प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है और इसकी गूंज विधानसभा में जमकर सुनाई दे रही है. सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिक्षक भर्ती का मुद्दा छाया रहा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबंचद कटारिया ने शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को घेरने का प्रयास किया.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शिक्षा विभाग में वर्ष 2014 के खाली पद और जनवरी 2019 के खाली पदों का ब्यौरा पूछा. शिक्षा राज्य मंत्री ने सवाल का लिखित जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई भर्तियों का ब्यौरा रखा. डोटासरा ने प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा में हुई भर्तियों के साथ ही खाली पदों के बारे में भी बताया. पिछली सरकार के कार्यकाल में जारी विज्ञप्तियों और पदों की भर्ती की जानकारी देने के साथ ही डोटासरा ने पूर्ववर्ती सरकार पर भर्तियों का राजनीतिकरण करने के आरोप लगाया.
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पिछली सरकार ने चार साल कुछ नहीं किया
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने चार साल कुछ नहीं किया और पांचवें साल गुर्जर आरक्षण आंदोलन और चुनावों के दबाव में ही भर्तियां की. डोटासरा ने कटारिया के सवाल पर कहा कि प्रदेश में अब शिक्षकों के 82,611 पद वास्तविक रूप से खाली हैं. बीजेपी राज में नई भर्तियां बहुत कम हुई. वैसे 58 हजार पद खाली हैं, क्योंकि बीजेपी राज में हुई भर्तियां पूरी नहीं होने से शिक्षकों की ज्वॉइनिंग नहीं हो पाई.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया का सवाल
बीजेपी राज में हुई शिक्षक भर्तियों पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा कि ये बताएं कि कितने पद खाली थे ? कितने पद भर लिए गए ? हमारी सरकार ने 77012 को जॉइनिंग दी या नहीं ? माध्यमिक शिक्षा की भर्तियों में हमने 42,577 पदों पर विज्ञप्ति निकाली थी. इनमें से 22,935 को ज्वॉइनिंग दे दी. कुल 97,887 पद भरे या नहीं ?
शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा का जवाब
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा ने अपने जबाव में बताया कि 82,611 पद अभी भी खाली हैं. प्रारम्भिक शिक्षा की 57,222 भर्तियों में से बीजेपी को 24,224 पदों की गिनती तो शामिल ही नहीं करनी चाहिए. उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल में सरकार ने इन पदों पर विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन उन्हें भरने में भी पिछली सरकार ने बेवजह देरी की.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी उलझाया
डोटासरा को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गुर्जर आरक्षण के आधार पर आगे लंबित भर्तियां पूरी करने का सवाल दागकर उलझाने का प्रयास किया. शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर आने वाले दिनों में भी बीजेपी आक्रामक नजर आ सकती है.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शिक्षा विभाग में वर्ष 2014 के खाली पद और जनवरी 2019 के खाली पदों का ब्यौरा पूछा. शिक्षा राज्य मंत्री ने सवाल का लिखित जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई भर्तियों का ब्यौरा रखा. डोटासरा ने प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा में हुई भर्तियों के साथ ही खाली पदों के बारे में भी बताया. पिछली सरकार के कार्यकाल में जारी विज्ञप्तियों और पदों की भर्ती की जानकारी देने के साथ ही डोटासरा ने पूर्ववर्ती सरकार पर भर्तियों का राजनीतिकरण करने के आरोप लगाया.
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पिछली सरकार ने चार साल कुछ नहीं किया
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने चार साल कुछ नहीं किया और पांचवें साल गुर्जर आरक्षण आंदोलन और चुनावों के दबाव में ही भर्तियां की. डोटासरा ने कटारिया के सवाल पर कहा कि प्रदेश में अब शिक्षकों के 82,611 पद वास्तविक रूप से खाली हैं. बीजेपी राज में नई भर्तियां बहुत कम हुई. वैसे 58 हजार पद खाली हैं, क्योंकि बीजेपी राज में हुई भर्तियां पूरी नहीं होने से शिक्षकों की ज्वॉइनिंग नहीं हो पाई.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया का सवाल
बीजेपी राज में हुई शिक्षक भर्तियों पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा कि ये बताएं कि कितने पद खाली थे ? कितने पद भर लिए गए ? हमारी सरकार ने 77012 को जॉइनिंग दी या नहीं ? माध्यमिक शिक्षा की भर्तियों में हमने 42,577 पदों पर विज्ञप्ति निकाली थी. इनमें से 22,935 को ज्वॉइनिंग दे दी. कुल 97,887 पद भरे या नहीं ?
शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा का जवाब
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा ने अपने जबाव में बताया कि 82,611 पद अभी भी खाली हैं. प्रारम्भिक शिक्षा की 57,222 भर्तियों में से बीजेपी को 24,224 पदों की गिनती तो शामिल ही नहीं करनी चाहिए. उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल में सरकार ने इन पदों पर विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन उन्हें भरने में भी पिछली सरकार ने बेवजह देरी की.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी उलझाया
डोटासरा को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गुर्जर आरक्षण के आधार पर आगे लंबित भर्तियां पूरी करने का सवाल दागकर उलझाने का प्रयास किया. शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर आने वाले दिनों में भी बीजेपी आक्रामक नजर आ सकती है.
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