सीकर.
अभ्यर्थियों की गलती अब आरपीएससी पर भारी
पड़ रही है। मामला द्वितीय श्रेणी विशेष शिक्षक भर्ती से जुड़ा है। विशेष
शिक्षा की डिग्री नहीं होने के बाद भी कई अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा के
लिए आवेदन कर दिए। इस कारण भर्ती में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई। अब
अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने के कारण आरपीएससी को तो इंतजाम करने पड़
रहे है लेकिन अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रहेगी। खुद अभ्यर्थियों को
भी अब परीक्षा की तिथि आने अपनी गलती पर अहसास हुआ है।
विशेष शिक्षा की डिग्री जरूरी
आरसीआई (भारतीय पुनर्वास परिषद) के अनुसार विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने या इस क्षेत्र का शिक्षक बनने के लिए आरसीआई के अधिकृत संस्थानों से डिग्री लेना आवश्यक है। बिना पाठ्यक्रम के पढ़ाने वालों पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। इसलिए लोक सेवा आयोग ने भी स्पष्ट कर दिया कि किसी भी विषय में सामान्य शिक्षा के अभ्यर्थियों को नियुक्ति के समय अनुमति नहीं दी जाएगी।
भर्ती से खुलेगी सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई की राह
प्रदेश में दिव्यांग विद्यार्थियों के कक्षा आठवीं तक पढऩे के इंतजाम तो है। लेकिन माध्यमिक स्तर पर पढ़ाई के कोई इंतजाम नहीं होने के कारण सरकार ने यह भर्ती निकाली थी। इस भर्ती के जरिए अब सरकारी विद्यालयों में भी कक्षा नवीं से बारहवीं तक के दिव्यांग विद्यार्थियों की राह खुलेगी। सरकार ने पिछले सत्र में प्रदेश के सभी ब्लॉकों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए संदर्भ केन्द्र खोलने की घोषणा की थी। लेकिन भर्ती की योग्यता का मामला विवादों में फंसने के कारण परीक्षा नहीं हो सकी। भर्ती पूरा होने से शिक्षा विभाग को 211 से अधिक विशेष शिक्षक मिल सकेंगे।
सामान्य अभ्यर्थियों ने भी भर दिए फार्म
आरपीएससी ने 2015 में द्वितीय श्रेणी
विशेष शिक्षकों के लिए आवेदन मांगे थे। इस दौरान प्रदेश के सैकड़ों सामान्य
शिक्षा के अभ्यर्थियों ने भी इस परीक्षा में आवेदन कर दिया है। जबकि इस
परीक्षा के आवेदन फार्म में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि विशेष शिक्षा की
डिग्री वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते है। आरपीएससी के अधिकारियों का तर्क
है कि परिणाम आने तक संबंधित पाठ्य़क्रम का परिणाम आना जरूरी होता है।
इसलिए अंतिम वर्ष के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाता है।
द्वितीय श्रेणी विशेष शिक्षकों की भर्ती
प्रदेश में दिव्यांग शिक्षा की नींव को और मजबूत करने के लिए आरपीएससी की ओर से विशेष शिक्षक तृतीय श्रेणी की तो भर्ती हो चुकी है। लेकिन द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की यह पहली भर्ती है। वहीं पिछली सरकार के समय जिला परिषद स्तर पर तृतीय श्रेणी के दोनों लेवलों में भर्ती हो चुकी है।
प्रदेश में दिव्यांग शिक्षा की नींव को और मजबूत करने के लिए आरपीएससी की ओर से विशेष शिक्षक तृतीय श्रेणी की तो भर्ती हो चुकी है। लेकिन द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की यह पहली भर्ती है। वहीं पिछली सरकार के समय जिला परिषद स्तर पर तृतीय श्रेणी के दोनों लेवलों में भर्ती हो चुकी है।
30 जनवरी को जारी होगे प्रवेश पत्र
आरपीएससी ने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट की सुविधा शुरू की है। अभ्यर्थी ऑनलाइन परीक्षा के पैर्टन को समझने के लिए ऑनलाइन मॉक टेस्ट दे सकते है। आरपीएससी की ओर से प्रवेश पत्र 30 जनवरी को जारी किए जाएंगे।
आरपीएससी ने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट की सुविधा शुरू की है। अभ्यर्थी ऑनलाइन परीक्षा के पैर्टन को समझने के लिए ऑनलाइन मॉक टेस्ट दे सकते है। आरपीएससी की ओर से प्रवेश पत्र 30 जनवरी को जारी किए जाएंगे।
रीट के पदों को लेकर संशय
रीट में विशेष शिक्षकों के पदों को लेकर स्थिति अभी तक तय नहीं है। विशेष शिक्षक संघ 35 हजार से में से पांच हजार पद दोनों लेवलों में आरक्षित रखने की मांग कर रहा है। लेकिन रीट परीक्षा होने के बाद पदों का वर्गीकरण जारी होगा। इसके बाद भी रीट में भर्ती के पदों को लेकर स्थिति साफ होगी।
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