शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी से जुझ रहे प्रदेश के सबसे बड़े
राजस्थान विश्वविद्यालय के लिए NIRF की टॉप 100 रैकिंग में जगह बनाना
मुश्किल होगा।
नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में भाग लेकर अच्छी रैंक हासिल करने वाले विश्वविद्यालय को अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से फंडिंग भी दी जाएगी। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय में लगातार आ रहे शोध कार्यों की कमी के कारण नैक से प्राप्त ए रैंक के इस विश्वविद्यालय को टॉप 100 में जगह बनाना एक चुनौती होगा। जिससे यह विश्वविद्यालय एमएचआरडी की ओर से मिलने वाली फंडिग का लाभ नहीं ले सकेगा।
एनआईआरएफ ने 2018 की रैकिंग के लिए आवेदन मांगे है। एनआईआरएफ उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग पांच मापदंडों के आधार पर तय करता है। इन मापदंडों में शिक्षण संस्थानों की पहुंच व समावेशिता, शोध कार्य, व्यावसायिक प्रक्रियाएं, शिक्षण-अधिगम संसाधन यूजी के परीक्षा परिणाम और अवधारणा जैसे मानक शामिल हैं। लेकिन इन सभी मापदंडो में आरयू पिछड़ रहा है। इस वर्ष यूजी के परीक्षा परिणाम की खामियों, परिणाम में गिरावट के कारण आरयू का फिर टॉप 100 संस्थानों में जगह बनाना मुश्किल दिखाई दे रहा हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों की पहली इंडिया रैंकिंग 2016 में पेश हुई थी।
शोध की गिरती सीट लाएगी रैकिंग में गिरावट -
राजस्थान विश्वविद्यालय 2016 के बाद से शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। साथ ही शिक्षकों का प्रमोशन भी नहीं है। एेसे में यूजीसी के नए नियमों और विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण 2015 के बाद से पीएचडी का एंट्रेस टेस्ट एमपेट भी नहीं हो पाया है। साथ ही विश्वविद्यालय में लगातर कर्मचारियों और शिक्षकों के रिटायर्ड होने के बाद अब केवल तीस के करीब ही प्रोफेसर रह गए है। जिससे शोध की सीटों में भी गिरावट आई है और दो वर्षों से नए शोध भी नहीं हो रहे है।
आेवरऑल रैकिंग में टॉप सौ में जगह नहीं बना पाया था विश्वविद्यालय -
गत वर्ष एनआईआरएफ ने देशभर के शीर्ष शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग सूची जारी की थी। इसमें राजस्थान का एक भी संस्थान टॉप-टेन में स्थान नहीं बना पाया है। वहीं यूनिवर्सिटी श्रेणी में प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय को देशभर में 79वां स्थान मिला था। लेकिन बीकानेर के पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि रैंक में 68वें स्थान पर था। साथ ही बिरला इंस्टीट्यूट 13वीं और वनस्थली विद्यापीठ निवाई 53वीं रैंक पर रहा। इसके बाद आरयू और बीकानेर विवि का स्थान आया था। रैंकिंग की ओवरऑल सूची में बिरला इंस्टीट्यूट, पिलानी, 21वें स्थान पर रहा तो उदयपुर का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट 63वें स्थान पर रहा था। इसके अलावा टॉप सौ में राज्य के अन्य संस्थानों को स्थान नहीं मिला। वहीं देशभर के टॉप सौ कॉलेजों की श्रेणी में राजस्थान से एक भी कॉलेज शामिल नहीं हो पाया था। जबकि राजस्थान में करीब 550 से अधिक कॉलेज हैं। वही ओवरऑल रैकिंग में टॉप दौ सौ में भी राजस्थान विश्वविद्यालय जगह नहीं बना सका था।
नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में भाग लेकर अच्छी रैंक हासिल करने वाले विश्वविद्यालय को अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से फंडिंग भी दी जाएगी। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय में लगातार आ रहे शोध कार्यों की कमी के कारण नैक से प्राप्त ए रैंक के इस विश्वविद्यालय को टॉप 100 में जगह बनाना एक चुनौती होगा। जिससे यह विश्वविद्यालय एमएचआरडी की ओर से मिलने वाली फंडिग का लाभ नहीं ले सकेगा।
एनआईआरएफ ने 2018 की रैकिंग के लिए आवेदन मांगे है। एनआईआरएफ उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग पांच मापदंडों के आधार पर तय करता है। इन मापदंडों में शिक्षण संस्थानों की पहुंच व समावेशिता, शोध कार्य, व्यावसायिक प्रक्रियाएं, शिक्षण-अधिगम संसाधन यूजी के परीक्षा परिणाम और अवधारणा जैसे मानक शामिल हैं। लेकिन इन सभी मापदंडो में आरयू पिछड़ रहा है। इस वर्ष यूजी के परीक्षा परिणाम की खामियों, परिणाम में गिरावट के कारण आरयू का फिर टॉप 100 संस्थानों में जगह बनाना मुश्किल दिखाई दे रहा हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों की पहली इंडिया रैंकिंग 2016 में पेश हुई थी।
शोध की गिरती सीट लाएगी रैकिंग में गिरावट -
राजस्थान विश्वविद्यालय 2016 के बाद से शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। साथ ही शिक्षकों का प्रमोशन भी नहीं है। एेसे में यूजीसी के नए नियमों और विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण 2015 के बाद से पीएचडी का एंट्रेस टेस्ट एमपेट भी नहीं हो पाया है। साथ ही विश्वविद्यालय में लगातर कर्मचारियों और शिक्षकों के रिटायर्ड होने के बाद अब केवल तीस के करीब ही प्रोफेसर रह गए है। जिससे शोध की सीटों में भी गिरावट आई है और दो वर्षों से नए शोध भी नहीं हो रहे है।
आेवरऑल रैकिंग में टॉप सौ में जगह नहीं बना पाया था विश्वविद्यालय -
गत वर्ष एनआईआरएफ ने देशभर के शीर्ष शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग सूची जारी की थी। इसमें राजस्थान का एक भी संस्थान टॉप-टेन में स्थान नहीं बना पाया है। वहीं यूनिवर्सिटी श्रेणी में प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय को देशभर में 79वां स्थान मिला था। लेकिन बीकानेर के पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि रैंक में 68वें स्थान पर था। साथ ही बिरला इंस्टीट्यूट 13वीं और वनस्थली विद्यापीठ निवाई 53वीं रैंक पर रहा। इसके बाद आरयू और बीकानेर विवि का स्थान आया था। रैंकिंग की ओवरऑल सूची में बिरला इंस्टीट्यूट, पिलानी, 21वें स्थान पर रहा तो उदयपुर का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट 63वें स्थान पर रहा था। इसके अलावा टॉप सौ में राज्य के अन्य संस्थानों को स्थान नहीं मिला। वहीं देशभर के टॉप सौ कॉलेजों की श्रेणी में राजस्थान से एक भी कॉलेज शामिल नहीं हो पाया था। जबकि राजस्थान में करीब 550 से अधिक कॉलेज हैं। वही ओवरऑल रैकिंग में टॉप दौ सौ में भी राजस्थान विश्वविद्यालय जगह नहीं बना सका था।
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