अजमेर।राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) आयोजित हुए दो माह बीत चुके हैं लेकिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान इसका परिणाम तो दूर अब तक उत्तर कुंजी पर मिली आपत्तियों का निस्तारकण तक नहीं कर पाया है। बोर्ड की इस लेटलतीफी और प्रश्न निरस्त करने में असंमजस की स्थिति की वजह से अध्यापक बनने का सपना देख रहे प्रदेश के आठ लाख से अधिक अभ्यर्थियों का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है।
प्रदेश में 15 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए सात फरवरी को रीट का आयोजन किया गया था। कक्षा एक से पांच तक प्रथम स्तर की परीक्षा में एक लाख 47 हजार 801 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि कक्षा छह से आठ तक की कक्षा में पढ़ाने के लिए द्वितीय स्तर के लिए सर्वाधिक 6 लाख 66 हजार 176 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इस तरह 15 हजार पद पर कुल 8 लाख 13 हजार 977 अभ्यर्थी दावेदार हैं। वस्तुनिष्ठ परीक्षा होने और ओएमआर शीट पर परीक्षा होने की वजह से अभ्यर्थियों सहित उनके परिवार वालों को भी उम्मीद थी कि परीक्षा का परिणाम महज एक माह में आ जाएगा लेकिन रीट का सफल आयोजन करने के बावजूद बोर्ड प्रश्न-पत्रों की गलतियों की वजह से परिणाम के मामले में पिछड़ गया।
बोनस अंक पर विरोधाभास
बोर्ड की ओर से रीट के लिए बनाए प्रश्न-पत्रों में कितनी त्रुटियां थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने उत्तरकुंजी जारी करने से पहले ही 32 प्रश्नों को निरस्त करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में हुई इस घोषणा से अब बोर्ड प्रशासन पूरी तरह मुकर चुका है। बोर्ड ने तब 32 सवालों को निरस्त कर उनके अंक शेष प्रश्नों में समायोजित करने का एेलान किया था। इसके बाद देवनानी ने विधानसभा में बयान दिया है कि समीक्षा के बाद अंतिम रूप से निरस्त होने वाले प्रश्नों के लिए बोनस अंक दिए जाएंगे। रीट की उत्तरकुंजी पर यह विरोधाभास भी बोर्ड के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
5 हजार से अधिक आपत्तियां
रीट में प्रथम स्तर की परीक्षा में 17 विषयों के 510 प्रश्न और द्वितीय स्तर की परीक्षा में 17 विषयों के 570 प्रश्न पूछे गए थे। हालांकि अभ्यर्थियों को विभिन्न विषयों के लिए महज 150 सवाल हल करने थे। उत्तर कुंजी जारी होते ही बोर्ड द्वारा रीट के लिए तैयार किए प्रश्न-पत्रों की त्रुटियों की पोल खुल गई। परिणामस्वरुप 1080 प्रश्नों के लिए 5 हजार 199 अभ्यर्थयों ने अपनी आपत्तियां दर्ज करा दी। इतनी अधिक संख्या में आपत्तियों की बोर्ड प्रशासन को भी उम्मीद नहीं थी।
इनका कहना है
आपत्तियों के शीघ्र निस्तारण का प्रयास कर रहे हैं। एक बार समीक्षा हो जाए उसके बाद संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी की जाएगी।
प्रो. बी. एल. चौधरी, अध्यक्ष माशिबो
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रदेश में 15 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए सात फरवरी को रीट का आयोजन किया गया था। कक्षा एक से पांच तक प्रथम स्तर की परीक्षा में एक लाख 47 हजार 801 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि कक्षा छह से आठ तक की कक्षा में पढ़ाने के लिए द्वितीय स्तर के लिए सर्वाधिक 6 लाख 66 हजार 176 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इस तरह 15 हजार पद पर कुल 8 लाख 13 हजार 977 अभ्यर्थी दावेदार हैं। वस्तुनिष्ठ परीक्षा होने और ओएमआर शीट पर परीक्षा होने की वजह से अभ्यर्थियों सहित उनके परिवार वालों को भी उम्मीद थी कि परीक्षा का परिणाम महज एक माह में आ जाएगा लेकिन रीट का सफल आयोजन करने के बावजूद बोर्ड प्रश्न-पत्रों की गलतियों की वजह से परिणाम के मामले में पिछड़ गया।
बोनस अंक पर विरोधाभास
बोर्ड की ओर से रीट के लिए बनाए प्रश्न-पत्रों में कितनी त्रुटियां थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने उत्तरकुंजी जारी करने से पहले ही 32 प्रश्नों को निरस्त करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में हुई इस घोषणा से अब बोर्ड प्रशासन पूरी तरह मुकर चुका है। बोर्ड ने तब 32 सवालों को निरस्त कर उनके अंक शेष प्रश्नों में समायोजित करने का एेलान किया था। इसके बाद देवनानी ने विधानसभा में बयान दिया है कि समीक्षा के बाद अंतिम रूप से निरस्त होने वाले प्रश्नों के लिए बोनस अंक दिए जाएंगे। रीट की उत्तरकुंजी पर यह विरोधाभास भी बोर्ड के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
5 हजार से अधिक आपत्तियां
रीट में प्रथम स्तर की परीक्षा में 17 विषयों के 510 प्रश्न और द्वितीय स्तर की परीक्षा में 17 विषयों के 570 प्रश्न पूछे गए थे। हालांकि अभ्यर्थियों को विभिन्न विषयों के लिए महज 150 सवाल हल करने थे। उत्तर कुंजी जारी होते ही बोर्ड द्वारा रीट के लिए तैयार किए प्रश्न-पत्रों की त्रुटियों की पोल खुल गई। परिणामस्वरुप 1080 प्रश्नों के लिए 5 हजार 199 अभ्यर्थयों ने अपनी आपत्तियां दर्ज करा दी। इतनी अधिक संख्या में आपत्तियों की बोर्ड प्रशासन को भी उम्मीद नहीं थी।
इनका कहना है
आपत्तियों के शीघ्र निस्तारण का प्रयास कर रहे हैं। एक बार समीक्षा हो जाए उसके बाद संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी की जाएगी।
प्रो. बी. एल. चौधरी, अध्यक्ष माशिबो
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