भास्कर संवाददाता | बालोतरा (आंचलिक) अखिलराजस्थान सेवारत डॉक्टर्स संघ के आह्वान पर शुक्रवार को सेवारत
चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहे। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते राजकीय नाहटा
चिकित्सालय पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी देखनी पड़ी, हालांकि शुक्रवार को
दो चिकित्सकों ने सेवाएं दी, लेकिन मरीजों
की ज्यादा भीड़ के चलते अधिकांश मरीजों को मायूस होकर निजी अस्पतालों में जाना पड़ा। पिछले दिनों सेवारत चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार कर अस्पताल के बाहर ही टेंट लगाकर मरीजों की जांच की, जिससे सर्द हवाओं के चलते मरीजों को इलाज कराने में दिक्कतें उठानी पड़ी। बाद में मरीजों की परेशानी को देखते हुए बुधवार को चिकित्सकों ने ओपीडी में बैठकर जांच की थी।
एमओयू की पालना नहीं होने से खफा सेवारत चिकित्सकों ने शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय संघ के आह्वान पर सामूहिक अवकाश रखकर हड़ताल की। इस वजह से राजकीय नाहटा अस्पताल में अधिकांश चिकित्सकों के कक्ष खाली नजर आए। हालांकि अस्पताल परिसर में हड़ताल से अंजान मरीजों की बड़ी संख्या में भीड़ पहुंची, लेकिन चिकित्सक नहीं होने से उनको मायूस होकर निजी अस्पतालों में जाकर उपचार करवाना पड़ा।
आगे क्या: सरकारीकार्यालयों में शुक्रवार को कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। जमीन का नक्शा लेना हो या फिर राशन कार्ड में नाम जुड़वाना। अब इन कार्यों के लिए तीन दिन इंतजार करना होगा। शनिवार रविवार को अवकाश रहेगा। अब सोमवार को सरकारी कार्यालय खुलने पर लोगों को दुबारा बाड़मेर आना पड़ेगा।
जिला अस्पताल में 3 डॉक्टरों के भरोसे 1100 मरीज, सीएचसी पीएचसी खाली : जिलाअस्पताल में सुबह 9 बजे ही मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक पर्ची काउंटर पर मरीजों की कतारे लगी। अस्पताल में केयर्न के तीन डॉक्टर ही मौजूद थे। इस वजह से मरीजों को दो घंटे इंतजार करना पड़ा। इधर, सीएचसी पीएचसी में कार्यरत सभी डॉक्टर अवकाश पर चले जाने से नर्सिंग स्टाफ ने व्यवस्थाएं संभाली।
4000कर्मचारियों का अवकाश, दफ्तर सूने, स्कूल बंद : विभिन्नशिक्षक संगठनों के आह्वान पर शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहे। इस दौरान सीनियर सैकंडरी, सैकंडरी, उच्च प्राथमिक प्राथमिक स्कूलों में सन्नाटा पसर गया। इसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नजर आया। पटवारी, ग्रामसेवक, कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया।
की ज्यादा भीड़ के चलते अधिकांश मरीजों को मायूस होकर निजी अस्पतालों में जाना पड़ा। पिछले दिनों सेवारत चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार कर अस्पताल के बाहर ही टेंट लगाकर मरीजों की जांच की, जिससे सर्द हवाओं के चलते मरीजों को इलाज कराने में दिक्कतें उठानी पड़ी। बाद में मरीजों की परेशानी को देखते हुए बुधवार को चिकित्सकों ने ओपीडी में बैठकर जांच की थी।
एमओयू की पालना नहीं होने से खफा सेवारत चिकित्सकों ने शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय संघ के आह्वान पर सामूहिक अवकाश रखकर हड़ताल की। इस वजह से राजकीय नाहटा अस्पताल में अधिकांश चिकित्सकों के कक्ष खाली नजर आए। हालांकि अस्पताल परिसर में हड़ताल से अंजान मरीजों की बड़ी संख्या में भीड़ पहुंची, लेकिन चिकित्सक नहीं होने से उनको मायूस होकर निजी अस्पतालों में जाकर उपचार करवाना पड़ा।
आगे क्या: सरकारीकार्यालयों में शुक्रवार को कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। जमीन का नक्शा लेना हो या फिर राशन कार्ड में नाम जुड़वाना। अब इन कार्यों के लिए तीन दिन इंतजार करना होगा। शनिवार रविवार को अवकाश रहेगा। अब सोमवार को सरकारी कार्यालय खुलने पर लोगों को दुबारा बाड़मेर आना पड़ेगा।
जिला अस्पताल में 3 डॉक्टरों के भरोसे 1100 मरीज, सीएचसी पीएचसी खाली : जिलाअस्पताल में सुबह 9 बजे ही मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक पर्ची काउंटर पर मरीजों की कतारे लगी। अस्पताल में केयर्न के तीन डॉक्टर ही मौजूद थे। इस वजह से मरीजों को दो घंटे इंतजार करना पड़ा। इधर, सीएचसी पीएचसी में कार्यरत सभी डॉक्टर अवकाश पर चले जाने से नर्सिंग स्टाफ ने व्यवस्थाएं संभाली।
4000कर्मचारियों का अवकाश, दफ्तर सूने, स्कूल बंद : विभिन्नशिक्षक संगठनों के आह्वान पर शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहे। इस दौरान सीनियर सैकंडरी, सैकंडरी, उच्च प्राथमिक प्राथमिक स्कूलों में सन्नाटा पसर गया। इसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नजर आया। पटवारी, ग्रामसेवक, कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया।
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