भरतपुर| हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2013 के मामले में भर्ती परिणाम से पूर्व पात्रता पूरी करने वाले प्रार्थियों को तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है। यह आदेश खुशबू चौधरी अन्य की याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिया। अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि धौलपुर जिला परिषद ने तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर भर्ती निकाली और इसके लेवल एक की पात्रता बीएसटीसी थी।
आवेदन के समय प्रार्थी बीएसटीसी अंतिम वर्ष में थे। परीक्षा के बाद प्रार्थियों ने वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया, लेकिन विभाग ने यह कहते हुए उन्हें नियुक्ति से इंकार कर दिया कि आवेदन की अंतिम तिथि तक उनके पास तय पात्रता नहीं थी। याचिका में कहा गया कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 266 के तहत भर्ती परिणाम जारी होने तक पात्रता पूरी होनी चाहिए, कि आवेदन की अंतिम तिथि तक। ऐसे में प्रार्थियों को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने प्रार्थी पक्ष की दलीलों से सहमत होते हुए प्रार्थियों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं।
ज्ञातव्य रहे कि जिला परिषद धौलपुर ने 2013 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की जिसमें इन अभ्यार्थियों को अपात्र ठहरा दिया।
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आवेदन के समय प्रार्थी बीएसटीसी अंतिम वर्ष में थे। परीक्षा के बाद प्रार्थियों ने वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया, लेकिन विभाग ने यह कहते हुए उन्हें नियुक्ति से इंकार कर दिया कि आवेदन की अंतिम तिथि तक उनके पास तय पात्रता नहीं थी। याचिका में कहा गया कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 266 के तहत भर्ती परिणाम जारी होने तक पात्रता पूरी होनी चाहिए, कि आवेदन की अंतिम तिथि तक। ऐसे में प्रार्थियों को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने प्रार्थी पक्ष की दलीलों से सहमत होते हुए प्रार्थियों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं।
ज्ञातव्य रहे कि जिला परिषद धौलपुर ने 2013 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की जिसमें इन अभ्यार्थियों को अपात्र ठहरा दिया।
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