शिक्षा विभाग और राज्य सरकार ने सितंबर 2015 में स्कूलों के लिए विद्यालय सहायक की भर्ती प्रक्रिया की थी। इसमें बांसवाड़ा से करीब 3600 से ज्यादा आवेदन भरे गए थे। अब स्थिति यह है कि विद्यालय सहायक की भर्ती को तो सरकार भूल चुकी है,लेकिन हाल ही में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
ऐसे में बेरोजगारों के लिए यह बेहतर अवसर है,परंतु जो शिक्षा विभाग में ही बरसों से संविदा पर कार्यरत थे और उन्होंने विद्यालय सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। उनको लेकर अब तक सरकार की ओर से कुछ नहीं हुआ। इस सितंबर में इस भर्ती को लेकर करीब एक साल हो जाएगा। बड़ी बात तो यह है कि प्रत्येक आवेदन के लिए राज्य सरकार ने 275 रुपए शुल्क लिया था। अब बताया जा रहा है कि मामला कोर्ट में है,कोर्ट से निर्णय आने तब तक कोई बात नहीं होगी।
प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा के आवेदन:
विद्यालयसहायक भर्ती के लिए पूरे प्रदेश से करीब 2 लाख से भी ज्यादा आवेदन भरे गए। इसमें संविदाकर्मचारी,प्लेसमेंट एजेंसी कर्मचारी,सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत संविदाकर्मचारी,जो शिक्षा विभाग के प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं और प्राइवेट स्कूलों में 5 साल से ज्यादा समय से कार्यरत शिक्षकों को आवेदन करने के लिए पात्र माना गया था। इन सभी से फीस लेकर आवेदन जमा किए गए थे। प्लेसमेंट एजेंसी वाले कर्मचारियों से तो कोर्ट से आदेश आने के बाद आवेदन लिए थे।
बोनसअंक पर सरकार नहीं कर पाई िर्णय:
पहलेतो प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रमाण-पत्र जारी कर दिए थे,लेकिन अब सरकार इस बात को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है कि प्राइवेट स्कूलों को बोनस अंक दिए जाए या नहीं। इस बीच कुछ प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक कोर्ट में चले गए। इसके बाद सरकार ने प्रक्रिया को ही बंद कर दिया है। पिछले दिनों ही कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय डीईओ द्वारा जानकारी भेजी गई थी।
^मामला कोर्ट में है। मूल विषय यही है कि निजी स्कूलों के शिक्षकों को बोनस अंक दिए जाए या नहीं। इसी को लेकर दाव फंसा हुआ है। अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।-प्रभाकरआचार्य,डीईओ
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ऐसे में बेरोजगारों के लिए यह बेहतर अवसर है,परंतु जो शिक्षा विभाग में ही बरसों से संविदा पर कार्यरत थे और उन्होंने विद्यालय सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। उनको लेकर अब तक सरकार की ओर से कुछ नहीं हुआ। इस सितंबर में इस भर्ती को लेकर करीब एक साल हो जाएगा। बड़ी बात तो यह है कि प्रत्येक आवेदन के लिए राज्य सरकार ने 275 रुपए शुल्क लिया था। अब बताया जा रहा है कि मामला कोर्ट में है,कोर्ट से निर्णय आने तब तक कोई बात नहीं होगी।
प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा के आवेदन:
विद्यालयसहायक भर्ती के लिए पूरे प्रदेश से करीब 2 लाख से भी ज्यादा आवेदन भरे गए। इसमें संविदाकर्मचारी,प्लेसमेंट एजेंसी कर्मचारी,सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत संविदाकर्मचारी,जो शिक्षा विभाग के प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं और प्राइवेट स्कूलों में 5 साल से ज्यादा समय से कार्यरत शिक्षकों को आवेदन करने के लिए पात्र माना गया था। इन सभी से फीस लेकर आवेदन जमा किए गए थे। प्लेसमेंट एजेंसी वाले कर्मचारियों से तो कोर्ट से आदेश आने के बाद आवेदन लिए थे।
बोनसअंक पर सरकार नहीं कर पाई िर्णय:
पहलेतो प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रमाण-पत्र जारी कर दिए थे,लेकिन अब सरकार इस बात को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पा रही है कि प्राइवेट स्कूलों को बोनस अंक दिए जाए या नहीं। इस बीच कुछ प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक कोर्ट में चले गए। इसके बाद सरकार ने प्रक्रिया को ही बंद कर दिया है। पिछले दिनों ही कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय डीईओ द्वारा जानकारी भेजी गई थी।
^मामला कोर्ट में है। मूल विषय यही है कि निजी स्कूलों के शिक्षकों को बोनस अंक दिए जाए या नहीं। इसी को लेकर दाव फंसा हुआ है। अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।-प्रभाकरआचार्य,डीईओ
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