अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने गुरूवार को एचकेएच
पब्लिक स्कूल के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर के शुभारम्भ
समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को आदत के रूप में
विकसित करने के लिए राज्य के विद्यालयों में प्रतिमाह एक दिन स्वच्छता दिवस
के रूप में आयेजित किया जाएगा।
इस दिन विद्यालय से जुड़े समस्त कार्मिक, विद्यार्थी एवं अभिभावक स्वैच्छा से विद्यालय परिसर को साफ सुथरा करेंगे। इसी प्रकार सप्ताह में एक कालांश स्वच्छता के लिए रखा जाएगा। इसमें स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों के द्वारा अध्ययन के साथ साथ सामाजिक सरोकार के कार्य भी करना चाहिए। रक्तदान जैसे विषय पर शिक्षकों तथा विद्यालय परिवार द्वारा विद्यार्थियों में संस्कार निर्माण करना अभिनव प्रयास है। व्यवहार द्वारा समाज को देने का भाव जागृत करना विद्यार्थियों को शिक्षा देने का सर्वोत्तम माध्यम है।
देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थान किसी व्यावसायिक संस्थान की तरह लेन देन के व्यवहार पर आधारित नहीं है। यह एक परिवार है जिसके सदस्य विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक एवं प्रबंधक होते है। सबके सम्मिलित प्रयासों से ही शिक्षा और संस्थान नई ऊंचाईयां प्राप्त करते है। उन्होंने विद्यार्थियों के आईक्यू (इंटेलिजेंसी) के साथ-साथ ईक्यू (संवेदनशीलता) तथा एसक्यू (आध्यात्मिकता) की योग्यताओं का विकास भी आवश्यक बताया।
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इस दिन विद्यालय से जुड़े समस्त कार्मिक, विद्यार्थी एवं अभिभावक स्वैच्छा से विद्यालय परिसर को साफ सुथरा करेंगे। इसी प्रकार सप्ताह में एक कालांश स्वच्छता के लिए रखा जाएगा। इसमें स्वच्छता के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों के द्वारा अध्ययन के साथ साथ सामाजिक सरोकार के कार्य भी करना चाहिए। रक्तदान जैसे विषय पर शिक्षकों तथा विद्यालय परिवार द्वारा विद्यार्थियों में संस्कार निर्माण करना अभिनव प्रयास है। व्यवहार द्वारा समाज को देने का भाव जागृत करना विद्यार्थियों को शिक्षा देने का सर्वोत्तम माध्यम है।
देवनानी ने कहा कि शिक्षण संस्थान किसी व्यावसायिक संस्थान की तरह लेन देन के व्यवहार पर आधारित नहीं है। यह एक परिवार है जिसके सदस्य विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक एवं प्रबंधक होते है। सबके सम्मिलित प्रयासों से ही शिक्षा और संस्थान नई ऊंचाईयां प्राप्त करते है। उन्होंने विद्यार्थियों के आईक्यू (इंटेलिजेंसी) के साथ-साथ ईक्यू (संवेदनशीलता) तथा एसक्यू (आध्यात्मिकता) की योग्यताओं का विकास भी आवश्यक बताया।
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