बाड़मेर। स्टाफिंग पैटर्न से माध्यमिक शिक्षाकी स्थिति भले ही सुधरी हो, लेकिन जिले के प्राथमिक शिक्षा की चूलें हिदा दी है। हर दूसरा विद्यालय इसकी पीड़ा से ग्रस्त है। आलम यह है कि जिले के 670 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं होने से यहां शिक्षण व्यवस्था के नाम पर एक शिक्षक लगाकर विद्यालय खुले रखे गए हैं।
जिले के 1590 विद्यालयों को एक ही शिक्षक संभाल रहा है। कुल 4300 विद्यालयों में से 2150 विद्यालयों में यह आलम है। इन विद्यालयों में अध्ययनरत 3 लाख 2 हजार 228 विद्यार्थियों में से आधे यानि करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों की एक ही शिक्षक होने से पढ़ाई कम और केवल बाड़ेबंदी हो रही है।एक के भरोसे 8 कक्षाएंजिलेभर में 40 से अधिक उच्च प्राथमिकस्तर के विद्यायल एकल शिक्षक के भरोसे हैं, यानि 8 कक्षाओं को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक। इन परिस्थितियों में शिक्षण सत्र की शुरुआत तो कर ली गई है, लेकिन अभिभावकों का रोष सहना पड़ रहा है। निकटवर्ती लूणू गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षिका ही रही है। यहां ग्रामीण विद्यालय कोताला लगाकर विरोध दर्ज कर रहे हैं।ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी क्या करेजिला शिक्षा अधिकारी और राज्य सरकार की ओर से यह निर्देश दिया गया है कि शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारीप्रबंध करे। ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षाअधिकारियों का यह हाल है कि वे कहां से शिक्षक लाएं? जहां से भी शिक्षक हटाकर प्रतिनियुक्ति पर या शिक्षण व्यवस्था पर लगाते हैं, वहां से शिकायत शुरू हो जाती है। एेसे में व्यवस्था संभालना इनके भी वश में नहीं है।बंद कर दिए फिर भीबीस से कम नामांकन के विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में मर्ज कियागया है। जिले में सौ से ज्यादा विद्यालय मर्ज हुए हैं। यहां का स्टाफ भी निकट के विद्यालय में लगायागया है। इसके बावजूद यह स्थिति है। यदि ये विद्यालय खुले होते तो और भी मुश्किल होती।फैक्ट फाइल670 स्कूलों में नहीं है शिक्षक1590 विद्यालयों में 01 ही शिक्षक7979 पद रिक्त रिक्त हैं जिलेभर में4300 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय3.22 लाख विद्यार्थी हैं जिले मेंयह सहूलियतें बेमानी- नि:शुल्क शिक्षा का इंतजाम- पुस्तकें भी दी जा रही है नि:शुल्क- दोपहर में मिड डे मील की सुविधा- गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजामवैकल्पिक इंतजाम करेंपूर्व में विद्यार्थी मित्र नियुक्तकिए गए थे, इससे पढ़ाई के लिए एक बार शिक्षक मिल गए थे। विद्यार्थी मित्र भी अब हटा लिए गए हैं। राज्य सरकार स्थाई इंतजाम करे और उससे पहले वैकल्पिक इंतजाम करे। एेसे तो कैसे पढ़ाई होगी।- गरिमा राजपुरोहित, प्रधान, सिवानाजिले की स्थिति दयनीयसरकारी स्कूलों को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की कमी को पूरा कर बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रही राज्य सरकार के सामने बाड़मेर जिला सबसे बड़ा उदाहरण है। जिले में 8000 के करीब पद रिक्त होने की स्थिति दर्शा रही है कि जिले में स्थिति बहुत ही दयनीय है।- मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेरव्यवस्था कर रहे हैंपदरिक्तता के कारण परेशानी है, लेकिनशिक्षण व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।- कैलाशचंद्र तिवाड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.), बाड़मेर
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिले के 1590 विद्यालयों को एक ही शिक्षक संभाल रहा है। कुल 4300 विद्यालयों में से 2150 विद्यालयों में यह आलम है। इन विद्यालयों में अध्ययनरत 3 लाख 2 हजार 228 विद्यार्थियों में से आधे यानि करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों की एक ही शिक्षक होने से पढ़ाई कम और केवल बाड़ेबंदी हो रही है।एक के भरोसे 8 कक्षाएंजिलेभर में 40 से अधिक उच्च प्राथमिकस्तर के विद्यायल एकल शिक्षक के भरोसे हैं, यानि 8 कक्षाओं को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक। इन परिस्थितियों में शिक्षण सत्र की शुरुआत तो कर ली गई है, लेकिन अभिभावकों का रोष सहना पड़ रहा है। निकटवर्ती लूणू गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षिका ही रही है। यहां ग्रामीण विद्यालय कोताला लगाकर विरोध दर्ज कर रहे हैं।ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी क्या करेजिला शिक्षा अधिकारी और राज्य सरकार की ओर से यह निर्देश दिया गया है कि शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारीप्रबंध करे। ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षाअधिकारियों का यह हाल है कि वे कहां से शिक्षक लाएं? जहां से भी शिक्षक हटाकर प्रतिनियुक्ति पर या शिक्षण व्यवस्था पर लगाते हैं, वहां से शिकायत शुरू हो जाती है। एेसे में व्यवस्था संभालना इनके भी वश में नहीं है।बंद कर दिए फिर भीबीस से कम नामांकन के विद्यालयों को निकटवर्ती विद्यालयों में मर्ज कियागया है। जिले में सौ से ज्यादा विद्यालय मर्ज हुए हैं। यहां का स्टाफ भी निकट के विद्यालय में लगायागया है। इसके बावजूद यह स्थिति है। यदि ये विद्यालय खुले होते तो और भी मुश्किल होती।फैक्ट फाइल670 स्कूलों में नहीं है शिक्षक1590 विद्यालयों में 01 ही शिक्षक7979 पद रिक्त रिक्त हैं जिलेभर में4300 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय3.22 लाख विद्यार्थी हैं जिले मेंयह सहूलियतें बेमानी- नि:शुल्क शिक्षा का इंतजाम- पुस्तकें भी दी जा रही है नि:शुल्क- दोपहर में मिड डे मील की सुविधा- गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजामवैकल्पिक इंतजाम करेंपूर्व में विद्यार्थी मित्र नियुक्तकिए गए थे, इससे पढ़ाई के लिए एक बार शिक्षक मिल गए थे। विद्यार्थी मित्र भी अब हटा लिए गए हैं। राज्य सरकार स्थाई इंतजाम करे और उससे पहले वैकल्पिक इंतजाम करे। एेसे तो कैसे पढ़ाई होगी।- गरिमा राजपुरोहित, प्रधान, सिवानाजिले की स्थिति दयनीयसरकारी स्कूलों को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की कमी को पूरा कर बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रही राज्य सरकार के सामने बाड़मेर जिला सबसे बड़ा उदाहरण है। जिले में 8000 के करीब पद रिक्त होने की स्थिति दर्शा रही है कि जिले में स्थिति बहुत ही दयनीय है।- मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेरव्यवस्था कर रहे हैंपदरिक्तता के कारण परेशानी है, लेकिनशिक्षण व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।- कैलाशचंद्र तिवाड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.), बाड़मेर
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