माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली
पड़े हैं। प्रिंसिपल, हेडमास्टर, व्याख्याता ही नहीं वरिष्ठ अध्यापक और
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी हजारों पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षा ने 1
अप्रैल 2019 को कार्यरत और खाली पड़े पदों की स्थिति जारी की तो सामने आया
कि व्याख्याताओं के 9 हजार और वरिष्ठ अध्यापकों के ही 10 हजार से अधिक पद
खाली पड़े हैं।
प्रदेश के 1627 स्कूलों में तो प्रिंसिपल ही नहीं है। अब गर्मी की छुट्टियां खत्म होने से पहले इन पदों को नहीं भरा गया तो पढ़ाई प्रभावित होना तय है।
विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रिंसिपल के 10847 में से 1627 और हैडमास्टरों के 3650 में से 1113 पद खाली हैं। प्रदेश के स्कूलों में 52699 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर 43858 व्याख्याता कार्यरत हैं और 8841 पद खाली पड़े हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 73033 में से 10981 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के 41215 में से 3518, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल टू के स्वीकृत 42916 में से 4135 पद खाली पड़े हैं। लाइब्रेरियन के पदों को लेकर तो स्थिति बेहद खराब हैं। प्रदेश में लाइब्रेरियन ग्रेड प्रथम के 43 में से 37, ग्रेड द्वितीय के 1113 में से 650 और ग्रेड तृतीय के 2999 में से 877 पद रिक्त हैं। स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं, मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के पदों को लेकर भी स्थिति अच्छी नहीं है। संयुक्त निदेशक के 12 में से 10 पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षकों में ग्रेड प्रथम के 265 में से 201, ग्रेड द्वितीय में 3374 में से 536 और ग्रेड तृतीय के 10864 में से 1890 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में खाली पदों के कारण गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होना तय है। हालांकि हैडमास्टर, व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों की भर्ती का मामला राजस्थान लोकसेवा आयोग में पेडिंग पड़ा है।
आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए लग नहीं रहा कि गर्मी की छ़ुट्टियां खत्म होने से पहले यह भर्तियां पूरी हो सकेगी। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि आयोग को इन भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष कमला लांबा का कहना है कि पद खाली रहने से पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है, अन्य शिक्षकों पर भी भार आ जाता है। इसको देखते हुए भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करके विद्यार्थियों को राहत पहुंचानी चाहिए।
एजुकेशन रिपोर्टर. जयपुर
माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। प्रिंसिपल, हेडमास्टर, व्याख्याता ही नहीं वरिष्ठ अध्यापक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी हजारों पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षा ने 1 अप्रैल 2019 को कार्यरत और खाली पड़े पदों की स्थिति जारी की तो सामने आया कि व्याख्याताओं के 9 हजार और वरिष्ठ अध्यापकों के ही 10 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के 1627 स्कूलों में तो प्रिंसिपल ही नहीं है। अब गर्मी की छुट्टियां खत्म होने से पहले इन पदों को नहीं भरा गया तो पढ़ाई प्रभावित होना तय है।
विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रिंसिपल के 10847 में से 1627 और हैडमास्टरों के 3650 में से 1113 पद खाली हैं। प्रदेश के स्कूलों में 52699 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर 43858 व्याख्याता कार्यरत हैं और 8841 पद खाली पड़े हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 73033 में से 10981 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के 41215 में से 3518, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल टू के स्वीकृत 42916 में से 4135 पद खाली पड़े हैं। लाइब्रेरियन के पदों को लेकर तो स्थिति बेहद खराब हैं। प्रदेश में लाइब्रेरियन ग्रेड प्रथम के 43 में से 37, ग्रेड द्वितीय के 1113 में से 650 और ग्रेड तृतीय के 2999 में से 877 पद रिक्त हैं। स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं, मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के पदों को लेकर भी स्थिति अच्छी नहीं है। संयुक्त निदेशक के 12 में से 10 पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षकों में ग्रेड प्रथम के 265 में से 201, ग्रेड द्वितीय में 3374 में से 536 और ग्रेड तृतीय के 10864 में से 1890 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में खाली पदों के कारण गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होना तय है। हालांकि हैडमास्टर, व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों की भर्ती का मामला राजस्थान लोकसेवा आयोग में पेडिंग पड़ा है।
आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए लग नहीं रहा कि गर्मी की छ़ुट्टियां खत्म होने से पहले यह भर्तियां पूरी हो सकेगी। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि आयोग को इन भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष कमला लांबा का कहना है कि पद खाली रहने से पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है, अन्य शिक्षकों पर भी भार आ जाता है। इसको देखते हुए भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करके विद्यार्थियों को राहत पहुंचानी चाहिए।
प्रदेश के 1627 स्कूलों में तो प्रिंसिपल ही नहीं है। अब गर्मी की छुट्टियां खत्म होने से पहले इन पदों को नहीं भरा गया तो पढ़ाई प्रभावित होना तय है।
विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रिंसिपल के 10847 में से 1627 और हैडमास्टरों के 3650 में से 1113 पद खाली हैं। प्रदेश के स्कूलों में 52699 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर 43858 व्याख्याता कार्यरत हैं और 8841 पद खाली पड़े हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 73033 में से 10981 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के 41215 में से 3518, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल टू के स्वीकृत 42916 में से 4135 पद खाली पड़े हैं। लाइब्रेरियन के पदों को लेकर तो स्थिति बेहद खराब हैं। प्रदेश में लाइब्रेरियन ग्रेड प्रथम के 43 में से 37, ग्रेड द्वितीय के 1113 में से 650 और ग्रेड तृतीय के 2999 में से 877 पद रिक्त हैं। स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं, मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के पदों को लेकर भी स्थिति अच्छी नहीं है। संयुक्त निदेशक के 12 में से 10 पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षकों में ग्रेड प्रथम के 265 में से 201, ग्रेड द्वितीय में 3374 में से 536 और ग्रेड तृतीय के 10864 में से 1890 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में खाली पदों के कारण गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होना तय है। हालांकि हैडमास्टर, व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों की भर्ती का मामला राजस्थान लोकसेवा आयोग में पेडिंग पड़ा है।
आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए लग नहीं रहा कि गर्मी की छ़ुट्टियां खत्म होने से पहले यह भर्तियां पूरी हो सकेगी। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि आयोग को इन भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष कमला लांबा का कहना है कि पद खाली रहने से पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है, अन्य शिक्षकों पर भी भार आ जाता है। इसको देखते हुए भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करके विद्यार्थियों को राहत पहुंचानी चाहिए।
एजुकेशन रिपोर्टर. जयपुर
माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। प्रिंसिपल, हेडमास्टर, व्याख्याता ही नहीं वरिष्ठ अध्यापक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी हजारों पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षा ने 1 अप्रैल 2019 को कार्यरत और खाली पड़े पदों की स्थिति जारी की तो सामने आया कि व्याख्याताओं के 9 हजार और वरिष्ठ अध्यापकों के ही 10 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। प्रदेश के 1627 स्कूलों में तो प्रिंसिपल ही नहीं है। अब गर्मी की छुट्टियां खत्म होने से पहले इन पदों को नहीं भरा गया तो पढ़ाई प्रभावित होना तय है।
विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रिंसिपल के 10847 में से 1627 और हैडमास्टरों के 3650 में से 1113 पद खाली हैं। प्रदेश के स्कूलों में 52699 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर 43858 व्याख्याता कार्यरत हैं और 8841 पद खाली पड़े हैं। वरिष्ठ अध्यापकों के 73033 में से 10981 पद, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के 41215 में से 3518, तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल टू के स्वीकृत 42916 में से 4135 पद खाली पड़े हैं। लाइब्रेरियन के पदों को लेकर तो स्थिति बेहद खराब हैं। प्रदेश में लाइब्रेरियन ग्रेड प्रथम के 43 में से 37, ग्रेड द्वितीय के 1113 में से 650 और ग्रेड तृतीय के 2999 में से 877 पद रिक्त हैं। स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं, मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों के पदों को लेकर भी स्थिति अच्छी नहीं है। संयुक्त निदेशक के 12 में से 10 पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षकों में ग्रेड प्रथम के 265 में से 201, ग्रेड द्वितीय में 3374 में से 536 और ग्रेड तृतीय के 10864 में से 1890 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में खाली पदों के कारण गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होना तय है। हालांकि हैडमास्टर, व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापकों की भर्ती का मामला राजस्थान लोकसेवा आयोग में पेडिंग पड़ा है।
आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए लग नहीं रहा कि गर्मी की छ़ुट्टियां खत्म होने से पहले यह भर्तियां पूरी हो सकेगी। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि आयोग को इन भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए। अखिल राजस्थान महिला शिक्षक संघ की प्रदेशाध्यक्ष कमला लांबा का कहना है कि पद खाली रहने से पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है, अन्य शिक्षकों पर भी भार आ जाता है। इसको देखते हुए भर्तियों को जल्दी से जल्दी पूरा करके विद्यार्थियों को राहत पहुंचानी चाहिए।
No comments:
Post a Comment