कई सरकारी भवन किराए पर चल रहे हैं
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एक बार दिया था मौका, शिक्षक नहीं बढ़ा पाए नामांकन, इस साल फिर बंद का फरमान
जिलेमें कम नामांकन वाले 30 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। नए शिक्षा सत्र के शुरू होने से पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नजदीक के स्कूलों में प्रवेश
दिलाया जाए और इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पहुंचाया जाएगा।
जिले में प्रारंभिक शिक्षा के 27 प्राथमिक और 3 उच्च प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को इसके आदेश निकाल दिए गए हैं। दो साल पहले हुए समानीकरण में भी करीब सौ से अधिक स्कूलों को बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया गया था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो साल पहले मर्ज हुए भवनों को वीरान छोड़ रखा है। इनके भवन का किस तरह से इस्तेमाल किया जाना है इसके लिए कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई। अब फिर से तीस स्कूलों के बंद होने से इनके भवन भी लावारिस हो जाएंगे। दरअसल 1998 से लेकर 2003 तक राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशालाएं और शिक्षाकर्मी स्कूल शुरू हुए। हर ढाणी में स्कूल हो इसके लिए सरकार ने स्कूल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इनमें से कई स्कूल प्रवेश के नाम पर फिसड्डी रहे।यहां 15 बच्चे या इससे कम संख्या में ही बच्चों के प्रवेश रहे। जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों पर काफी खर्च हो रहा था। इसी समस्या को देखते हुए अब सरकार 15 से कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर रही है। नए शिक्षा सत्र में कम नामांकन वाले 30 स्कूल बंद होने के बाद करीब 50 से अधिक शिक्षक ऐसे स्कूलों को मिलेंगे जहां पर नामांकन तो अधिक है, लेकिन वह स्कूल पिछले कई सालों से शिक्षकों की कमी झेल रहे हैं।
इन स्कूलों पर लगे ताले
शिक्षाकर्मीस्कूल पंचानखेड़ी, प्राथमिक स्कूल नयागांव, प्राथमिक स्कूल खीमाखेड़ी, प्राथमिक स्कूल हरिपुरा लेवड़ा, प्राथमिक स्कूल पंचपीपल्या, राजकीय प्राथमिक स्कूल चंद्रपुरा का खेड़ा, राजकीय प्राथमिक स्कूल घाटाखेड़ी, राजकीय प्राथमिक स्कूल चौकडी का खेडा, शिक्षाकर्मी प्राथमिक स्कूल बिशनिया का खेड़ा, राजकीय शिक्षाकर्मी प्राथमिक स्कूल भोभतपुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल रामगढ़, राजकीय प्राथमिक स्कूल निपानिया, राजकीय शिक्षाकर्मी टापपितामपुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल बोरखंडी का पुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल बामणगांव, प्राथमिक स्कूल जबलेन, प्राथमिक स्कूल मोहम्मदपुरा, प्राथमिक स्कूल फतेहपुर, बोरखेड़ी, कंजरखेड़ा, कंजरखेड़ा टोकड़ा, कंजरखेड़ा कोल्वा, सूरजपुरा, कंजरखेड़ा , रहीमपुरा, बांगडसी, राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल मोलक्याखुर्द, उ.प्राथ.स्कूल इमाम सागर झालावाड़, उ.प्राथ.स्कूल हरिश्चंद्र रामनगर को बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया गया है।
कईस्कूलों में बनाए थे नए भवन, नहीं आएंगे काम
बंदहोने वाले कई स्कूलों में नए भवन बनाए गए थे, लेकिन अब यह भवन कोई काम नहीं आएंगे। इनके भवनों को किस तरह से उपयोग में लिया जाना है इसके लिए कोई स्पष्ट गाइड लाईन नहीं है।
^जिलेमें 27 प्राथमिक और 3 उच्च प्राथमिक स्कूल मर्ज होंगे। इसके लिए आदेश चुके हैं। इन स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में प्रवेश करवाया जाएगा। हरिशंकरशर्मा, एडीईओ प्रारंभिक झालावाड़
झालावाड़. शहर का राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल। नए सत्र से बच्चे यहां पढ़ने नहीं आएंगे।
जिलेमें कम नामांकन वाले 30 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। नए शिक्षा सत्र के शुरू होने से पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नजदीक के स्कूलों में प्रवेश
दिलाया जाए और इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पहुंचाया जाएगा।
जिले में प्रारंभिक शिक्षा के 27 प्राथमिक और 3 उच्च प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को इसके आदेश निकाल दिए गए हैं। दो साल पहले हुए समानीकरण में भी करीब सौ से अधिक स्कूलों को बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया गया था। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो साल पहले मर्ज हुए भवनों को वीरान छोड़ रखा है। इनके भवन का किस तरह से इस्तेमाल किया जाना है इसके लिए कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई। अब फिर से तीस स्कूलों के बंद होने से इनके भवन भी लावारिस हो जाएंगे। दरअसल 1998 से लेकर 2003 तक राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशालाएं और शिक्षाकर्मी स्कूल शुरू हुए। हर ढाणी में स्कूल हो इसके लिए सरकार ने स्कूल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इनमें से कई स्कूल प्रवेश के नाम पर फिसड्डी रहे।यहां 15 बच्चे या इससे कम संख्या में ही बच्चों के प्रवेश रहे। जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों पर काफी खर्च हो रहा था। इसी समस्या को देखते हुए अब सरकार 15 से कम संख्या वाले स्कूलों को बंद कर रही है। नए शिक्षा सत्र में कम नामांकन वाले 30 स्कूल बंद होने के बाद करीब 50 से अधिक शिक्षक ऐसे स्कूलों को मिलेंगे जहां पर नामांकन तो अधिक है, लेकिन वह स्कूल पिछले कई सालों से शिक्षकों की कमी झेल रहे हैं।
इन स्कूलों पर लगे ताले
शिक्षाकर्मीस्कूल पंचानखेड़ी, प्राथमिक स्कूल नयागांव, प्राथमिक स्कूल खीमाखेड़ी, प्राथमिक स्कूल हरिपुरा लेवड़ा, प्राथमिक स्कूल पंचपीपल्या, राजकीय प्राथमिक स्कूल चंद्रपुरा का खेड़ा, राजकीय प्राथमिक स्कूल घाटाखेड़ी, राजकीय प्राथमिक स्कूल चौकडी का खेडा, शिक्षाकर्मी प्राथमिक स्कूल बिशनिया का खेड़ा, राजकीय शिक्षाकर्मी प्राथमिक स्कूल भोभतपुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल रामगढ़, राजकीय प्राथमिक स्कूल निपानिया, राजकीय शिक्षाकर्मी टापपितामपुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल बोरखंडी का पुरा, राजकीय प्राथमिक स्कूल बामणगांव, प्राथमिक स्कूल जबलेन, प्राथमिक स्कूल मोहम्मदपुरा, प्राथमिक स्कूल फतेहपुर, बोरखेड़ी, कंजरखेड़ा, कंजरखेड़ा टोकड़ा, कंजरखेड़ा कोल्वा, सूरजपुरा, कंजरखेड़ा , रहीमपुरा, बांगडसी, राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल मोलक्याखुर्द, उ.प्राथ.स्कूल इमाम सागर झालावाड़, उ.प्राथ.स्कूल हरिश्चंद्र रामनगर को बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया गया है।
कईस्कूलों में बनाए थे नए भवन, नहीं आएंगे काम
बंदहोने वाले कई स्कूलों में नए भवन बनाए गए थे, लेकिन अब यह भवन कोई काम नहीं आएंगे। इनके भवनों को किस तरह से उपयोग में लिया जाना है इसके लिए कोई स्पष्ट गाइड लाईन नहीं है।
^जिलेमें 27 प्राथमिक और 3 उच्च प्राथमिक स्कूल मर्ज होंगे। इसके लिए आदेश चुके हैं। इन स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में प्रवेश करवाया जाएगा। हरिशंकरशर्मा, एडीईओ प्रारंभिक झालावाड़
झालावाड़. शहर का राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल। नए सत्र से बच्चे यहां पढ़ने नहीं आएंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC