तिथि में नहीं दर्शायी गई है। इस मामले पर जयपुर मंडल के उपनिदेशक विष्णुदत्त स्वामी का कहना है कि अस्थायी पात्रता सूची पर अगर किसी शिक्षक को आपत्ति हैं तो वह विभाग को अवगत करा सकता है। शिक्षकों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
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