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सलाहकार समिति सुधारेगी स्कूलों की दशा

सरकारीस्कूलों की दशा सुधारने के लिए सरकार ने अब नई पहल की है। नए सत्र से हर जिले में एक जिला स्तरीय सलाहकार समिति बनाई जाएगी, जो स्कूलों की स्थिति में सुधार के लिए कार्य करेंगी। यह समिति स्कूलों में नामांकन, स्कूल भवनों की कमी, शिक्षकों की कमी, शिक्षा से जुड़ी अन्य समस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान करेंगी। समिति के गठन की प्रक्रिया जारी हो चुकी है।
नए शिक्षा सत्र से समितियां क्रियाशील हो जाएंगी।

हर जिले में बनने वाली इन जिला समिति में कलेक्टर, सांसद, विधायक, प्रधान, शिक्षा अधिकारी सहित सेवानिवृत्त शिक्षक भी शामिल होंगे। राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर प्रत्येक जिले में जिला सलाहकार समिति के गठन के निर्देश दिए थे। समिति शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्णय ले सकेगी।

वार्षिकरिपोर्ट सितंबर तक सरकार को भेजनी होगी

समितिमें चार अभिभावक सदस्य, शिक्षक वर्ग में एक प्रिंसिपल, एक बीईईओ, एक प्रधानाध्यापक, एक शिक्षक, दो सिविल सोसायटी सदस्य, सेवानिवृत्त राष्ट्रीय राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक, श्रेष्ठ परिणाम देने वाले गैर सरकारी स्कूल का प्रधानाचार्य, दो भामाशाह तथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शिक्षा विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। समिति सदस्य के रूप में सीईओ, डाइट प्रिंसिपल और डीईओ प्रारंभिक तथा सदस्य का प्रशासनिक नियंत्रण प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन होगा। गैर सरकारी सदस्यों को बुलाने के लिए रेल या बस में आने जाने के किराए का पुनर्भरण जिला परियोजना समन्वयक एसएसए मद से करेंगे। समिति को प्रतिवर्ष सत्र की वार्षिक रिपोर्ट सितंबर तक सरकार को भेजनी होगी।

येकाम करेगी समिति

{प्राइवेटस्कूलों की फीस निर्धारण के लिए जिला स्तरीय समिति को सलाह देना।

{निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा राजस्थान निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2011 के प्रावधानों की क्रियान्विति में सलाह देना।

{गुणात्मक सुधार के लिए योजना बनाना।

{शिक्षण कार्य के संबंध में योजना बनाना।

{शिक्षकों की स्कूलों में समय पर उपस्थिति पूर्ण ठहराव सुनिश्चित करना।

{शैक्षिक योजना की समीक्षा वार्षिक योजना के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सलाहकारी कार्य योजना तैयार करना।

{जिले के भीतर शिक्षकों के रिक्त स्थानों काे भरने के लिए सलाह देना।

{सर्व शिक्षा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक योजना के निर्माण में सलाह देना।

स्कूलोंकी गतिविधियों पर भी रहेगी नजर

जिलेभरमें विभिन्न स्थानों पर स्थित सरकारी स्कूलों में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों पर यह समिति नजर रखेगी। इससे स्कूलों की व्यवस्थाओं में और सुधार की उम्मीद है। अभी स्थिति यह है कि क्षेत्र में शिक्षकों के कई पद रिक्त चल रहे हैं।

अप-डाउनहै बड़ी समस्या

उपखंडक्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं कोटा से अपडाउन करते हैं। ऐसे में यह स्कूलों का संचालन भी ट्रेनों के समय के अनुसार करते हैं। जब भी स्कूलों का निरीक्षण किया गया तो, शिक्षकों के देरी से आने और समय से पहले जाने की स्थिति सामने आई। शिक्षकों को हिदायत भी दी गई, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। अब जिला स्तरीय समिति के गठन से कुछ सुधार की उम्मीद है।

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