झुंझुनू। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) उप शाखा द्वारा शिक्षकों के विभिन्न प्रकरणों को लेकर प्रांतीय आह्वान पर सभी तहसील मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम व तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपे गए। उप शाखा मंत्री योगेश जाखड़ ने बताया कि झुंझुनूं उप शाखा द्वारा अध्यक्ष महेंद्रसिंह बेनीवाल के नेतृत्व में 11 सूत्री मांग पत्र संबंधी ज्ञापन उपखंड अधिकारी सुनिता चौधरी को सौंपा गया।
ज्ञापन के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की गई है कि शिक्षकों के लंबित मांग पर शीघ्र विचार कर समाधान किया जाए, अन्यथा संगठन द्वारा आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा।
इस मांग पत्र में पूर्व की भांति विद्यालय समयावधि में की गई वृद्धि को वापिस लेने, एकीकरण के नाम पर विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने, अनिल बोर्डिया समिति की रिपोर्ट के अनुसार स्थानातंरण नियम लागू करने, 2012 में नियुक्त शिक्षकों के बकाया एरियर का अविलंब एकमुश्त भुगतान करने, नव चयनित शिक्षकों को नियत वेतन के स्थान पर नियमित वेतनमान देने, वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को एसीपी का लाभ 9,18 व 27 वर्ष की सेवा पूर्ण होने तक दिया जाने।
समस्त रिक्त पदों को पदोन्नति एवं नव नियुक्ति से शीघ्रता भरा जाए और पदस्थापन से पूर्व समस्त रिक्त पदों को सार्वजनिक किया जाने, शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से पूर्णतया मुक्त रखने, पूर्व में कार्यरत रहे कार्मिकों की सेवाएं फिर से बहाल की जाए उन्हें नियमित किया जाने, शिक्षा के निजीकरण व व्यावसायीकरण पर पूर्णतया रोक लगाई जाने, शिक्षकों की भागीदारी और व्यापक विचार-विमर्श के बिना पाठ्यक्रमों में परिवर्तन नहीं की जाने की मांगे शामिल की गई। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में दुर्गाराम मोगा, रामावतार जांगिड़, अमरसिंह डूडी, योगेश जाखड़, कुलदीप कुमार जाखड़ आदि शिक्षक शामिल रहे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ज्ञापन के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की गई है कि शिक्षकों के लंबित मांग पर शीघ्र विचार कर समाधान किया जाए, अन्यथा संगठन द्वारा आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा।
इस मांग पत्र में पूर्व की भांति विद्यालय समयावधि में की गई वृद्धि को वापिस लेने, एकीकरण के नाम पर विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने, अनिल बोर्डिया समिति की रिपोर्ट के अनुसार स्थानातंरण नियम लागू करने, 2012 में नियुक्त शिक्षकों के बकाया एरियर का अविलंब एकमुश्त भुगतान करने, नव चयनित शिक्षकों को नियत वेतन के स्थान पर नियमित वेतनमान देने, वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को एसीपी का लाभ 9,18 व 27 वर्ष की सेवा पूर्ण होने तक दिया जाने।
समस्त रिक्त पदों को पदोन्नति एवं नव नियुक्ति से शीघ्रता भरा जाए और पदस्थापन से पूर्व समस्त रिक्त पदों को सार्वजनिक किया जाने, शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से पूर्णतया मुक्त रखने, पूर्व में कार्यरत रहे कार्मिकों की सेवाएं फिर से बहाल की जाए उन्हें नियमित किया जाने, शिक्षा के निजीकरण व व्यावसायीकरण पर पूर्णतया रोक लगाई जाने, शिक्षकों की भागीदारी और व्यापक विचार-विमर्श के बिना पाठ्यक्रमों में परिवर्तन नहीं की जाने की मांगे शामिल की गई। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में दुर्गाराम मोगा, रामावतार जांगिड़, अमरसिंह डूडी, योगेश जाखड़, कुलदीप कुमार जाखड़ आदि शिक्षक शामिल रहे।
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