भास्कर संवाददाता | पाली 2012 में शिक्षक भर्ती में जिला परिषद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने
नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी से ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से
लेकर स्कूल तक आवंटन कर दिया।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि अपनी करतूतें छुपाने के लिए शिक्षा विभाग जिला परिषद ने हड़बड़ी में सूची भी जारी कर दी। इस सूची में किसी का नाम नहीं हैैै, तो पुरुष होने के बाद भी 14-14 लोगों को महिला अभ्यर्थी बना दिया।
इन अधिकारियों कर्मचारियों की गड़बड़ियां यहीं नहीं रुकने वाली थीं। तीसरे संशोधित परिणाम के बाद कट ऑफ से कम नंबर होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति दे दी। इसके बाद विभाग को भेजे आंकड़ों में अभ्यर्थियों के नाम तक गायब कर दिए। आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर विभाग सरकार को भेजे आंकड़ों में पूरी तरह से घोटाले का अंदेशा लग रहा है। एक ही सूची में एक ही अभ्यर्थी को दो बार शामिल कर दिया गया है। साथ ही मेरिट में शामिल होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। यही नहीं, विभाग एक तरफ कोर्ट के आदेश लेकर रहे अभ्यर्थियों को यह कहकर लौटा रहा है कि पद खाली नहीं है, वहीं आरटीआई में जारी सूचियों के अनुसार अभी भी पद खाली है। नियमानुसार तीसरे संशोधित परिणाम के बाद काउंसलिंग में अनुपस्थित लोगों को नौकरी नहीं मिलनी थी, लेकिन गुपचुप में उन्हें भी बुलाकर नियुक्ति दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
^सीईओ डीईओ को बुलाकर पूरे मामले की जांच कराएंगे। नियमानुसार योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। बेरोजगारों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। -सुधीर कुमार शर्मा, कलेक्टर
14 पुरुष अभ्यर्थियों को महिला अभ्यर्थी बताकर जारी कर दी सूची
2मई 2017 को जारी लेवल प्रथम के 39 अभ्यर्थियों में सूची में 14 पुरुष अभ्यर्थी हैं, वही 25 महिला अभ्यर्थी हैं। इसके बाद भी जिला परिषद ने 39 अभ्यर्थियों की इस सूची में प्रथम द्वितीय क्रमांक को ही पुरुष दर्शाया गया है, शेष सभी को महिला कर दिया है।
इसमें अभ्यर्थी किरण सहीराम के 113.62 नंबर थे। इसे जिला परिषद ने बिना रिक्त पद जारी किए 2 मई 2017 को बाली ब्लॉक के लाटड़ा ग्राम पंचायत के सादड़ा विद्यालय में नियुक्ति दे दी गई। इधर, 2 मई 17 के बाद जिला परिषद शिक्षा विभाग ने पंचायतीराज विभाग को 29 अभ्यर्थियों की सूची भेजी, जबकि काउंसलिंग सूची सिर्फ 27 अभ्यर्थियों की ही जारी की गई थी। काउंसलिंग के समय सिर्फ 11 अभ्यर्थी उपस्थित हुए, जबकि जिला परिषद द्वारा 25 नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति सूची जारी की गई थी।
एक सीट खाली होते हुए भी दिव्यांग मोहम्मद सेराज को नियुक्ति नहीं दी
द्वितीयलेवल उर्दू विषय में कुल 18 पद थे। इसमें 30 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जिला परिषद सितंबर 2012 सितंबर 2013 की सूची जारी की गई। इसमें सिर्फ 13 उर्दू के शिक्षक कार्यरत हैं। इसके बाद जिला परिषद द्वारा 2 मई 2017 को सिर्फ दो पदों की काउंसलिंग सूची जारी की गई। इसमें दो अभ्यर्थी उपस्थित हुए उनको नियुक्ति दे दी, वहीं इसके बाद विभाग को भेजे आंकड़ों के अनुसार बाहर हुए दो अभ्यर्थियों को समायोजित कर दिया। इसके बाद भी वर्तमान में उर्दू विषय में एक पद रिक्त है, जबकि जिला परिषद शून्य बता रहा है। इसके बावजूद दिव्यांग मोहम्मद सेराज को आरक्षण कोटा होने के बाद भी नियुक्ति से वंचित कर दिया।
नियुक्ति की सूची में नाम गायब, इसके बाद भी नौैकरी कर रही किरण सहीराम
आरटीआईसे जानकारी के तहत जिला परिषद द्वारा 25 नए अभ्यर्थी सूची जारी की गई। इस सूची में किरण सहीराम का नाम तक नहीं है, जबकि वह संशोधित परिणाम के बाद 2 मई 17 को काउंसलिंग में उपस्थित हुई थी। उसे 18 मई 2017 को बाली ब्लॉक का आवंटन किया गया था। बीडीओ द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में किरण का नाम क्रम संख्या 11 पर दर्ज है। इसके बाद भी जिला परिषद द्वारा विभाग को भेजी नियुक्ति सूची में किरण का नाम गायब कर दिया है, जबकि वो वर्तमान में भी कट ऑफ से कम नंबर होते हुए भी शिक्षक पद पर कार्यरत है। 2012 की शिक्षक भर्ती में प्रथम नियुक्ति सितंबर 2012, द्वितीय नियुक्ति सितंबर 2013 तृतीय नियुक्ति मई 2017 की सामूहिक सूची में किरण सहीराम का नाम नहीं है, लेकिन इसको रिमार्क करते हुए खाली ही छोड़ दिया।
वंचित अभ्यर्थियों का आरोप : अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए की मनमर्जी
2012की भर्ती में योग्य होने के बाद भी बाहर हो रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि ये महज छोटी त्रुटि नहीं, अंदेशा है इन गड़बडिय़ों के बहाने कई नाम जोड़ने-हटाने का। बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि यह साधारण मानवीय भूल नहींं है। जानबूझकर जिला परिषद के कार्मिकों ने ऐसे कई नाम जोड़े हटाए। इनकी आड़ में कई लोगों को नौकरी दी गई जिनके नाम सूची में ही नहीं थे।
लेवलप्रथम में अब भी 53 पद खाली
2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों की नियुक्ति दर्शायी गई है, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा किया जा रहा है।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि अपनी करतूतें छुपाने के लिए शिक्षा विभाग जिला परिषद ने हड़बड़ी में सूची भी जारी कर दी। इस सूची में किसी का नाम नहीं हैैै, तो पुरुष होने के बाद भी 14-14 लोगों को महिला अभ्यर्थी बना दिया।
इन अधिकारियों कर्मचारियों की गड़बड़ियां यहीं नहीं रुकने वाली थीं। तीसरे संशोधित परिणाम के बाद कट ऑफ से कम नंबर होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति दे दी। इसके बाद विभाग को भेजे आंकड़ों में अभ्यर्थियों के नाम तक गायब कर दिए। आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर विभाग सरकार को भेजे आंकड़ों में पूरी तरह से घोटाले का अंदेशा लग रहा है। एक ही सूची में एक ही अभ्यर्थी को दो बार शामिल कर दिया गया है। साथ ही मेरिट में शामिल होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। यही नहीं, विभाग एक तरफ कोर्ट के आदेश लेकर रहे अभ्यर्थियों को यह कहकर लौटा रहा है कि पद खाली नहीं है, वहीं आरटीआई में जारी सूचियों के अनुसार अभी भी पद खाली है। नियमानुसार तीसरे संशोधित परिणाम के बाद काउंसलिंग में अनुपस्थित लोगों को नौकरी नहीं मिलनी थी, लेकिन गुपचुप में उन्हें भी बुलाकर नियुक्ति दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
^सीईओ डीईओ को बुलाकर पूरे मामले की जांच कराएंगे। नियमानुसार योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। बेरोजगारों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे। -सुधीर कुमार शर्मा, कलेक्टर
14 पुरुष अभ्यर्थियों को महिला अभ्यर्थी बताकर जारी कर दी सूची
2मई 2017 को जारी लेवल प्रथम के 39 अभ्यर्थियों में सूची में 14 पुरुष अभ्यर्थी हैं, वही 25 महिला अभ्यर्थी हैं। इसके बाद भी जिला परिषद ने 39 अभ्यर्थियों की इस सूची में प्रथम द्वितीय क्रमांक को ही पुरुष दर्शाया गया है, शेष सभी को महिला कर दिया है।
इसमें अभ्यर्थी किरण सहीराम के 113.62 नंबर थे। इसे जिला परिषद ने बिना रिक्त पद जारी किए 2 मई 2017 को बाली ब्लॉक के लाटड़ा ग्राम पंचायत के सादड़ा विद्यालय में नियुक्ति दे दी गई। इधर, 2 मई 17 के बाद जिला परिषद शिक्षा विभाग ने पंचायतीराज विभाग को 29 अभ्यर्थियों की सूची भेजी, जबकि काउंसलिंग सूची सिर्फ 27 अभ्यर्थियों की ही जारी की गई थी। काउंसलिंग के समय सिर्फ 11 अभ्यर्थी उपस्थित हुए, जबकि जिला परिषद द्वारा 25 नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति सूची जारी की गई थी।
एक सीट खाली होते हुए भी दिव्यांग मोहम्मद सेराज को नियुक्ति नहीं दी
द्वितीयलेवल उर्दू विषय में कुल 18 पद थे। इसमें 30 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जिला परिषद सितंबर 2012 सितंबर 2013 की सूची जारी की गई। इसमें सिर्फ 13 उर्दू के शिक्षक कार्यरत हैं। इसके बाद जिला परिषद द्वारा 2 मई 2017 को सिर्फ दो पदों की काउंसलिंग सूची जारी की गई। इसमें दो अभ्यर्थी उपस्थित हुए उनको नियुक्ति दे दी, वहीं इसके बाद विभाग को भेजे आंकड़ों के अनुसार बाहर हुए दो अभ्यर्थियों को समायोजित कर दिया। इसके बाद भी वर्तमान में उर्दू विषय में एक पद रिक्त है, जबकि जिला परिषद शून्य बता रहा है। इसके बावजूद दिव्यांग मोहम्मद सेराज को आरक्षण कोटा होने के बाद भी नियुक्ति से वंचित कर दिया।
नियुक्ति की सूची में नाम गायब, इसके बाद भी नौैकरी कर रही किरण सहीराम
आरटीआईसे जानकारी के तहत जिला परिषद द्वारा 25 नए अभ्यर्थी सूची जारी की गई। इस सूची में किरण सहीराम का नाम तक नहीं है, जबकि वह संशोधित परिणाम के बाद 2 मई 17 को काउंसलिंग में उपस्थित हुई थी। उसे 18 मई 2017 को बाली ब्लॉक का आवंटन किया गया था। बीडीओ द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में किरण का नाम क्रम संख्या 11 पर दर्ज है। इसके बाद भी जिला परिषद द्वारा विभाग को भेजी नियुक्ति सूची में किरण का नाम गायब कर दिया है, जबकि वो वर्तमान में भी कट ऑफ से कम नंबर होते हुए भी शिक्षक पद पर कार्यरत है। 2012 की शिक्षक भर्ती में प्रथम नियुक्ति सितंबर 2012, द्वितीय नियुक्ति सितंबर 2013 तृतीय नियुक्ति मई 2017 की सामूहिक सूची में किरण सहीराम का नाम नहीं है, लेकिन इसको रिमार्क करते हुए खाली ही छोड़ दिया।
वंचित अभ्यर्थियों का आरोप : अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए की मनमर्जी
2012की भर्ती में योग्य होने के बाद भी बाहर हो रहे अभ्यर्थियों का आरोप है कि ये महज छोटी त्रुटि नहीं, अंदेशा है इन गड़बडिय़ों के बहाने कई नाम जोड़ने-हटाने का। बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि यह साधारण मानवीय भूल नहींं है। जानबूझकर जिला परिषद के कार्मिकों ने ऐसे कई नाम जोड़े हटाए। इनकी आड़ में कई लोगों को नौकरी दी गई जिनके नाम सूची में ही नहीं थे।
लेवलप्रथम में अब भी 53 पद खाली
2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों की नियुक्ति दर्शायी गई है, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा किया जा रहा है।
No comments:
Post a Comment