स्कूलों के मर्ज होने के बाद खाली पड़े भवनों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा
है। इस कारण इमारतें जर्जर हो रही हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने ग्रामीण
क्षेत्र के स्कूलों के अस्थाई उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए
थे। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग सहित कई डिपार्टमेंट
को खाली भवनों के उपयोग के लिए पत्र लिखे गए लेकिन अभी तक किसी भी इमारत का
उपयोग नही हो पाया।
गौरतलब है कि स्कूल मर्ज होने के बाद जिले में 34 भवन खाली हो गए थे। सितंबर माह में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने खाली भवनों की सूची मंगवाकर इन्हें विभिन्न कार्यों में उपयोग लेने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। विभाग को उम्मीद थी कि भवनों के उपयोग के लिए कई विभाग उत्सुक होंगे, इसलिए उपयोग के संबंध में बाकायदा गाइडलाइन भी जारी की गई थी लेकिन अब स्थिति यह है कि एक भी भवन उपयोग में नहीं लिया जा रहा है।
^शिक्षा विभाग की ओर से खाली स्कूल भवनों में पीएचसी बनाने के लिए लिखा गया था। अधिकांश भवन दूरदराज के क्षेत्र में स्थित हैं और वहां स्वास्थ्य विभाग की पीएचसी या सबसेंटर का प्रावधान ही नहीं है। भवन पीएचसी या सबसेंटर के अनुकूल नहीं हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भवनों के उपयोग में असमर्थता जताई गई थी। डॉ.प्रीतमोहिंदर सिंह, सीएमएचओ
^स्कूलोंके खाली भवनों के उपयोग के लिए गाइडलाइन जारी हुई थी लेकिन अभी किसी विभाग ने रूचि नहीं दिखाई है। स्कूल के कक्षा कक्ष कर्मचारियों के क्वार्टर के अनुकूल भी नहीं हैं। इसलिए अभी किसी भवन का उपयोग नहीं हो रहा है। जिले में कुल 34 स्कूल भवन खाली हैं। रणवीरशर्मा, एडीईओ (माध्यमिक)
इन कार्यों के लिए की थी योजना
>अध्यापकोंशिक्षा विभाग के कार्मिकों के आवास के तौर पर।
>आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत या पटवार भवन के लिए।
>अन्य विभागों के कार्मिकों के आवास के लिए।
>स्थानीय स्तर पर शादी-विवाह, सामाजिक कार्यक्रम आदि में आयोजन के लिए।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गौरतलब है कि स्कूल मर्ज होने के बाद जिले में 34 भवन खाली हो गए थे। सितंबर माह में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने खाली भवनों की सूची मंगवाकर इन्हें विभिन्न कार्यों में उपयोग लेने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। विभाग को उम्मीद थी कि भवनों के उपयोग के लिए कई विभाग उत्सुक होंगे, इसलिए उपयोग के संबंध में बाकायदा गाइडलाइन भी जारी की गई थी लेकिन अब स्थिति यह है कि एक भी भवन उपयोग में नहीं लिया जा रहा है।
^शिक्षा विभाग की ओर से खाली स्कूल भवनों में पीएचसी बनाने के लिए लिखा गया था। अधिकांश भवन दूरदराज के क्षेत्र में स्थित हैं और वहां स्वास्थ्य विभाग की पीएचसी या सबसेंटर का प्रावधान ही नहीं है। भवन पीएचसी या सबसेंटर के अनुकूल नहीं हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से भवनों के उपयोग में असमर्थता जताई गई थी। डॉ.प्रीतमोहिंदर सिंह, सीएमएचओ
^स्कूलोंके खाली भवनों के उपयोग के लिए गाइडलाइन जारी हुई थी लेकिन अभी किसी विभाग ने रूचि नहीं दिखाई है। स्कूल के कक्षा कक्ष कर्मचारियों के क्वार्टर के अनुकूल भी नहीं हैं। इसलिए अभी किसी भवन का उपयोग नहीं हो रहा है। जिले में कुल 34 स्कूल भवन खाली हैं। रणवीरशर्मा, एडीईओ (माध्यमिक)
इन कार्यों के लिए की थी योजना
>अध्यापकोंशिक्षा विभाग के कार्मिकों के आवास के तौर पर।
>आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत या पटवार भवन के लिए।
>अन्य विभागों के कार्मिकों के आवास के लिए।
>स्थानीय स्तर पर शादी-विवाह, सामाजिक कार्यक्रम आदि में आयोजन के लिए।
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