बांसवाड़ा । प्रदेश में काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर समायोजन की प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों की परिवेदनाओं ने सेवानिवृत्ति के नजदीक पहुंचे एक जिला शिक्षा अधिकारी को इतनी तनाव में ला दिया है कि उन्होंने अपने कार्यालय में बकायदा शिक्षकों के नाम एक संदेश चस्पा कर इस मामले में अपनी बेबसी जाहिर करते हुए विनती कर डाली कि परिवेदनाओं के लिए उन्हें फोन नहीं करेंगे तो उनकी कृपा होगी।
ये है मामला
जिले में प्रारंभिक शिक्षा में पिछले दिनों हुई काउंसलिंग के दौरान अपना मनचाहा स्थान न मिलने पर कई शिक्षकों ने अपनी परिवेदनाएं जिला शिक्षा अधिकारी प्रभाकर आचार्य को दी थी। इन परिवेदनाओं को लेकर शिक्षक संगठनों ने भी मुखर विरोध किया। परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार से कोई निर्देश भी नहीं आए ,लेकिन शिक्षक और संगठन इसके लिए दबाव बनाए हुए हैं। इसी बीच कुछ लोगों ने जिला शिक्षा अधिकारी को यहां तक धमकी भीे दे दी गई कि उनकी पेंशन बिगाड़ देंगे। इन हालात के बीच आचार्य ने शिक्षकों के सामने परिवेदनाओं के निस्तारण में अड़चनों को जिक्र करते हुए अपनी बात रखी है।
यह है संदेश का मजमून
-परिवेदनाओं का निस्तारण अभी नहीं हो सकता है, जिसके कई कारण हैं। शिक्षकों ने जो सहमति पत्र एक बार भर दिया है, उसे बदला नहीं जा सकता है।
- ग्राम पंचायत नहीं बदल सकते, गाइड लाइन का मुख्य आधार ही यही है।
- जिला शिक्षा अधिकारी अकेले किसी प्रकार परिवर्तन नहीं कर सकते हैं। स्थापना समिति प्रस्ताव बनाकर निदेशालय को स्वीकृति के लिए भेज सकती हैं। दिव्यांगों के प्रकरण भेजे हैं।
- राज्य सरकार से परिवेदना निस्तारण के लिए कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। राज्य के किसी भी जिले में परिवेदनाओं का निस्तारण भी नहीं हुआ है। किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्थानांतरण की श्रेणी में आता है, जो उचित नहीं है।
-मैंने आगे बढ़कर निदेशालय बीकानेर को मांग व सुझाव पत्र भेजा है। मेरे मन की पूरी भावना है कि नियमों के तहत जितना कार्य शिक्षकों का हो सके करूं।
- मैं सभी शिक्षक संघों व शिक्षकों से नम्रतापूर्वक निवेदन करता हूं कि सहयोग प्रदान करें, प्रेम भाव रखें, मैं आपका अहित स्वप्न में भी नहीं सोच सकता। कृपया मुझे फोन न करें आपकी कृपा होगी।
- मैं रिटायरमेंट पर हूं और जाने के बाद भी आपके हृदय में मेरे लिए प्रेम बना रहे, इसके लिए शांत भाव रखें व सहयोग प्रदान करें। मेरा स्वास्थ्य खराब होने से मैं अवकाश पर जा रहा हूं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ये है मामला
जिले में प्रारंभिक शिक्षा में पिछले दिनों हुई काउंसलिंग के दौरान अपना मनचाहा स्थान न मिलने पर कई शिक्षकों ने अपनी परिवेदनाएं जिला शिक्षा अधिकारी प्रभाकर आचार्य को दी थी। इन परिवेदनाओं को लेकर शिक्षक संगठनों ने भी मुखर विरोध किया। परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार से कोई निर्देश भी नहीं आए ,लेकिन शिक्षक और संगठन इसके लिए दबाव बनाए हुए हैं। इसी बीच कुछ लोगों ने जिला शिक्षा अधिकारी को यहां तक धमकी भीे दे दी गई कि उनकी पेंशन बिगाड़ देंगे। इन हालात के बीच आचार्य ने शिक्षकों के सामने परिवेदनाओं के निस्तारण में अड़चनों को जिक्र करते हुए अपनी बात रखी है।
यह है संदेश का मजमून
-परिवेदनाओं का निस्तारण अभी नहीं हो सकता है, जिसके कई कारण हैं। शिक्षकों ने जो सहमति पत्र एक बार भर दिया है, उसे बदला नहीं जा सकता है।
- ग्राम पंचायत नहीं बदल सकते, गाइड लाइन का मुख्य आधार ही यही है।
- जिला शिक्षा अधिकारी अकेले किसी प्रकार परिवर्तन नहीं कर सकते हैं। स्थापना समिति प्रस्ताव बनाकर निदेशालय को स्वीकृति के लिए भेज सकती हैं। दिव्यांगों के प्रकरण भेजे हैं।
- राज्य सरकार से परिवेदना निस्तारण के लिए कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। राज्य के किसी भी जिले में परिवेदनाओं का निस्तारण भी नहीं हुआ है। किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्थानांतरण की श्रेणी में आता है, जो उचित नहीं है।
-मैंने आगे बढ़कर निदेशालय बीकानेर को मांग व सुझाव पत्र भेजा है। मेरे मन की पूरी भावना है कि नियमों के तहत जितना कार्य शिक्षकों का हो सके करूं।
- मैं सभी शिक्षक संघों व शिक्षकों से नम्रतापूर्वक निवेदन करता हूं कि सहयोग प्रदान करें, प्रेम भाव रखें, मैं आपका अहित स्वप्न में भी नहीं सोच सकता। कृपया मुझे फोन न करें आपकी कृपा होगी।
- मैं रिटायरमेंट पर हूं और जाने के बाद भी आपके हृदय में मेरे लिए प्रेम बना रहे, इसके लिए शांत भाव रखें व सहयोग प्रदान करें। मेरा स्वास्थ्य खराब होने से मैं अवकाश पर जा रहा हूं।
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