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सिर्फ पढ़कर छोड़ें नहीं, जीवन में हर कदम पर प्रबंधन जरूरी

एकाग्रता से पढ़ाई की, क्लास में जो पढ़ा उसे समय पर रिवाइज किया। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के सहारे शिक्षकों और पेरेंट्स का मार्गदर्शन मिला। मैनेजमेंट में जो पढ़ा उसे अपने जीवन से जोड़कर अमल किया। बहुत अच्छा लगा कि हमें दीक्षांत समारोह में बुलाया गया। स्टेज से अलवर और कॉलेज का नाम बोला गया तो बहुत अच्छा अनुभव हो रहा था।

बरखा फ्लोरा

मेरामैनेजमेंट मेरी किताबें, टीचर्स और पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों पर फोकस करना रहा। जरूरी नहीं कि हम पूरा दिन किताबों में डूबे रहें। जरूरी यह है कि जितना पढ़ा है उसे अच्छे से पढ़े। खास बात यह भी कि रटने या अन्य तरीकों के बजाए कॉन्सेप्ट को अच्छे से समझें। पढ़ाई के साथ दूसरी गतिविधियों में भी मैनेजमेंट को उपयोग में लिया।

रंजना गिल

मैनेजमेंटकी परिभाषा को सिर्फ पढ़कर छोड़ें नहीं, बल्कि उसका अपने जीवन में उपयोग करें। मैनजेमेंट कहता है कि यह एक कला है जिससे हम जो चाहे वो कर सकते हैं। हम मैनेजमेंट के कलाकार निकले जिसने कला का प्रयोग किया। लाइफ में हर स्टेज पर मैनजेमेंट बहुत जरूरी है। मेरे मैनजेमेंट में मां हर्षपाल कौर और हरविंदर गिल का बड़ा योगदान रहा।

भास्कर संवाददाता | अलवर

हमनेप्रबंधन को सोचा, समझा और अपने जीवन में काम में लिया और यही सबसे बड़ी ताकत रही कि हम मैनेजमेंट में बेस्ट कर पाए और सफलता मिली। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में 20 अप्रैल को हुए दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के बाद भास्कर से हुई बातचीत में टॉपर बेटियों ने बताया कि राज्यपाल के हाथों से डिग्री लेने का क्षण उनके जीवन का महत्वपूर्ण क्षण था। बहुत खुशी हुई कि हम अपने अलवर, कॉलेज और अभिभावकों का नाम रोशन कर पाए। कोटा में हुए दीक्षांत समारोह में अलवर के एलआईईटी कॉलेज से भावना यादव ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, आईईटी से बरखा फ्लोरा और रंजना गिल ने एमबीए, एमआईटीआरसी से रिजॉइस सोलोमन ने एमबीए और सिद्धि विनायक कॉलेज से शुभम भार्गव ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में आरटीयू में पहले तीन स्थानों पर जगह बनाई और दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत हुए। इसके अलावा एनआईईटी से लीजिना श्वेता शर्मा और एमआईटीआरसी से लिपि पांडेय ने कड़ी मेहनत के बूते पर जिले का गौरव बढ़ाया है। इंजीनियरिंग की टॉप टेन की सूची में अलवर के एआईईटी से राखी विजय और देवेंद्र सिंह नरूका, एमआईटीआरसी से राशि सिन्हा और एनआईईटी से करिश्मा विजय को जगह मिली है। इन होनहारों ने यह साफ कर दिया कि जरूरी नहीं कि पढ़ाई के लिए कोटा, जयपुर ही जाना पड़े। बल्कि यह बता दिया कि पढ़ाई कहीं भी रहकर की जा सकती है और टॉप किया जा सकता है।

अलवर. आरटीयू में दीक्षांत समारोह में राज्यपाल से डिग्री लेते हुए एमबीए टॉपर रंजना।

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