2012में शिक्षक भर्ती में जिला परिषद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इतने बड़े स्तर पर गड़बडिय़ों की है जिसका अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता है। आरटीआई में मिली सूचना के आधार पर विभाग सरकार को भेजे आंकड़ों में पूरी तरह से घोटाले का अंदेशा लग रहा है।
एक ही सूची में एक ही अभ्यर्थियों को दो बार शामिल कर दिया जाता है। साथ ही मेरिट में शामिल होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। चौंकाने वाली बात यह कि कटऑफ में शामिल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं दे रहे है। अभ्यर्थी निर्मला इसरानी के प्रथम लेवल में 81 नंबर है। संशोधित परिणाम में जो कटऑफ के बराबर है। इसके बाद भी 2 मई 2017 को काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची में नाम नहीं है।
चौंकाने वाली बात यह कि शिक्षा विभाग जिला परिषद द्वारा 35 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की सूची में निर्मला इसरानी का नाम को शामिल कर दिया है। विभाग एक तरफ कोर्ट के आदेश लेकर रहे अभ्यर्थियों को यह कहकर लौटा रहा है कि पद खाली नहीं हैं वहीं आरटीआई में जारी सूचियों के अनुसार अभी भी पद खाली हैं। नियमानुसार तीसरे संशोधित परिणाम के बाद काउंसलिंग में अनुपस्थित लोगों को नौकरी नहीं मिलनी थी। लेकिन गुपचुप में उन्हें भी बुलाकर नियुक्ति दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
{लेवल प्रथम में कुल पद - 602
{दो संशोधित परिणाम में नियुक्ति दी - 485
{सरकार को भेजी सूची में नियुक्ति दर्शाई - 502
{तीसरे संशोधित परिणाम में सरकार को सूचना भेजी 75 अभ्यर्थियों की
{काउंसलिंग के लिए लिस्ट जारी की 39 अभ्यर्थियों की
{जबकि नियुक्ति सूची बता रहे - 35
{काउंसलिंग में आए अभ्यर्थी सिर्फ - 22
(आरटीआई में मिली सूचना के आधार पर)
रिपोर्ट लेकर कार्रवाई करेंगे : कलेक्टर
^पूरेमामले को लेकर सीईओ शिक्षा विभाग के अधिकारियों से दिखवाता हूं। पूरे मामले की रिपोर्ट लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। योग्य अभ्यर्थियों को नियमानुसार नियुक्ति देंगे। -सुधीरकुमार शर्मा, कलेक्टर
तीसरे संशोधित परिणाम में प्रथम लेवल की विधवा परित्यक्ता कोटे में 81 कट ऑफ गई। इस आधार पर ब्यावर निवासी निर्मला इसरानी नियुक्ति के लिए पाली पहुंची। उसे कहा गया आपका नाम लिस्ट में नहीं। जबकि संशोधित परिणाम के बाद 35 अभ्यर्थियों की सूची में उसका नाम पांचवें नंबर पर शामिल था। इसी सूची में फिर 7वें नंबर पर नाथूराम का नाम जोड़ा गया। वह अगले दिन 2 मई को काउंसलिंग में भी आई लेकिन उसे शामिल नहीं किया। अब तक वह लगातार चक्कर काट रही है लेकिन कहा जा रहा है कि पद खाली नहीं है, उसका नाम सूची में भी नहीं है।
कोर्ट के आदेश पर जारी तीसरे संशोधित परिणाम की 2 मई 2017 को काउंसलिंग के बाद नौकरी के योग्य माने गए अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। इसमें 39 नाम थे। हालांकि यह लिस्ट 75 की बनी थी। काउंसलिंग में 22 ही लोग आए थे। इसके बावजूद 35 लोगों की अंतिम सूची जारी कर दी गई। इस सूची में नाथूराम जाट का नाम क्रम संख्या 5 पर भी है, तो 39 नंबर पर भी हैरत की बात यह कि नाथूराम 2013 की शिक्षक भर्ती में चयनित होकर 20 मार्च 2015 से रायपुर उपखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय आकेली में कार्यरत है।
काउंसलिंगमें अनुपस्थित रहा जाट, इसलिए वह योग्य नहीं था, उसके बावजूद दे दी नियुक्ति
2मई 17 को नाथूराम पाली के टैगोर नगर स्कूल में काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हुआ था। इसके बाद भी जिला परिषद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसको बाली ब्लॉक आवंटित कर दिया। बाली के बीडीओ ने 18 मई 17 को इसी नाथूराम को राजकीय प्राथमिक विद्यालय चालिया की भागल, कोयलवाव में पोस्टिंग दे दी।
भास्कर में 26 नवंबर को प्रकाशित समाचार
आरटीआई में मिली जानकारी सरकार को भेजे आंकड़ों में अंतर के अनुसार लेवल प्रथम में अब भी 53 पद खाली
2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दर्शाई गई, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा कर रहे हैं।
....जबकि कटऑफ के साथ नियुक्ति सूची में शामिल महिला अभ्यर्थी को पद खाली नहीं होने का बहाना कर कटवा रहे चक्कर
बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि यह साधारण मानवीय भूल नहीं है। जानबूझकर जिला परिषद के कार्मिकों ने ऐसे कई नाम जोड़े हटाए। इनकी आड़ में कई लोगों को नौकरी दी गई जो लिस्ट में नहीं थे।
एक ही सूची में एक ही अभ्यर्थियों को दो बार शामिल कर दिया जाता है। साथ ही मेरिट में शामिल होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। चौंकाने वाली बात यह कि कटऑफ में शामिल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं दे रहे है। अभ्यर्थी निर्मला इसरानी के प्रथम लेवल में 81 नंबर है। संशोधित परिणाम में जो कटऑफ के बराबर है। इसके बाद भी 2 मई 2017 को काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची में नाम नहीं है।
चौंकाने वाली बात यह कि शिक्षा विभाग जिला परिषद द्वारा 35 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की सूची में निर्मला इसरानी का नाम को शामिल कर दिया है। विभाग एक तरफ कोर्ट के आदेश लेकर रहे अभ्यर्थियों को यह कहकर लौटा रहा है कि पद खाली नहीं हैं वहीं आरटीआई में जारी सूचियों के अनुसार अभी भी पद खाली हैं। नियमानुसार तीसरे संशोधित परिणाम के बाद काउंसलिंग में अनुपस्थित लोगों को नौकरी नहीं मिलनी थी। लेकिन गुपचुप में उन्हें भी बुलाकर नियुक्ति दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
{लेवल प्रथम में कुल पद - 602
{दो संशोधित परिणाम में नियुक्ति दी - 485
{सरकार को भेजी सूची में नियुक्ति दर्शाई - 502
{तीसरे संशोधित परिणाम में सरकार को सूचना भेजी 75 अभ्यर्थियों की
{काउंसलिंग के लिए लिस्ट जारी की 39 अभ्यर्थियों की
{जबकि नियुक्ति सूची बता रहे - 35
{काउंसलिंग में आए अभ्यर्थी सिर्फ - 22
(आरटीआई में मिली सूचना के आधार पर)
रिपोर्ट लेकर कार्रवाई करेंगे : कलेक्टर
^पूरेमामले को लेकर सीईओ शिक्षा विभाग के अधिकारियों से दिखवाता हूं। पूरे मामले की रिपोर्ट लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। योग्य अभ्यर्थियों को नियमानुसार नियुक्ति देंगे। -सुधीरकुमार शर्मा, कलेक्टर
तीसरे संशोधित परिणाम में प्रथम लेवल की विधवा परित्यक्ता कोटे में 81 कट ऑफ गई। इस आधार पर ब्यावर निवासी निर्मला इसरानी नियुक्ति के लिए पाली पहुंची। उसे कहा गया आपका नाम लिस्ट में नहीं। जबकि संशोधित परिणाम के बाद 35 अभ्यर्थियों की सूची में उसका नाम पांचवें नंबर पर शामिल था। इसी सूची में फिर 7वें नंबर पर नाथूराम का नाम जोड़ा गया। वह अगले दिन 2 मई को काउंसलिंग में भी आई लेकिन उसे शामिल नहीं किया। अब तक वह लगातार चक्कर काट रही है लेकिन कहा जा रहा है कि पद खाली नहीं है, उसका नाम सूची में भी नहीं है।
कोर्ट के आदेश पर जारी तीसरे संशोधित परिणाम की 2 मई 2017 को काउंसलिंग के बाद नौकरी के योग्य माने गए अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। इसमें 39 नाम थे। हालांकि यह लिस्ट 75 की बनी थी। काउंसलिंग में 22 ही लोग आए थे। इसके बावजूद 35 लोगों की अंतिम सूची जारी कर दी गई। इस सूची में नाथूराम जाट का नाम क्रम संख्या 5 पर भी है, तो 39 नंबर पर भी हैरत की बात यह कि नाथूराम 2013 की शिक्षक भर्ती में चयनित होकर 20 मार्च 2015 से रायपुर उपखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय आकेली में कार्यरत है।
काउंसलिंगमें अनुपस्थित रहा जाट, इसलिए वह योग्य नहीं था, उसके बावजूद दे दी नियुक्ति
2मई 17 को नाथूराम पाली के टैगोर नगर स्कूल में काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हुआ था। इसके बाद भी जिला परिषद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसको बाली ब्लॉक आवंटित कर दिया। बाली के बीडीओ ने 18 मई 17 को इसी नाथूराम को राजकीय प्राथमिक विद्यालय चालिया की भागल, कोयलवाव में पोस्टिंग दे दी।
भास्कर में 26 नवंबर को प्रकाशित समाचार
आरटीआई में मिली जानकारी सरकार को भेजे आंकड़ों में अंतर के अनुसार लेवल प्रथम में अब भी 53 पद खाली
2मई 17 को जिला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजे गए आंकड़े में 75 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दर्शाई गई, जबकि काउंसलिंग की सिर्फ 39 की अभ्यर्थियों की ही सूची जारी गई। इसमें से 22 अभ्यर्थियों ने ही उपस्थिति दी। इसके चलते 53 पद रिक्त हैं, जबकि कागजों में खानापूर्ति करके बेरोजगारों के साथ छलावा कर रहे हैं।
....जबकि कटऑफ के साथ नियुक्ति सूची में शामिल महिला अभ्यर्थी को पद खाली नहीं होने का बहाना कर कटवा रहे चक्कर
बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि यह साधारण मानवीय भूल नहीं है। जानबूझकर जिला परिषद के कार्मिकों ने ऐसे कई नाम जोड़े हटाए। इनकी आड़ में कई लोगों को नौकरी दी गई जो लिस्ट में नहीं थे।
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