सीकर.
प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हो रही रीट परीक्षा 2015 ने
कई परिवारों की त्योहारी खुशियों को दोगना कर दिया है। क्योंकि इनके परिजन
पिछले दो वर्ष से प्रदेश के दूसरे जिलों में शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे
हैं।
अब नई शिक्षक भर्ती होने के कारण एेसे युवा दोबारा से पढ़ाई में जुट गए
हैं। सीकर, चूरू और झुंझनूं जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षक दूसरे जिलों
में कार्यरत हैं।
अब इनमें से ज्यादातर घर वापसी के लिए पूरे जतन करने में लग गए हैं। क्योंकि ज्यादातर युवाओं का मानना है कि इतनी दूरी से तबादले वर्षों तक नहीं होंगे। इसलिए नई परीक्षा पास कर घर वापसी का इससे अच्छा तरीका उनकी नजर में नहीं आ रहा है। इससे पहली बार परीक्षा देने वाले बेरोजगारों का गणित भी बिगड़ेगा। केस एक: तबादला ही नहीं हो रहा खंडेला निवासी अशोक कुमार की पिछली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नौकरी लगी थी। वह एक वर्ष से तबादले के लिए प्रयासरत है। उनका कहना है कि सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के अभी तबादले नहीं कर रही है। जबकि माता-पिता बीमार रहते हैं। सीकर से बाड़मेर की दूरी काफी होने के कारण वह बीच-बीच
में आने वाली छुट्टियों में भी घर नहीं आ सकते। इस कारण वह रीट परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। उनका कहना है कि यदि नई भर्ती में गृह जिले में नौकरी लगती है तो वह पुरानी नौकरी छोड़ देंगे। केस दो: बच्चे अकेले कैसे रहें सीकर निवासी प्रिया कुमारी की भी मुसीबत कम नहीं है। उनका कहना है कि शिक्षक भर्ती में उनको जोधपुर जिला मिला था। लेकिन बच्चे दादा-दादी के पास रहते हैं। इस कारण नौकरी करने में काफी कठिनाई आ रही है। वह भी अब एक महीने का अवकाश लेकर सीकर में रीट परीक्षा की तैयारी करने आ गई है। इसी तरह जालौर में कार्यरत मालीराम, सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य युवाओं की पीड़ा भी इसी तरह की है। तो बिगड़ेगा गणित पद कम और आवेदक अधिक होने के कारण कई बेरोजगारों का गणित बिगड़ सकता है। पहले से चयनित शिक्षकों का इस भर्ती में चयन होने पर कई जिलों में पद रिक्त रहने की भी संभावना बन गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि पुराने टेट पास और चयनितों के परीक्षा देने के कारण कट ऑफ ज्यादा रहने की संभावना है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अब इनमें से ज्यादातर घर वापसी के लिए पूरे जतन करने में लग गए हैं। क्योंकि ज्यादातर युवाओं का मानना है कि इतनी दूरी से तबादले वर्षों तक नहीं होंगे। इसलिए नई परीक्षा पास कर घर वापसी का इससे अच्छा तरीका उनकी नजर में नहीं आ रहा है। इससे पहली बार परीक्षा देने वाले बेरोजगारों का गणित भी बिगड़ेगा। केस एक: तबादला ही नहीं हो रहा खंडेला निवासी अशोक कुमार की पिछली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नौकरी लगी थी। वह एक वर्ष से तबादले के लिए प्रयासरत है। उनका कहना है कि सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के अभी तबादले नहीं कर रही है। जबकि माता-पिता बीमार रहते हैं। सीकर से बाड़मेर की दूरी काफी होने के कारण वह बीच-बीच
में आने वाली छुट्टियों में भी घर नहीं आ सकते। इस कारण वह रीट परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। उनका कहना है कि यदि नई भर्ती में गृह जिले में नौकरी लगती है तो वह पुरानी नौकरी छोड़ देंगे। केस दो: बच्चे अकेले कैसे रहें सीकर निवासी प्रिया कुमारी की भी मुसीबत कम नहीं है। उनका कहना है कि शिक्षक भर्ती में उनको जोधपुर जिला मिला था। लेकिन बच्चे दादा-दादी के पास रहते हैं। इस कारण नौकरी करने में काफी कठिनाई आ रही है। वह भी अब एक महीने का अवकाश लेकर सीकर में रीट परीक्षा की तैयारी करने आ गई है। इसी तरह जालौर में कार्यरत मालीराम, सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य युवाओं की पीड़ा भी इसी तरह की है। तो बिगड़ेगा गणित पद कम और आवेदक अधिक होने के कारण कई बेरोजगारों का गणित बिगड़ सकता है। पहले से चयनित शिक्षकों का इस भर्ती में चयन होने पर कई जिलों में पद रिक्त रहने की भी संभावना बन गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि पुराने टेट पास और चयनितों के परीक्षा देने के कारण कट ऑफ ज्यादा रहने की संभावना है।
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