दौसा , राजकीय विद्यालय में नया शिक्षण सत्र काफी बदलावों भरा रहेगा। खासकर समय परिवर्तन व मोबाइल पर पाबंदी के नियम का असर देखने को मिलेगा। गर्मियों में बिना बिजली-पानी की उचित व्यवस्था के दोपहर का समय गुजारना बच्चों के लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा सरकार का नामांकन वृद्धि पर भी खासा जोर रहेगा।
प्रत्येक शिक्षक को 20-20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा। इसके अलावा अध्यापकों की कमी व कम्प्यूटर शिक्षा के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का भी अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
मोबाइल पर पाबंदी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर राजकीय व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों व स्टाफ को कक्षा-कक्ष व शाला परिसर में वार्ता करने पर पाबंदी लगाई है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस निर्णय का कुछ शिक्षक संघ स्वागत कर रहे हैं तो कुछ विरोध में आए हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि नियम स्पष्ट करने चाहिए। स्टाफ रूम व प्रधानाध्यापक कक्ष में मोबाइल का उपयोग करने की छूट मिलनी चाहिए।
बिजली-पानी की परेशानी
एक अप्रेल से विद्यालयों का संचालन सुबह 7.50 बजे से दोपहर 2.10 बजे तक हुआ है। अधिकतर स्कूलों में बिजली नहीं है। बिना पंखे के दोपहर के समय में बच्चों का ठहरना मुश्किल हो जाएगा। गर्मी में पसीने से लथपथ बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, यह शिक्षकों व अभिभावकों के समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा पेयजल की भी अधिकतर जगह व्यवस्था नहीं है। कहीं हैण्डपम्पों में पानी सूख चुका हैं तो कहीं खराब पड़े हैं। जिले के अधिकतर हिस्से डार्क जोन में होने के कारण पानी की परेशानी है। स्कूलों में दूरदराज से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में नए सत्र में स्कूलों का लम्बा समय परेशानी का सबब बन सकता है।
20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा
गत वर्ष की तरह इस बार भी नए सत्र में सरकार का राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि पर खासा जोर रहेगा। शिक्षकों को न्यूनतम 20-20 बच्चों को प्रवेश दिलाने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय के लिए नामांकन लक्ष्य तय किए गए हैं। स्कूल की उपलब्धियों व विशेषताओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। प्रवेशोत्सव का पहला दौर 20 अप्रेल से 10 मई तक तथा दूसरा दौर 21 से 30 जून तक चलेगा। इसके अलावा परीक्षा समाप्ति के दिन ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश देने का नवाचार भी इस बार शिक्षा विभाग ने किया है। प्रारम्भिक शिक्षा की स्कूलों में प्रवेश के साथ ही पाठ्यपुस्तकें भी मिलेंगी।
इनका कहना...
माध्यमिक सेटअप की अधिकतर स्कूलों में बिजली-पानी की व्यवस्था है। जहां नहीं है, वहां शीघ्र व्यवस्था कर ली जाएगी। संसाधनों में विस्तार किया जाएगा। विद्यालय समय का निर्णय सरकार के स्तर पर होता है। नामांकन वृद्धि के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए हैं। गत वर्ष की तरह इस बार जिले के लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। आदर्श विद्यालयों पर भी विशेष फोकस रहेगा।
डॉ. प्रेमवती शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजकीय विद्यालय में नया शिक्षण सत्र काफी बदलावों भरा रहेगा। खासकर समय परिवर्तन व मोबाइल पर पाबंदी के नियम का असर देखने को मिलेगा। गर्मियों में बिना बिजली-पानी की उचित व्यवस्था के दोपहर का समय गुजारना बच्चों के लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा सरकार का नामांकन वृद्धि पर भी खासा जोर रहेगा। प्रत्येक शिक्षक को 20-20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा। इसके अलावा अध्यापकों की कमी व कम्प्यूटर शिक्षा के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का भी अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
मोबाइल पर पाबंदी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर राजकीय व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों व स्टाफ को कक्षा-कक्ष व शाला परिसर में वार्ता करने पर पाबंदी लगाई है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस निर्णय का कुछ शिक्षक संघ स्वागत कर रहे हैं तो कुछ विरोध में आए हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि नियम स्पष्ट करने चाहिए। स्टाफ रूम व प्रधानाध्यापक कक्ष में मोबाइल का उपयोग करने की छूट मिलनी चाहिए।
बिजली-पानी की परेशानी
एक अप्रेल से विद्यालयों का संचालन सुबह 7.50 बजे से दोपहर 2.10 बजे तक हुआ है। अधिकतर स्कूलों में बिजली नहीं है। बिना पंखे के दोपहर के समय में बच्चों का ठहरना मुश्किल हो जाएगा। गर्मी में पसीने से लथपथ बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, यह शिक्षकों व अभिभावकों के समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा पेयजल की भी अधिकतर जगह व्यवस्था नहीं है। कहीं हैण्डपम्पों में पानी सूख चुका हैं तो कहीं खराब पड़े हैं। जिले के अधिकतर हिस्से डार्क जोन में होने के कारण पानी की परेशानी है। स्कूलों में दूरदराज से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में नए सत्र में स्कूलों का लम्बा समय परेशानी का सबब बन सकता है।
20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा
गत वर्ष की तरह इस बार भी नए सत्र में सरकार का राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि पर खासा जोर रहेगा। शिक्षकों को न्यूनतम 20-20 बच्चों को प्रवेश दिलाने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय के लिए नामांकन लक्ष्य तय किए गए हैं। स्कूल की उपलब्धियों व विशेषताओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। प्रवेशोत्सव का पहला दौर 20 अप्रेल से 10 मई तक तथा दूसरा दौर 21 से 30 जून तक चलेगा। इसके अलावा परीक्षा समाप्ति के दिन ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश देने का नवाचार भी इस बार शिक्षा विभाग ने किया है। प्रारम्भिक शिक्षा की स्कूलों में प्रवेश के साथ ही पाठ्यपुस्तकें भी मिलेंगी।
इनका कहना...
माध्यमिक सेटअप की अधिकतर स्कूलों में बिजली-पानी की व्यवस्था है। जहां नहीं है, वहां शीघ्र व्यवस्था कर ली जाएगी। संसाधनों में विस्तार किया जाएगा। विद्यालय समय का निर्णय सरकार के स्तर पर होता है। नामांकन वृद्धि के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए हैं। गत वर्ष की तरह इस बार जिले के लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। आदर्श विद्यालयों पर भी विशेष फोकस रहेगा।
डॉ. प्रेमवती शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दौसा
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रत्येक शिक्षक को 20-20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा। इसके अलावा अध्यापकों की कमी व कम्प्यूटर शिक्षा के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का भी अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
मोबाइल पर पाबंदी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर राजकीय व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों व स्टाफ को कक्षा-कक्ष व शाला परिसर में वार्ता करने पर पाबंदी लगाई है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस निर्णय का कुछ शिक्षक संघ स्वागत कर रहे हैं तो कुछ विरोध में आए हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि नियम स्पष्ट करने चाहिए। स्टाफ रूम व प्रधानाध्यापक कक्ष में मोबाइल का उपयोग करने की छूट मिलनी चाहिए।
बिजली-पानी की परेशानी
एक अप्रेल से विद्यालयों का संचालन सुबह 7.50 बजे से दोपहर 2.10 बजे तक हुआ है। अधिकतर स्कूलों में बिजली नहीं है। बिना पंखे के दोपहर के समय में बच्चों का ठहरना मुश्किल हो जाएगा। गर्मी में पसीने से लथपथ बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, यह शिक्षकों व अभिभावकों के समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा पेयजल की भी अधिकतर जगह व्यवस्था नहीं है। कहीं हैण्डपम्पों में पानी सूख चुका हैं तो कहीं खराब पड़े हैं। जिले के अधिकतर हिस्से डार्क जोन में होने के कारण पानी की परेशानी है। स्कूलों में दूरदराज से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में नए सत्र में स्कूलों का लम्बा समय परेशानी का सबब बन सकता है।
20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा
गत वर्ष की तरह इस बार भी नए सत्र में सरकार का राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि पर खासा जोर रहेगा। शिक्षकों को न्यूनतम 20-20 बच्चों को प्रवेश दिलाने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय के लिए नामांकन लक्ष्य तय किए गए हैं। स्कूल की उपलब्धियों व विशेषताओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। प्रवेशोत्सव का पहला दौर 20 अप्रेल से 10 मई तक तथा दूसरा दौर 21 से 30 जून तक चलेगा। इसके अलावा परीक्षा समाप्ति के दिन ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश देने का नवाचार भी इस बार शिक्षा विभाग ने किया है। प्रारम्भिक शिक्षा की स्कूलों में प्रवेश के साथ ही पाठ्यपुस्तकें भी मिलेंगी।
इनका कहना...
माध्यमिक सेटअप की अधिकतर स्कूलों में बिजली-पानी की व्यवस्था है। जहां नहीं है, वहां शीघ्र व्यवस्था कर ली जाएगी। संसाधनों में विस्तार किया जाएगा। विद्यालय समय का निर्णय सरकार के स्तर पर होता है। नामांकन वृद्धि के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए हैं। गत वर्ष की तरह इस बार जिले के लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। आदर्श विद्यालयों पर भी विशेष फोकस रहेगा।
डॉ. प्रेमवती शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजकीय विद्यालय में नया शिक्षण सत्र काफी बदलावों भरा रहेगा। खासकर समय परिवर्तन व मोबाइल पर पाबंदी के नियम का असर देखने को मिलेगा। गर्मियों में बिना बिजली-पानी की उचित व्यवस्था के दोपहर का समय गुजारना बच्चों के लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा सरकार का नामांकन वृद्धि पर भी खासा जोर रहेगा। प्रत्येक शिक्षक को 20-20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा। इसके अलावा अध्यापकों की कमी व कम्प्यूटर शिक्षा के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का भी अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
मोबाइल पर पाबंदी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी कर राजकीय व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों व स्टाफ को कक्षा-कक्ष व शाला परिसर में वार्ता करने पर पाबंदी लगाई है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इस निर्णय का कुछ शिक्षक संघ स्वागत कर रहे हैं तो कुछ विरोध में आए हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि नियम स्पष्ट करने चाहिए। स्टाफ रूम व प्रधानाध्यापक कक्ष में मोबाइल का उपयोग करने की छूट मिलनी चाहिए।
बिजली-पानी की परेशानी
एक अप्रेल से विद्यालयों का संचालन सुबह 7.50 बजे से दोपहर 2.10 बजे तक हुआ है। अधिकतर स्कूलों में बिजली नहीं है। बिना पंखे के दोपहर के समय में बच्चों का ठहरना मुश्किल हो जाएगा। गर्मी में पसीने से लथपथ बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे, यह शिक्षकों व अभिभावकों के समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा पेयजल की भी अधिकतर जगह व्यवस्था नहीं है। कहीं हैण्डपम्पों में पानी सूख चुका हैं तो कहीं खराब पड़े हैं। जिले के अधिकतर हिस्से डार्क जोन में होने के कारण पानी की परेशानी है। स्कूलों में दूरदराज से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में नए सत्र में स्कूलों का लम्बा समय परेशानी का सबब बन सकता है।
20 बच्चों का प्रवेश दिलाना होगा
गत वर्ष की तरह इस बार भी नए सत्र में सरकार का राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि पर खासा जोर रहेगा। शिक्षकों को न्यूनतम 20-20 बच्चों को प्रवेश दिलाने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। प्रत्येक विद्यालय के लिए नामांकन लक्ष्य तय किए गए हैं। स्कूल की उपलब्धियों व विशेषताओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। प्रवेशोत्सव का पहला दौर 20 अप्रेल से 10 मई तक तथा दूसरा दौर 21 से 30 जून तक चलेगा। इसके अलावा परीक्षा समाप्ति के दिन ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश देने का नवाचार भी इस बार शिक्षा विभाग ने किया है। प्रारम्भिक शिक्षा की स्कूलों में प्रवेश के साथ ही पाठ्यपुस्तकें भी मिलेंगी।
इनका कहना...
माध्यमिक सेटअप की अधिकतर स्कूलों में बिजली-पानी की व्यवस्था है। जहां नहीं है, वहां शीघ्र व्यवस्था कर ली जाएगी। संसाधनों में विस्तार किया जाएगा। विद्यालय समय का निर्णय सरकार के स्तर पर होता है। नामांकन वृद्धि के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए हैं। गत वर्ष की तरह इस बार जिले के लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। आदर्श विद्यालयों पर भी विशेष फोकस रहेगा।
डॉ. प्रेमवती शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दौसा
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC