जयपुर जयपुर दिव्यांगों के हित में फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए न्यूनतम अंक वही होना चाहिए जो एससी—एसटी के अभ्यर्थियों के लिए तय किए गए है। कोर्ट के इस फैसले पर दिव्यांगों ने खुशी जताई है और इसकी सख्ती से पालना कराने की भी अपील की है।
दिव्यांगों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी है जो सक्ष्रम होने के बाद भी आरपीएससी की परीक्षा से वंचित हो रहे है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पूर मामले पर पहले से ही आदेश दे चुका है जिसे सभी राज्य सरकारों को मानना है।
उम्मीद है अबकी बार होगी पालना राज्य में काम कर रहे विभिन्न संगठन भी यह मांग शुरु से करते आए है।
दिव्यांग कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मनोज पूनिया ने बताया कि दिव्यांग अभ्यर्थी आरक्षण के बाद दूसरी प्रमुख मांग न्यूनतम अंकों की समानता को लेकर कर रहे है जबकि कोर्ट ने फैसला भी दे रखा है लेकिन आज दिन तक इसका लाभ अभ्यर्थियों को नहीं मिला है।
ऐसे में अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाते है। उम्मीद है अबकी बार इसकी पालना हो सकेगी।
दिव्यांगों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी है जो सक्ष्रम होने के बाद भी आरपीएससी की परीक्षा से वंचित हो रहे है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पूर मामले पर पहले से ही आदेश दे चुका है जिसे सभी राज्य सरकारों को मानना है।
उम्मीद है अबकी बार होगी पालना राज्य में काम कर रहे विभिन्न संगठन भी यह मांग शुरु से करते आए है।
दिव्यांग कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मनोज पूनिया ने बताया कि दिव्यांग अभ्यर्थी आरक्षण के बाद दूसरी प्रमुख मांग न्यूनतम अंकों की समानता को लेकर कर रहे है जबकि कोर्ट ने फैसला भी दे रखा है लेकिन आज दिन तक इसका लाभ अभ्यर्थियों को नहीं मिला है।
ऐसे में अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाते है। उम्मीद है अबकी बार इसकी पालना हो सकेगी।
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