जयपुर। राजस्थान के सरकारी विद्यालयों का डिजिटलाइजेशन जल्द किया
जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा आैर माध्यमिक शिक्षा के करीब 4 लाख शिक्षकों का
डाटा ऑनलाइन तैयार करवाया जा रहा है। इसके तहत स्कूलवार शिक्षकों की
स्थिति, कहां कितने पद खाली है, कौनसा शिक्षक कब से कहां कार्यरत है।
कितने पद सृजित हैं, किस विषय का शिक्षक नियुक्त है और किस विषय का नहीं, यह तमाम जानकारियां एक क्लिक में शिक्षा विभाग को मिल जाएंगी।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की पहल पर पहली बार प्रदेशभर के विद्यालयों में कार्यरत प्राचार्य प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, शिक्षकों आैर कर्मचारियों की समग्र सूचना ऑनलाइन जुटाने की कवायद की जा रही है।
देवनानी ने बताया कि डिजिटलाइजेशन के तहत प्रारंभिक शिक्षा के करीब 1 लाख 75 हजार आैर माध्यमिक शिक्षा के करीब 2 लाख शिक्षकों की सम्पूर्ण जानकारी 31 दिसम्बर तक फीड हो जाएगी। भविष्य में शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण सहित नीति निर्धारण में डिजिटलाइजेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सरकार को भी होगी आसानी
डिजिटलाइजेशन से हर वर्ष शिक्षा विभाग में होने वाले स्थानांतरण,स्टाफिंग पैटर्न के समय विद्यालयों में छात्रों के अनुपात आैर विषय के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति में आसानी होगी। शिक्षकों का डाटा तैयार होने के बाद सरकार की ओर से निकाली जाने वाली नई भर्तियों में भी आसानी होगी। वहीं नियुक्ति तिथि,आैर भविष्य में सेवानिवृत्ति समय आदि की जानकारी होने से सरकार के लिए भी काम आसान हो जाएगी।
यह भी फायदे
शिक्षकों की ओर से सेवा में रहते हुए अभिनव प्रशिक्षण, सेवारत अन्य प्रशिक्षण से कौन-कौन शिक्षक लाभान्वित हुए, किसने प्रशिक्षण नहीं लिया, इन सभी की जानकारी आसान हो जाएगी। इससे जानकारी जुटाने में समय व श्रम की बचत होगी। निदेशालय पर बैठे अधिकारी हों चाहे कोई भी व्यक्ति इन सूचनाओं से रूबरू हो सकेगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कितने पद सृजित हैं, किस विषय का शिक्षक नियुक्त है और किस विषय का नहीं, यह तमाम जानकारियां एक क्लिक में शिक्षा विभाग को मिल जाएंगी।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की पहल पर पहली बार प्रदेशभर के विद्यालयों में कार्यरत प्राचार्य प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, शिक्षकों आैर कर्मचारियों की समग्र सूचना ऑनलाइन जुटाने की कवायद की जा रही है।
देवनानी ने बताया कि डिजिटलाइजेशन के तहत प्रारंभिक शिक्षा के करीब 1 लाख 75 हजार आैर माध्यमिक शिक्षा के करीब 2 लाख शिक्षकों की सम्पूर्ण जानकारी 31 दिसम्बर तक फीड हो जाएगी। भविष्य में शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण सहित नीति निर्धारण में डिजिटलाइजेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
सरकार को भी होगी आसानी
डिजिटलाइजेशन से हर वर्ष शिक्षा विभाग में होने वाले स्थानांतरण,स्टाफिंग पैटर्न के समय विद्यालयों में छात्रों के अनुपात आैर विषय के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति में आसानी होगी। शिक्षकों का डाटा तैयार होने के बाद सरकार की ओर से निकाली जाने वाली नई भर्तियों में भी आसानी होगी। वहीं नियुक्ति तिथि,आैर भविष्य में सेवानिवृत्ति समय आदि की जानकारी होने से सरकार के लिए भी काम आसान हो जाएगी।
यह भी फायदे
शिक्षकों की ओर से सेवा में रहते हुए अभिनव प्रशिक्षण, सेवारत अन्य प्रशिक्षण से कौन-कौन शिक्षक लाभान्वित हुए, किसने प्रशिक्षण नहीं लिया, इन सभी की जानकारी आसान हो जाएगी। इससे जानकारी जुटाने में समय व श्रम की बचत होगी। निदेशालय पर बैठे अधिकारी हों चाहे कोई भी व्यक्ति इन सूचनाओं से रूबरू हो सकेगा।
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